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देश का पहला वर्ल्ड क्लास प्राइवेट रेलवे स्टेशन हबीबगंज (Habibganj Station) आखिर क्यों है विवादों में?

15 नवंबर को पीएम मोदी (PM Modi) भोपाल में देश के पहले वर्ल्ड क्लास प्राइवेट रेलवे स्टेशन हबीबगंज (Habibganj Station) का उद्घाटन करेंगे. ISO प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सारी सुविधाएं होंगी. लेकिन उद्घाटन से पहले ही ये स्टेशन विवादों में घिर गया है.

Habibganj Station
हबीबगंज स्टेशन
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Published : Nov 11, 2021, 10:07 PM IST

भोपाल/ग्वालियर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 15 नवंबर को मध्य प्रदेश(MP) की राजधानी भोपाल (Bhopal) आ रहे हैं. इस दौरान पीएम देश के पहले वर्ल्ड क्लास प्राइवेट रेलवे स्टेशन (Habibganj Station) का उद्घाटन करेंगे. इस स्टेशन पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हॉस्पिटल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग, हाई सिक्योरिटी समेत कई सुविधाएं मिलेंगी. इस रेलवे स्टेशन पर सुविधाएं तो एयरपोर्ट जैसी है, लेकिन इसे लेकर विवाद भी गहरता जा रहा है. एक ओर जहां इसका नाम बदलने की मांग उठ रही है. वहीं बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया ने एक बयान देकर नया विवाद छेड़ दिया है.

भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया

वसूली करते थे हबीब मियां- पवैया

मध्य प्रदेश में एयरपोर्ट की तर्ज पर भोपाल के हबीबगंज स्टेशन (Habibganj Station) को आधुनिक तरीके से बनाया गया है. लेकिन इसके नाम को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. अब भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया के बयान के बाद विवाद के गहराने की आशंका है. बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक और बीजेपी के सीनियर लीडर जयभान सिंह पवैया ने हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने की मांग करते हुए कहा कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर होना चाहिए. क्योंकि स्टेशन को देश के सर्वे श्रेष्ठ स्टेशन के रूप में बनाया गया है, मेरी भावना है, उसका नाम भी सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए. ये एयरपोर्ट की दर्ज पर स्टेशन है, लेकिन नाम हबीबगंज है, जहां तक मुझे पता चला है हबीब तो वसूली किया करते थे, मैंने अपनी भावना को नेतृत्व के पास पहुंच दिया है, रेलवे बोर्ड भी जल्द विचार करेगा.

नाम बदलने की वकालत कर चुके कई भाजपाई

हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने की मांग पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने सबसे पहले की थी. वहीं पीएम के भोपाल दौरे से पहले सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने हबीबगंज का नाम बदल कर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की अपील की, इसे लेकर साध्वी प्रज्ञा ने पत्र भी लिखा है. वहीं पूर्व मंत्री जयभान सिंह के साथ-साथ बीजेपी सांसद राव उदय प्रताप ने भी कहा कि हबीबगंज स्टेशन (Habibganj Station) का नाम बदलना चाहिए. दरअसल हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने को लेकर प्रस्ताव भी राज्यसभा में दिया गया है, इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार भी अपना प्रपोजल भेज चुकी है, हालांकि स्टेशन का नाम गृह मंत्रालय बदलेगा. अब सबको इंतजार है कि 15 नवंबर को जब प्रधानमंत्री भोपाल आएंगे तो क्या वे स्टेशन का नाम बदलने की घोषणा करेंगे.

तिरंगा थीम पर जगमगाता हबीबगंज स्टेशन

कैसे पड़ा हबीबगंज का नाम?

माना जाता है कि अंग्रेजों ने साल 1905 में इस जगह को बनाया था और पहले इसका इसका नाम शाहपुर था. बाद में हबीबगंज का नाम हबीब मियां के नाम पर रखा गया था. दरअसल, हबीब मियां ने 1979 में स्टेशन के विस्तार के लिए अपनी जमीन दान में दी थी. इसके बाद इस स्टेशन का नाम हबीबगंज रखा गया. उस दौरान आज के मध्य प्रदेश का नाम गंज हुआ करता था, इसलिए दोनों को जोड़कर हबीबगंज नाम रखा गया.

क्या अर्थ है हबीब का?

ISO प्रमाण पत्र हासिल करने वाला देश का पहला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज के आसपास की सुंदरता, यहां की हरियाली और झीलें इसकी सुंदरता को बढ़ा देती थी अरबी भाषा में हबीब का अर्थ होता है प्यारा और सुंदर. भोपाल के नबाव की बेगम ने यहां की हरियाली और झीलों के बीच बसे इस रेलवे स्टेशन की सुंदरता को देखते हुए इसे हबीबगंज नाम दिया था.

कांग्रेस MLA के बेटे ने कनपटी पर मारी गोली, सुसाइड नोट में लिखा, मेरे मम्मी-पापा बहुत अच्छे हैं

तिरंगा थीम पर जगमगाया स्टेशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को देश के पहले वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी वाले हबीबगंज रेलवे स्टेशन (Habibganj Station) का उद्घाटन करने जा रहे हैं. इससे पहले ही यह स्टेशन आजादी के 75 वर्ष के अमृत महोत्सव को ध्यान में रखते हुए तिरंगा थीम पर जगमगा उठा है. स्टेशन के बाहर तिरंगा थीम पर लाइटिंग की गई है जो कि लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

हबीबगंज को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन क्यों कहा जा रहा है

रेलवे स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग के अनुसार डिजाइन किया गया है. इसमें प्राकृतिक रोशनी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होगा. बेहतर वेंटीलेशन री-साईकिल योग्य सामग्री का उपयोग, सौर ऊर्जा का दोहन, वाटर हार्वेस्टिंग और पर्यावरण के अनुकूल होना इसकी खासियत है. इसमें स्टेशन के दोनों तरफ टर्मिनल भवन, कॉर्नशेयर, सबवे और प्लेटफार्म खास हैं. रेलवे स्टेशन की कुल बिजली की मांग 950 किलोवाट है. रेलवे स्टेशन के लिए सोलर प्लांट से 660 किलोवाट बिजली मिलेगी.

हबीबगंज में व्यवस्था चाक-चौबंद

इस स्टेशन के चप्पे-चप्पे पर कैमरे लगे हैं. स्टेशन पर एक साथ 1000 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चप्पे-चप्पे पर 162 high-resolution वाले कैमरे लगाए गए हैं .यहां पर एक कंट्रोल रूम का भी निर्माण किया गया है ,जहां से स्टेशन के अंदर और बाहर नजर रखी जा सकती है. स्टेशन के वेटिंग एरिया में एक साथ 700 लोग बैठ सकेंगे, वही प्लेटफॉर्म पर 300 लोगों की एक साथ बैठने की व्यवस्था है. यहां पर दो वेटिंग रूम भी बनाए गए हैं. हर वेटिंग रूम में 75 लोगों के बैठने की व्यवस्था है.

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एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं होंगी

री डेवलपमेंट के बाद इस स्टेशन पर ऐसी सुविधा मिलेंगी जो मौजूदा समय में भारत के किसी भी स्टेशन पर नहीं है. शॉपिंग कॉम्पलेक्स, अस्पताल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग हाई सिक्योरिटी समेत कई वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मिलेंगी.

भोपाल/ग्वालियर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 15 नवंबर को मध्य प्रदेश(MP) की राजधानी भोपाल (Bhopal) आ रहे हैं. इस दौरान पीएम देश के पहले वर्ल्ड क्लास प्राइवेट रेलवे स्टेशन (Habibganj Station) का उद्घाटन करेंगे. इस स्टेशन पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हॉस्पिटल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग, हाई सिक्योरिटी समेत कई सुविधाएं मिलेंगी. इस रेलवे स्टेशन पर सुविधाएं तो एयरपोर्ट जैसी है, लेकिन इसे लेकर विवाद भी गहरता जा रहा है. एक ओर जहां इसका नाम बदलने की मांग उठ रही है. वहीं बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया ने एक बयान देकर नया विवाद छेड़ दिया है.

भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया

वसूली करते थे हबीब मियां- पवैया

मध्य प्रदेश में एयरपोर्ट की तर्ज पर भोपाल के हबीबगंज स्टेशन (Habibganj Station) को आधुनिक तरीके से बनाया गया है. लेकिन इसके नाम को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. अब भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया के बयान के बाद विवाद के गहराने की आशंका है. बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक और बीजेपी के सीनियर लीडर जयभान सिंह पवैया ने हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने की मांग करते हुए कहा कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर होना चाहिए. क्योंकि स्टेशन को देश के सर्वे श्रेष्ठ स्टेशन के रूप में बनाया गया है, मेरी भावना है, उसका नाम भी सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए. ये एयरपोर्ट की दर्ज पर स्टेशन है, लेकिन नाम हबीबगंज है, जहां तक मुझे पता चला है हबीब तो वसूली किया करते थे, मैंने अपनी भावना को नेतृत्व के पास पहुंच दिया है, रेलवे बोर्ड भी जल्द विचार करेगा.

नाम बदलने की वकालत कर चुके कई भाजपाई

हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने की मांग पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने सबसे पहले की थी. वहीं पीएम के भोपाल दौरे से पहले सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने हबीबगंज का नाम बदल कर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की अपील की, इसे लेकर साध्वी प्रज्ञा ने पत्र भी लिखा है. वहीं पूर्व मंत्री जयभान सिंह के साथ-साथ बीजेपी सांसद राव उदय प्रताप ने भी कहा कि हबीबगंज स्टेशन (Habibganj Station) का नाम बदलना चाहिए. दरअसल हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने को लेकर प्रस्ताव भी राज्यसभा में दिया गया है, इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार भी अपना प्रपोजल भेज चुकी है, हालांकि स्टेशन का नाम गृह मंत्रालय बदलेगा. अब सबको इंतजार है कि 15 नवंबर को जब प्रधानमंत्री भोपाल आएंगे तो क्या वे स्टेशन का नाम बदलने की घोषणा करेंगे.

तिरंगा थीम पर जगमगाता हबीबगंज स्टेशन

कैसे पड़ा हबीबगंज का नाम?

माना जाता है कि अंग्रेजों ने साल 1905 में इस जगह को बनाया था और पहले इसका इसका नाम शाहपुर था. बाद में हबीबगंज का नाम हबीब मियां के नाम पर रखा गया था. दरअसल, हबीब मियां ने 1979 में स्टेशन के विस्तार के लिए अपनी जमीन दान में दी थी. इसके बाद इस स्टेशन का नाम हबीबगंज रखा गया. उस दौरान आज के मध्य प्रदेश का नाम गंज हुआ करता था, इसलिए दोनों को जोड़कर हबीबगंज नाम रखा गया.

क्या अर्थ है हबीब का?

ISO प्रमाण पत्र हासिल करने वाला देश का पहला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज के आसपास की सुंदरता, यहां की हरियाली और झीलें इसकी सुंदरता को बढ़ा देती थी अरबी भाषा में हबीब का अर्थ होता है प्यारा और सुंदर. भोपाल के नबाव की बेगम ने यहां की हरियाली और झीलों के बीच बसे इस रेलवे स्टेशन की सुंदरता को देखते हुए इसे हबीबगंज नाम दिया था.

कांग्रेस MLA के बेटे ने कनपटी पर मारी गोली, सुसाइड नोट में लिखा, मेरे मम्मी-पापा बहुत अच्छे हैं

तिरंगा थीम पर जगमगाया स्टेशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को देश के पहले वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी वाले हबीबगंज रेलवे स्टेशन (Habibganj Station) का उद्घाटन करने जा रहे हैं. इससे पहले ही यह स्टेशन आजादी के 75 वर्ष के अमृत महोत्सव को ध्यान में रखते हुए तिरंगा थीम पर जगमगा उठा है. स्टेशन के बाहर तिरंगा थीम पर लाइटिंग की गई है जो कि लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

हबीबगंज को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन क्यों कहा जा रहा है

रेलवे स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग के अनुसार डिजाइन किया गया है. इसमें प्राकृतिक रोशनी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होगा. बेहतर वेंटीलेशन री-साईकिल योग्य सामग्री का उपयोग, सौर ऊर्जा का दोहन, वाटर हार्वेस्टिंग और पर्यावरण के अनुकूल होना इसकी खासियत है. इसमें स्टेशन के दोनों तरफ टर्मिनल भवन, कॉर्नशेयर, सबवे और प्लेटफार्म खास हैं. रेलवे स्टेशन की कुल बिजली की मांग 950 किलोवाट है. रेलवे स्टेशन के लिए सोलर प्लांट से 660 किलोवाट बिजली मिलेगी.

हबीबगंज में व्यवस्था चाक-चौबंद

इस स्टेशन के चप्पे-चप्पे पर कैमरे लगे हैं. स्टेशन पर एक साथ 1000 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चप्पे-चप्पे पर 162 high-resolution वाले कैमरे लगाए गए हैं .यहां पर एक कंट्रोल रूम का भी निर्माण किया गया है ,जहां से स्टेशन के अंदर और बाहर नजर रखी जा सकती है. स्टेशन के वेटिंग एरिया में एक साथ 700 लोग बैठ सकेंगे, वही प्लेटफॉर्म पर 300 लोगों की एक साथ बैठने की व्यवस्था है. यहां पर दो वेटिंग रूम भी बनाए गए हैं. हर वेटिंग रूम में 75 लोगों के बैठने की व्यवस्था है.

आखिर सीएम शिवराज ने क्यों कहा- कमलनाथ ने किया वोटर्स और लोकतंत्र का अपमान

एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं होंगी

री डेवलपमेंट के बाद इस स्टेशन पर ऐसी सुविधा मिलेंगी जो मौजूदा समय में भारत के किसी भी स्टेशन पर नहीं है. शॉपिंग कॉम्पलेक्स, अस्पताल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग हाई सिक्योरिटी समेत कई वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मिलेंगी.

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