भोपाल। सफेद बाघ को रीवा के खुले जंगलों में बसाने की राज्य शासन संभावनाएं तलाश रही है. दरअसल एक शोध के बाद नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने लिखा है कि, सफेद बाघों को जंगल में बसाया जा सकता है. मामले को लेकर वन मंत्री उमंग सिंघार का कहना है कि, प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है.
वन मंत्री का कहना है कि, मध्य प्रदेश के जंगलों में बाघ सुरक्षित रूप से घूम सकें और रीवा के जंगलों में सफेद बाघों का कुनबा बेहतर तरीके से बढ़ सके, इसके लिए एनटीसीए ने जो प्रस्ताव भेजा है, उस पर विचार किया जा रहा है. सरकार की कोशिश रही है कि प्रदेश में ईको-टूरिज्म में बढ़ोतरी हो और पर्यटकों की संख्या मध्यप्रदेश में बढ़े, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
सफेद बाघ मध्यप्रदेश की शान हैं और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए और बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने के लिए सरकार गंभीर है, मध्यप्रदेश में अभी सफेद बाघों की संख्या 9 है और ये सभी रीवा स्थित वाइट टाइगर सफारी और इंदौर के चिड़ियाघरों में रखे गए हैं. यही वजह है कि सफेद बाघ को खुले बन में छोड़कर इस प्रजाति को संरक्षित करने की कोशिश की जा रही है.
गौरतलब है कि, 1952 में रीवा राजघराने के राजा मार्तंड सिंह को शिकार के वक्त सफेद बाघ मिला था, जिसे राजा अपने साथ ले आए और उसका नाम मोहन रखा, मोहन ने 34 संतानों को जन्म दिया. उसके कुनबे में 114 बाघ होने का रिकॉर्ड है. मोहन की संतान ही देश और विदेश में पहुंची हैं.