भोपाल। प्रदेश सरकार पानी बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जल सम्मेलन का शुभारंभ किया. यह कार्यक्रम राजधानी स्थित मिंटो हाल में आयोजित किया गया है. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे और जल-पुरुष राजेन्द्र सिंह शिरकत करने पहुंचे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुंख्यमंत्री ने कहा कि, 'आपके सोच और आपके सुझाव की हमें आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि, हम प्रदेश को ऐसा पहला प्रदेश बनाना चाहता हैं, जहां हम कुछ सालों बाद खड़े होकर कह सकें कि, हमारे प्रदेश में पानी की कोई कमी नहीं है. हम पूरे देश की पानी की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं, ऐ मेरा सपना है.
कार्यक्रम के बाद मीडिया से दिल्ली इलेक्शन में अब तक कांग्रेस का खाता नहीं खुलने की बात पर कहा कि, ये हम पहले से ही जानते थे, पर सबसे बड़ी बात ये है कि बीजेपी जो इतनी बड़ी-बड़ी बाते करती थी, उसका क्या हश्र हुआ. दिल्ली की जनता ने काम के आधार पर वोट दिया है.
मंत्री पांसे ने कहा कि, हमारा उद्देश्य मध्यप्रदेश के हर घर में नल से जल की आपूर्ति करना है, जो वर्तमान में कुल आबादी का 12 प्रतिशत है. 'राइट टू वाटर' अधिनियम के तहत राज्य में हर घर में न्यूनतम 55 लीटर पानी की आपूर्ति की जाएगी. कार्यक्रम में 'राइट टू वाटर' के तहत पानी को सहेजने, भूजल स्रोतों को पुनर्जीवित एवं संरक्षित करने साथ ही पानी का दुरुपयोग रोकने पर विस्तृत चर्चा की गई.