भोपाल। देश में समान नागरिक संहित लागू करने का मामला ट्रेंड कर रहा है. इस मामले पर एमपी में भी सियासत गरमाई हुई है. केंद्र सरकार इसे लागू करने के लिए अभी भले ही विचार कर रही हो, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने इसको लेकर एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया है. गुरुवार को सीएम शिवराज ने एक कार्यक्रम में कहा था कि, मैं देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के पक्षधर हूं. इसके बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका समर्थन किया और कमलनाथ से इसके बारे में जनता के सामने राय रखने के लिए कहा. इसपर कमलनाथ का तो नहीं लेकिन शुक्रवार को कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश ने वार किया है(Jairam Ramesh attack bjp for uniform civil code). उन्होंने बीजेपी पर चुनाव के दौरान समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाने का आरोप लगाया है.
प्रदेश के गृहमंत्री का कमलनाथ से सवाल: मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने समान नागरिक संहिता को लेकर कांग्रेस से उनका रुख साफ करने को कहा है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि, "जिन प्रदेशों में हमारी सरकार है वहां तो हम इसके लिए प्रयास कर ही रहे हैं. हमारे मुख्यमंत्री ने गुरुवार को इसके लिए कमेटी बनाने की बात कह दी है. अब इसको लेकर कांग्रेस अपना रुख स्पष्ट करें. गृहमंत्री मिश्रा ने कमलनाथ से कहा कि(Narottam Mishra targeted kamalnath), "अब समय आ गया है कि देश की एकता और अखंडता के लिए समान नागरिक संहिता की परिकल्पना को ठोस रूप दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट से जीती हुई शाहबानो को हराने वाले, राजनीतिक तुष्टीकरण की दृष्टि रखने वाले कुछ लोगों के पेट में दर्द जरूर हो सकता है, लेकिन मेरा कमलनाथ जी से आग्रह है कि वे कॉमन सिविल कोड पर अपना नजरिया जनता के सामने रखें."
जयराम रमेश ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा एक आंदोलन: प्रदेश के गृहमंत्री का कमलनाथ से सवाल के बाद अब कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश ने बीजेपी पर वार किया है. उन्होंने आगर मालवा जिले के सुमरा खेड़ी में मीडिया से शुक्रवार को कहा कि, "चुनाव होने पर भाजपा हमेशा समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाती है(uniform civil code law). इस बार गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव हो रहे हैं." यहां राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा पहुंची थी. जयराम नरेश ने कहा, "मैंने संसद में भी उल्लेख किया है कि जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता वाले लॉ कमिशन ने 31 अगस्त, 2018 को अपनी 250 पेज की रिपोर्ट में इस मुद्दे पर कहा था कि समान नागरिक संहिता न तो वांछनीय है और न ही आवश्यक है. जब भी चुनाव होते हैं, तब भाजपा हमेशा इसे उठाती है जो ध्रुवीकरण को बढ़ावा देती है." इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि भारत जोड़ो यात्रा कोई कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आंदोलन है.
CM शिवराज का बड़ा ऐलान, MP में समान नागरिक संहिता कानून लाने की तैयारी, गठित होगी कमेटी
क्या है समान नागरिक संहिता: पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने भी एक मामले की सुनवाई के दौरान देश में समान नागरिक संहिता (uniform civil code) लागू करने की वकालत की थी. केंद्र सरकार से इस दिशा में समुचित कदम उठाने के लिए कहा था. समान नागरिक संहिता का मतलब धर्म, समाज और वर्ग से ऊपर उठकर पूरे देश में एक समान कानून लागू करना है. इसके लागू हो जाने से पूरे देश में शादी, तलाक, उत्ताधिकार और गोद लेने जैसे तमाम सामाजिक मुद्दे सभी एक समान कानून के अंतर्गत आ जाते हैं. इसमें धर्म के आधार पर अलग से कोई कानूनी व्यवस्था नहीं होती.