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उपचुनाव से पहले बेरोजगार युवाओं ने बढ़ाई शिवराज की परेशानी, पूछा- कब मिलेगा रोजगार

प्रदेश में सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को नौकरी की चिंता अब इस हद तक ले आई है कि युवा रोजगार मांगने के लिए सड़क पर उतर आए हैं. पिछली नौकरियों की ज्वॉइनिंग भी नहीं हुई है, जिससे कई छात्रों में आक्रोश हैं. पढ़िए पूरी खबर...

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आखिर कब मिलेगा रोजगार ?
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Published : Sep 21, 2020, 7:20 PM IST

भोपाल। प्रदेश में लाखों युवा बेरोजगार भटक रहे हैं. उपचुनाव से पहले युवाओं का आक्रोश सरकार के लिए मुसीबत बन गया है. प्रदेश में सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को नौकरी की चिंता अब इस हद तक ले आई है कि युवा रोजगार मांगने के लिए सड़क पर उतर आए हैं. पिछले चार साल से सरकारी परीक्षाओं के लिए भर्ती नहीं निकली है, ऐसे में जो युवा सालों से परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, वे ओवर ऐज हो गए हैं और यही डर युवाओं को अपनी मांगों के लिए आंदोलन करने को मजबूर कर रहा है.

बेरोजगार युवाओं ने बढ़ाई शिवराज की परेशानी

3 साल बाद दोबारा भर्ती की मांग कर रहे युवा

प्रदेश में 2017 में एमपी पुलिस भर्ती निकली थी, 3 साल बाद युवा दोबारा भर्ती की मांग कर रहे हैं. इसी तरह शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में पास हुए अभ्यर्थी की दो साल बीत जाने के बाद भी जॉइनिंग नहीं हुई है. सहकारिता विभाग में कनिष्ठ संविदा विक्रेता जूनियर सैल्समेन के लिए भी 2018 में भर्ती निकाली गई थी, जिसमें एक लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया था, परिणाम एक साल बाद आया और पास हुए छात्रों को अभी तक नौकरी नहीं मिली है. इसका ताजा उदाहरण 4 सितंंबर को देखने को मिला, जब नौकरी की मांग कर रहे युवाओं पर लाठियां बरसाई गई थीं.

900 अतिथि विद्वानों को मिलेगी ज्वाइनिंग

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि उनकी सरकार में ज्यादा पद निकाले और भर्तियां की हैं. करीब 900 अतिथि विद्वानों को इसी महीने ज्वाइनिंग दी जाएगी. बेरोजगार युवा संघ के अध्यक्ष दिनेश चौहान ने बताया कि इस संघ का गठन साल 2019 में हुआ और आज लाखों युवा इस संगठन से जुड़े हुए है. इस संगठन में विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र शामिल हैं, जिनकी एक ही मांग है रोजगार.

मध्यप्रदेश में 93 हजार 533 पद खाली

सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 27,79,725 हो गई है. वहीं राज्य में कुल सरकारी पद 5 लाथ 65 हजार 849 है. जिसमें 4,72,307 पद भरे हुए हैं. 93 हजार 533 पद खाली पड़े हैं. शिक्षा विभाग में नियुक्तियों और नियमितिकरण की मांग को लेकर अतिथि शिक्षक और अतिथि विद्धान लंबे समय से विरोध प्रदर्शन और अनशन कर रहे हैं.

दिनेश चौहान का कहना है कि अगर सरकार ने इस साल नौकरियां नहीं निकालीं तो जिन पर लाठियां चलाई जा रही हैं वे आगे भी अपनी मांगों पर अड़े रहेंगे. आंदोलन जारी रखेंगे, जिसका खामियाजा सरकार को उप चुनाव में भुगतना पड़ सकता है. प्रदेश के 40 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार संघ से जुड़े हैं. हालांकि रोजगार कार्यायल के पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारों की संख्या 27 लाख 75 हजार 188 है.

भोपाल। प्रदेश में लाखों युवा बेरोजगार भटक रहे हैं. उपचुनाव से पहले युवाओं का आक्रोश सरकार के लिए मुसीबत बन गया है. प्रदेश में सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को नौकरी की चिंता अब इस हद तक ले आई है कि युवा रोजगार मांगने के लिए सड़क पर उतर आए हैं. पिछले चार साल से सरकारी परीक्षाओं के लिए भर्ती नहीं निकली है, ऐसे में जो युवा सालों से परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, वे ओवर ऐज हो गए हैं और यही डर युवाओं को अपनी मांगों के लिए आंदोलन करने को मजबूर कर रहा है.

बेरोजगार युवाओं ने बढ़ाई शिवराज की परेशानी

3 साल बाद दोबारा भर्ती की मांग कर रहे युवा

प्रदेश में 2017 में एमपी पुलिस भर्ती निकली थी, 3 साल बाद युवा दोबारा भर्ती की मांग कर रहे हैं. इसी तरह शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में पास हुए अभ्यर्थी की दो साल बीत जाने के बाद भी जॉइनिंग नहीं हुई है. सहकारिता विभाग में कनिष्ठ संविदा विक्रेता जूनियर सैल्समेन के लिए भी 2018 में भर्ती निकाली गई थी, जिसमें एक लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया था, परिणाम एक साल बाद आया और पास हुए छात्रों को अभी तक नौकरी नहीं मिली है. इसका ताजा उदाहरण 4 सितंंबर को देखने को मिला, जब नौकरी की मांग कर रहे युवाओं पर लाठियां बरसाई गई थीं.

900 अतिथि विद्वानों को मिलेगी ज्वाइनिंग

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि उनकी सरकार में ज्यादा पद निकाले और भर्तियां की हैं. करीब 900 अतिथि विद्वानों को इसी महीने ज्वाइनिंग दी जाएगी. बेरोजगार युवा संघ के अध्यक्ष दिनेश चौहान ने बताया कि इस संघ का गठन साल 2019 में हुआ और आज लाखों युवा इस संगठन से जुड़े हुए है. इस संगठन में विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र शामिल हैं, जिनकी एक ही मांग है रोजगार.

मध्यप्रदेश में 93 हजार 533 पद खाली

सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 27,79,725 हो गई है. वहीं राज्य में कुल सरकारी पद 5 लाथ 65 हजार 849 है. जिसमें 4,72,307 पद भरे हुए हैं. 93 हजार 533 पद खाली पड़े हैं. शिक्षा विभाग में नियुक्तियों और नियमितिकरण की मांग को लेकर अतिथि शिक्षक और अतिथि विद्धान लंबे समय से विरोध प्रदर्शन और अनशन कर रहे हैं.

दिनेश चौहान का कहना है कि अगर सरकार ने इस साल नौकरियां नहीं निकालीं तो जिन पर लाठियां चलाई जा रही हैं वे आगे भी अपनी मांगों पर अड़े रहेंगे. आंदोलन जारी रखेंगे, जिसका खामियाजा सरकार को उप चुनाव में भुगतना पड़ सकता है. प्रदेश के 40 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार संघ से जुड़े हैं. हालांकि रोजगार कार्यायल के पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारों की संख्या 27 लाख 75 हजार 188 है.

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