भोपाल। सदियों से इस्तेमाल होती आ रही यूनानी दवाएं कोरोना वायरस के इलाज में भी कारगर साबित हो रही हैं. केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम) ने इसका परीक्षण भी किया हैं.
यूनानी चिकित्सकों के मुताबिक, यूनानी में ऐसी दवाएं हैं, जो वायरस के कारण होने वाले लक्षणों को ही पनपने नहीं देती है. यह दवाएं आपके इम्यून सिस्टम को इस तरह का बना देती हैं कि शरीर में संक्रमण बढ़ ही नहीं पाता हैं. अगर वायरस का थोड़ा-बहुत असर हुआ भी है, तो वह जल्दी खत्म हो जाएगा.
राजधानी में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी रहती हैं. यह लोग एलोपैथी, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक के अलावा यूनानी दवाओं को भी इलाज के दौरान आजमाते हैं. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर भी पुराने शहर में मरीजों ने यूनानी पैथी की दवाओं का सेवन कर इलाज करवाया, तो इसका फायदा देखने को मिला.
यूनानी चिकित्सक डॉक्टर यूसुफ खलील हुसैन का कहना है कि यूनानी पैथी की दवाएं काफी समय से प्रयोग में आ रही हैं. लोगों का इन पर भरोसा भी बढ़ा है. कोरोना संक्रमण के दौरान इम्युनिटी बनाए रखना बड़ी चुनौती है. इसमें यूनानी दवाएं अचूक काम कर रही हैं.
यूनानी चिकित्सकों के मुताबिक, कोरोना संक्रमित मरीजों को दिन में दो बार जोशांदा का काढ़ा और खमीरा मारवारिद दिया जा सकता हैं. जोशांदा संक्रमण के लक्षण को कम करने में मददगार साबित होता हैं, जबकि खमीरा मारवारिद वायरस के हमले के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है.
विधायक ने लगाया यूनानी स्वास्थ्य कैम्प
यूनानी दवाओं की उपयोगिता को देखते हुए विधायक आरिफ मसूद ने अपने विधानसभा क्षेत्र में यूनानी स्वास्थ्य शिविर शुरू किया. भोपाल में तीन जगहों पर इन शिविरों के जरिए फ्री में जोशांदा के पैकेट्स का वितरण किया गया.
यूनानी पद्धति से इस तरह करें वायरस से बचाव
- शरबत उन्नाब की 10-20 एमएल दिन में दो बार
- त्रियाकअर्बा 3 से 5 ग्राम दिन में दो बार
- त्रियाक नजला 5 ग्राम दिन में दो बार
- खमीरामार्वरी दिन में एक बार 3 से 5 ग्राम
- सिर और छाती में रोगनबैना और कफूरी बाम से मालिश करें
- बुखार होने पर हब्बेलकसीर बुखार दो गोलियों को गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें
- शरबत नजला 10 मिली 100 मिली गुनगुन पानी में दो बार रोज पिएं
- कुरस ए सुआल की दो गोलियां प्रतिदिन दो बार चबाना चाहिए
- अर्क अजीब 4-8 बूंद पानी में लें और दिन में चार बार इस्तेमाल करें