राजगढ़। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 1 साल में किए गए कार्यों का विवरण पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने दिया. जहां उन्होंने मोदी सरकार द्वारा ट्रिपल तलाक, नागरिकता संशोधन अधिनियम, अयोध्या राम मंदिर और सवर्ण वर्ग को दिए गए 10% आरक्षण से लेकर कई उपलब्धियां गिनाईं.
जब उनसे पूछा गया कि 22 विधायकों को भाजपा में शामिल किया गया है और जो अभी वर्तमान सरकार है वह बीजेपी के सिद्धांतों पर चलेगी या फिर दबाव में चलेगी, इस पर पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि बीजेपी ने आज तक अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि यह वही पार्टी है जिसके कभी दो सांसद हुआ करते थे और आज 300 से अधिक सांसद हैं. वहीं उन्होंने कहा कि जिस तरफ आप इशारा कर रहे हैं, वे सभी कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और पार्टी उनके साथ अपने कार्यकर्ताओं जैसा ही व्यवहार करेगी.
उनसे जब पूछा गया कि 22 विधायकों द्वारा बीजेपी की सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है, कि उनके इतने मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल होने चाहिए. इस पर उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, यह सब कल्पना की बातें हैं. पार्टी पर किसी का कोई प्रेशर नहीं है, लेकिन पार्टी काफी कुछ चीजों को ध्यान में रखते हुए सामंजस्य बिठाते हुए क्षेत्र और अन्य बातों का ध्यान रखते हुए निर्णय लेती है. उन्होंने कहा कि अभी इस समय और कुछ समय पहले तक पार्टी कोरोना महामारी से लड़ने में व्यस्त थी, अभी तक मंत्रिमंडल के गठन पर कोई गंभीरता से बात नहीं हुई है.
सिंधिया समर्थकों के दबाव को लेकर उन्होंने जबाव देते हुए कहा कि आप बीजेपी के सदस्य बनते हैं, तो आपको भाजपा के सिद्धांतों के अनुरूप ही कार्य करना पड़ेगा और सरकार किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं है, दबाव में तो वह सरकार होती है, जो 1 से ज्यादा पार्टियों से बनी होती है.
जैसा कि उदाहरण ले लीजिए कि महाराष्ट्र की सरकार इस समय दबाव में है. जिसमें राहुल गांधी कहते हैं कि हम सरकार में पार्टनर हैं, हमारा निर्णय से कोई लेना देना नहीं है, आप के लोग मंत्री हैं, निर्णय से आपका लेना-देना कैसे नहीं है. मध्यप्रदेश में एक पार्टी की सरकार है और यहां पर जो पार्टी निर्णय करेगी वही सर्वमान्य होगा.