ETV Bharat / state

EWS Reservation उमा भारती की नई डिमांड- प्राइवेट सेक्टर में दिया जाए गरीबों को आरक्षण

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के लिहाज से बड़ा अहम फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए दस फीसद आरक्षण प्रावधान संसोधन के लिए भेजा था. जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने 3-2 के बहुमत से उस पर मुहर लगा दी. वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का उमा भारती ने स्वागत किया है (uma bharti welcomes supreme court order ).

uma bharti welcomes supreme court order
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उमा भारती ने किया स्वागत
author img

By

Published : Nov 7, 2022, 5:53 PM IST

Updated : Nov 7, 2022, 6:03 PM IST

भोपाल। सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले (Supreme Court Decision) का पूर्व सीएम उमा भारती (uma bharti welcomes supreme court order ) ने स्वागत किया है. वहीं पूर्व सीएम उमा भारती ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही आरक्षण की व्यवस्था निजी क्षेत्र में भी लागू करने की मांग की है.

  • 4. आरक्षण की इस प्रणाली को हमें प्राइवेट सेक्टर में भी लागू कर देना चाहिए।

    — Uma Bharti (@umasribharti) November 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उमा भारती ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत : बीजेपी नेता उमा भारती ने ट्वीट ( Uma Bharti Tweet On EWS Quota) करते हुए लिखा कि 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण (आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों) के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अभिनंदन है. उमा भारती ने लिखा कि सब गरीबों की एक ही जात है, वह गरीब है. यह आरक्षण राष्ट्र में एकात्मता लाएगा. उन्होंने लिखा की मेरी अपील है कि दुनिया के सभी अभावग्रस्त लोग एक बेहतर जिंदगी के लिए एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़ें. ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिका अदालतों में लंबित होने पर कहा कि मध्य प्रदेश में हम सशक्त तरीके से पक्ष रखें तो जीत हमारी होगी. आरक्षण की इस प्रणाली को हमें प्राइवेट सेक्टर में भी लागू कर देना चाहिए.

EWS Reservation भूपेंद्र सिंह ने आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, जताया पीएम मोदी के प्रति आभार

ओबीसी को 27% आरक्षण किए जाने की मांग: उमा भारती ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि सवर्ण वर्ग के लिए विशेष आरक्षण की अनुमति माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है. वैसे ही जिन राज्यों में जैसे कि मध्य प्रदेश जैसे राज्य जहां पिछड़ों की संख्या का बाहुल्य है, वहां पर विशेष परिस्थिति का OBC को 27% आरक्षण का सिद्धांत लागू हो सकता है. बता दें कि मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किये जाने पर सरकार के फैसले पर अलग-अलग मामलों में सुप्रीम कोर्ट और एमपी हाई कोर्ट (MP Highcourt) ने रोक लगा रखी है. इसी के चलते पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में भी कई अवरोध आये और अंत में ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही चुनाव कराने पड़े.

  • 1. 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण (आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों) के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अभिनंदन।

    2. सब गरीबों की एक ही जात है वह गरीब है, यह आरक्षण राष्ट्र में एकात्मता लाएगा। मेरी अपील है कि दुनिया के सभी अभावग्रस्त लोग एक बेहतर जिंदगी के लिए एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़ें।

    — Uma Bharti (@umasribharti) November 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आरक्षण को लेकर क्या कहा सुप्रीम कोर्ट नेः सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर फैसला देते हुए सामान्य निर्धन वर्ग के लिए 10 फीसद आरक्षण बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट की five member constitutional bench ने कोटा बनाए रखने की सहमति दी है. संवैधानिक पीठ ने संविधान में 2019 में किए गए 103वें संशोधन को संवैधानिक और वैध करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि ईडब्ल्यूएस कोटा संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं है. जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट और Chief Justice UU Lalit ने आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है. वहीं दूसरी ओर जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस जेपी पारदीवाला ने संवैधानिक और वैध करार दिया है. इसलिए बहुमत के आधार पर ईडब्ल्यूएस आरक्षण को संवैधानिक माना गया है.

भोपाल। सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले (Supreme Court Decision) का पूर्व सीएम उमा भारती (uma bharti welcomes supreme court order ) ने स्वागत किया है. वहीं पूर्व सीएम उमा भारती ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही आरक्षण की व्यवस्था निजी क्षेत्र में भी लागू करने की मांग की है.

  • 4. आरक्षण की इस प्रणाली को हमें प्राइवेट सेक्टर में भी लागू कर देना चाहिए।

    — Uma Bharti (@umasribharti) November 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उमा भारती ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत : बीजेपी नेता उमा भारती ने ट्वीट ( Uma Bharti Tweet On EWS Quota) करते हुए लिखा कि 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण (आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों) के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अभिनंदन है. उमा भारती ने लिखा कि सब गरीबों की एक ही जात है, वह गरीब है. यह आरक्षण राष्ट्र में एकात्मता लाएगा. उन्होंने लिखा की मेरी अपील है कि दुनिया के सभी अभावग्रस्त लोग एक बेहतर जिंदगी के लिए एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़ें. ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिका अदालतों में लंबित होने पर कहा कि मध्य प्रदेश में हम सशक्त तरीके से पक्ष रखें तो जीत हमारी होगी. आरक्षण की इस प्रणाली को हमें प्राइवेट सेक्टर में भी लागू कर देना चाहिए.

EWS Reservation भूपेंद्र सिंह ने आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, जताया पीएम मोदी के प्रति आभार

ओबीसी को 27% आरक्षण किए जाने की मांग: उमा भारती ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि सवर्ण वर्ग के लिए विशेष आरक्षण की अनुमति माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है. वैसे ही जिन राज्यों में जैसे कि मध्य प्रदेश जैसे राज्य जहां पिछड़ों की संख्या का बाहुल्य है, वहां पर विशेष परिस्थिति का OBC को 27% आरक्षण का सिद्धांत लागू हो सकता है. बता दें कि मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किये जाने पर सरकार के फैसले पर अलग-अलग मामलों में सुप्रीम कोर्ट और एमपी हाई कोर्ट (MP Highcourt) ने रोक लगा रखी है. इसी के चलते पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में भी कई अवरोध आये और अंत में ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही चुनाव कराने पड़े.

  • 1. 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण (आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों) के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अभिनंदन।

    2. सब गरीबों की एक ही जात है वह गरीब है, यह आरक्षण राष्ट्र में एकात्मता लाएगा। मेरी अपील है कि दुनिया के सभी अभावग्रस्त लोग एक बेहतर जिंदगी के लिए एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़ें।

    — Uma Bharti (@umasribharti) November 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आरक्षण को लेकर क्या कहा सुप्रीम कोर्ट नेः सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर फैसला देते हुए सामान्य निर्धन वर्ग के लिए 10 फीसद आरक्षण बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट की five member constitutional bench ने कोटा बनाए रखने की सहमति दी है. संवैधानिक पीठ ने संविधान में 2019 में किए गए 103वें संशोधन को संवैधानिक और वैध करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि ईडब्ल्यूएस कोटा संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं है. जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट और Chief Justice UU Lalit ने आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है. वहीं दूसरी ओर जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस जेपी पारदीवाला ने संवैधानिक और वैध करार दिया है. इसलिए बहुमत के आधार पर ईडब्ल्यूएस आरक्षण को संवैधानिक माना गया है.

Last Updated : Nov 7, 2022, 6:03 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.