भोपाल। सन्यास की घोषणा कर चुकी उमा भारती के तेवर कम होने का नाम नहीं ले रहे, पहले शराबबंदी के समर्थन में सरकार के खिलाफ कड़े तेवर दिखाई दिए और अभी भी वह लगातार चेतावनी देती आ रही हैं, लेकिन प्रीतम लोधी से मुलाकात के बाद अब ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या उमा बीजेपी के एक वर्ग पर हमला कर रही हैं या फिर किसी विशेष को टारगेट कर रही हैं. (Uma Bharti Meet Pritam Lodhi) उमा भारती के कदम बीजेपी के लिए भारी पड़ सकते हैं, लेकिन इन सबसे एक बात खुले तौर पर सामने आ रही हैं कि उमा भारती का अभियान बीजेपी की मुश्किलें ही बढ़ाएगा.
प्रीतम लोधी के पक्ष मे उमा: मध्यप्रदेश में नशाबंदी और शराबबंदी की मांग को लेकर मुखर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने रविवार को अपने रिश्तेदार और बीजेपी से निष्कासित नेता प्रीतम सिंह लोधी से मुलाकात की. वे प्रीतम सिंह के घर पहुंची थीं, वहां उन्होंने चौपाल लगाई. इस दौरान उन्होंने कहा कि, "प्रीतम लोधी ने असंयमित भाषा का प्रयोग किया था, जिसके लिए इन्होंने पार्टी से माफी मांग ली. अब इन्हें माफी नहीं देना अपराध है, माफ नहीं किया तो ये भारी भूल है." उमा भारती ने प्रीतम सिंह लोधी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि गरीबों और पिछड़ों की आवाज बने रहना.
चुनावी साल में BJP के लिए परेशानी बन रहीं उमा, पहले वोट न देने की अपील, अब पहुंची प्रीतम लोधी के घर
प्रीतम की पैरवी: भाजपा की वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम साध्वी उमा भारती रविवार को ग्वालियर दौरे पर थीं. इस दौरान वे प्रीतम लोधी के घर जलालपुर भी गईं, यहां उन्होंने गांव के लोगों, महिलाओं से चौपाल लगाकर बात की. इस दौरान उमा ने प्रीतम लोधी और उनकी पत्नी को पास बुलाया और दोनों को अपने साथ बैठा लिया. उमा ने कहा था कि भाजपा से निष्कासित होने के बाद प्रीतम पहले से कई गुना लोकप्रिय हो गए हैं. उन्होंने कहा कि वह प्रीतम काे आज से नहीं, बल्कि उस समय से जानती हैं, जब 1989 में वह मेरे लिए चुनाव प्रचार करने आए थे.
माफी नहीं दी गई तो ये पार्टी की भूल: उमा भारती ने कहा कि "ये मतभेद तुम्हारी असंमियत भाषा से हो गया, इसको तुमने माफी मांगकर ठीक कर लिया, माफी नहीं देना ही अब अपराध है. माफी मांगकर इसने अपना धर्म पूरा कर लिया. हाथ जोड़कर माफी मांगी, पांव पकड़कर माफी मांगी.. अब अगर माफी नहीं दी गई तो ये बड़ी भारी भूल है. इसके बाद भी माफ नहीं करोगे तो आप चाहते हैं कि लोग गलतियां करते ही रहें. अगर लोग उनकी गलतियों का प्रायश्चित करते हैं तो उनको पूर्ण सरंक्षण प्राप्त होना चाहिए. इसलिए मैं प्रीतम को पूरी तरह से आशीर्वाद देने आई हूं."
Uma Bharati के विद्रोही तेवर! जानिए कैसे BJP के लिए बन रहीं हैं सिरदर्द..
बता दें कि उमा भारती भी लोधी समाज से आती हैं. कुछ दिन पहले ही उमा ने लोधी समाज के सम्मेलन में ये कहकर बीजेपी को चौका दिया था कि "मेरे कहने पर भाजपा को वोट देने की जरूरत नहीं, मैं नहीं कहती कि लोधियों, तुम भाजपा को ही वोट दो. हम प्यार के बंधन में बंधे हैं पर राजनीति के बंधन से आप मेरी तरफ से स्वतंत्र हैं. आप अपना वोट खुद का मान-सम्मान और हित देखकर देना."
उमा भारती ने बनाई थी जनशक्ति: दरअसल उमा भारती को जब पार्टी से निष्कासित किया गया तो उन्होंने एक नई पार्टी बनाई थी, जिसका नाम जनशक्ति दिया था. माना जा रहा था कि मध्य प्रदेश में उमा की जनशक्ति पार्टी अब बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी करेगी. जिस तरह से उमा का नाम था, वह बीजेपी की फायरब्रांड मानी जाती थी, लेकिन चुनाव में जनशक्ति अपने झंडे नहीं गाड़ पाई थी, बाद में उमा भारती ने खुद की बनाई पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी.