भोपाल। व्यापमं घोटाले की पीएमटी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर एसटीएफ ने दो और FIR दर्ज की हैं, ये दोनों मामले फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र के जरिए शासकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने से जुड़े हुए हैं. एसटीएफ ने साल 2009 में पीएमटी परीक्षा में शामिल हुए दो अभ्यर्थियों मनीष पांडेय और विकास सिंह के खिलाफ ये प्रकरण पंजीबद्ध किया है. इससे पहले भी इस मामले को लेकर 15 FIR दर्ज की जा चुकी हैं.
दोनों अभ्यर्थियों ने नकली मूल निवास प्रमाण पत्र के जरिए राजधानी के शासकीय गांधी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया था. एसटीएफ की जांच में ये खुलासा भी हुआ है कि दोनों के फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र रीवा जिले के त्यौंथर तहसील से बने हैं. लिहाजा पुलिस ने दोनों अभ्यर्थियों समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.
अब एसटीएफ ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दोनों किस राज्य में हैं और कहां पदस्थ हैं. फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र के जरिए शासकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले 15 अभ्यर्थियों के खिलाफ अब तक एसटीएफ की टीम एफआईआर दर्ज कर चुकी है. हालांकि अब तक किसी भी मामले में गड़बड़ी करने वाले अभ्यर्थियों और उनकी मदद करने वालों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.