भोपाल। कमलनाथ सरकार को चैलेंज करना बीजेपी के लिए भारी पड़ रहा है. सदन में दंड विधि संशोधन विधेयक पर मत विभाजन पर बीजेपी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. सीएम कमलनाथ ने बीजेपी के दो विधायक शरद कौल और नारायण त्रिपाठी द्वारा कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग करने का दावा किए हैं.
फ्लोर टेस्ट के बाद बीजेपी के दो विधायक शरद कौल और नारायण त्रिपाठी द्वारा क्रॉस वोटिंग करने का एक ओर जहां मुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं तो वहीं बीजेपी के दोनों विधायकों का कांग्रेस के समर्थन के सवाल को शिवराज सिंह टालते नजर आए.
नारायण त्रिपाठी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि बीजेपी जो अन्य दलों से नेता आते हैं उनका कोई सम्मान नहीं रहता. उन्होंने आरोप लगाया है कि उपचुनाव जिताने का प्लान करके शिवराज सिंह उन्हें पार्टी में लाए. उन्होंने कहा कि 2018 में हुए चुनाव में उन्हें हराने की भी साजिश रची गई.
मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी का कहना है बीजेपी सरकार ने उन्हें धोखे में रखा. मैहर के विकास के लिए सिर्फ वादे करती रही लेकिन कुछ भी काम क्षेत्र में नहीं किया. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में हराने के लिए भी कोशिश की. नारायण त्रिपाठी ने कहा कि बीजेपी ने उनके खिलाफ काम किया है, लिहाजा वो बीजेपी का साथ छोड़ रहे हैं.
नारायण त्रिपाठी का पार्टी बदलना कोई बड़ी बात नहीं है, नारायण त्रिपाठी सबसे पहले समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े और विधायक बने. समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ने के बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ पकड़ा. 2009 में वो कांग्रेस में शामिल हुए. साल 2013 में नारायण त्रिपाठी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. 2019 में विधानसभा की कार्कारवाई के दौरान वो एक बार फिर कांग्रेस का साथ देते नजर आए.