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पैसे डबल करने के नाम पर दो चिटफंड कंपनियों ने की 50 लाख रुपए की धोखाधड़ी

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Published : Jun 9, 2021, 11:05 PM IST

हबीबगंज थाना क्षेत्र में दो चिटफंड कंपनियों ने डेढ़ सौ लोगों को अपना शिकार बनाया है. यह कंपनी ने पैसे डबल करवाने के नाम पर लोगों से पैसे जमा करवाए थे. यह कंपनी 50 लाख रुपए की राशी लेकर फरार हो गई.

Habibganj Police Station
हबीबगंज थाना

भोपाल। राजधानी भोपाल के हबीबगंज थाना क्षेत्र में दो धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं. यह धोखाधड़ी चिटफंड कंपनी द्वारा की गई है. जिसमें लगभग डेढ़ सौ लोगों को कंपनी ने अपना शिकार बनाया है. और लगभग 50 लाख रुपए की राशि लेकर फरार हो गई. यह कंपनी वर्ष 2013-14 में सक्रिय थी. और उन्होंने 6 साल की आरडी और एफडी कर लोगों को डबल पैसा देने की बात कही थी. लेकिन 6 साल होते ही कंपनी भोपाल से रफूचक्कर हो गई. इनका ऑफिस राजधानी भोपाल के हबीबगंज क्षेत्र में अरेरा कॉलोनी और साईं बोर्ड पर था.

  • पहले मामले में 70 लोगों को कंपनी ने बनाया शिकार

हबीबगंज इलाके में स्थित चिटफंड कंपनी ने लोगों को निवेश करने का झांसा देकर और पैसे डबल करने का झांसा देकर 22 लाख रुपए की चपत लगा दी. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. उनकी तलाश शुरू कर दी है. हबीबगंज पुलिस ने बताया कि फरियादी कमला राजपूत अरेरा कॉलोनी में रहती है और वर्ष 2013 में उन्होंने लखनऊ निवासी विनोद सिंह और प्रदीप वर्मा ने मिलकर उन्हें आरडी और एफडी कराने के नाम पर उनसे पैसे जमा कराए थे. इस मामले में विनोद कंपनी का एमडी और प्रदीप वर्मा मैनेजर था.

लोन के नाम पर ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार, मुख्य आरोपी की अब भी तलाश

  • दूसरे मामले में 82 लोगों को कंपनी ने लगाया चूना

दूसरे मामले में कंपनी दिल्ली से है. यह कंपनी भी हबीबगंज इलाके में ही इंफ्राविजन के नाम से संचालित हो रही थी. जिसने भी करीब 100 से ज्यादा लोगों को ठगा है. और 20 लाख रुपए चंपक लेकर फरार हो गई है. पुलिस ने फरियादी रमेश चंद्र मिश्रा के कहने पर प्रकरण दर्ज कर लिया है. उन्होंने बताया कि अरेरा कॉलोनी में आधार एंपाविशन नाम से एक कंपनी का कार्यालय खोल रखा था. कंपनी दिल्ली की है और उसके कर्ता-धर्ता दीपक त्रिपाठी और नागेंद्र सिंह थे. मिश्रा से वर्ष 2014 में दीपक त्रिपाठी और कंपनी के अधिकारियों से संपर्क हुआ था. तब कंपनी के संदर्भ में बताया गया कि यहां 5 साल में पैसे डबल किए जाते हैं. मिश्रा ने कुछ राशि जमा कर दी. इसके बाद आरोपियों ने मिश्रा को कंपनी का एजेंट बना दिया. वही फरियादी मिश्रा दुकान चलाने का काम करते हैं. मिश्रा ने अक्टूबर 2014 से सितंबर 2019 के मध्य स्वयंवर जेंट्स के माध्यम से 82 लोगों के 20 लाख से अधिक की राशि चिटफंड कंपनी में जमा कराई. निवेशकों को राशि लौटाने का समय आया तो कंपनी के पदाधिकारी भोपाल कार्यालय में ताला लगा कर भाग गए.

भोपाल। राजधानी भोपाल के हबीबगंज थाना क्षेत्र में दो धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं. यह धोखाधड़ी चिटफंड कंपनी द्वारा की गई है. जिसमें लगभग डेढ़ सौ लोगों को कंपनी ने अपना शिकार बनाया है. और लगभग 50 लाख रुपए की राशि लेकर फरार हो गई. यह कंपनी वर्ष 2013-14 में सक्रिय थी. और उन्होंने 6 साल की आरडी और एफडी कर लोगों को डबल पैसा देने की बात कही थी. लेकिन 6 साल होते ही कंपनी भोपाल से रफूचक्कर हो गई. इनका ऑफिस राजधानी भोपाल के हबीबगंज क्षेत्र में अरेरा कॉलोनी और साईं बोर्ड पर था.

  • पहले मामले में 70 लोगों को कंपनी ने बनाया शिकार

हबीबगंज इलाके में स्थित चिटफंड कंपनी ने लोगों को निवेश करने का झांसा देकर और पैसे डबल करने का झांसा देकर 22 लाख रुपए की चपत लगा दी. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. उनकी तलाश शुरू कर दी है. हबीबगंज पुलिस ने बताया कि फरियादी कमला राजपूत अरेरा कॉलोनी में रहती है और वर्ष 2013 में उन्होंने लखनऊ निवासी विनोद सिंह और प्रदीप वर्मा ने मिलकर उन्हें आरडी और एफडी कराने के नाम पर उनसे पैसे जमा कराए थे. इस मामले में विनोद कंपनी का एमडी और प्रदीप वर्मा मैनेजर था.

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  • दूसरे मामले में 82 लोगों को कंपनी ने लगाया चूना

दूसरे मामले में कंपनी दिल्ली से है. यह कंपनी भी हबीबगंज इलाके में ही इंफ्राविजन के नाम से संचालित हो रही थी. जिसने भी करीब 100 से ज्यादा लोगों को ठगा है. और 20 लाख रुपए चंपक लेकर फरार हो गई है. पुलिस ने फरियादी रमेश चंद्र मिश्रा के कहने पर प्रकरण दर्ज कर लिया है. उन्होंने बताया कि अरेरा कॉलोनी में आधार एंपाविशन नाम से एक कंपनी का कार्यालय खोल रखा था. कंपनी दिल्ली की है और उसके कर्ता-धर्ता दीपक त्रिपाठी और नागेंद्र सिंह थे. मिश्रा से वर्ष 2014 में दीपक त्रिपाठी और कंपनी के अधिकारियों से संपर्क हुआ था. तब कंपनी के संदर्भ में बताया गया कि यहां 5 साल में पैसे डबल किए जाते हैं. मिश्रा ने कुछ राशि जमा कर दी. इसके बाद आरोपियों ने मिश्रा को कंपनी का एजेंट बना दिया. वही फरियादी मिश्रा दुकान चलाने का काम करते हैं. मिश्रा ने अक्टूबर 2014 से सितंबर 2019 के मध्य स्वयंवर जेंट्स के माध्यम से 82 लोगों के 20 लाख से अधिक की राशि चिटफंड कंपनी में जमा कराई. निवेशकों को राशि लौटाने का समय आया तो कंपनी के पदाधिकारी भोपाल कार्यालय में ताला लगा कर भाग गए.

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