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कोरोना वायरस सैंपल की जांच बढ़ाने के लिए प्रदेश के हर जिले में लगेगी ट्रू नेट मशीन

प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग आईआईटीटी की रणनीति पर काम कर रहा है, जिसका मतलब है आईडेंटिफिकेशन, आइसोलेशन, टेस्ट और ट्रीटमेंट. बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के सैम्पल की जांच के लिए अब हर जिले में ट्रू नेट मशीन लगाई जाएगी.

Machines will be installed in every district of the state to increase sample testing
सैम्पल की जांच बढ़ाने के लिए प्रदेश के हर जिले में लगेंगी मशीन
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Published : Jun 1, 2020, 9:39 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग आईआईटीटी की रणनीति पर काम कर रहा है, जिसका मतलब है आईडेंटिफिकेशन, आइसोलेशन, टेस्ट और ट्रीटमेंट. इसी के तहत अब प्रदेश के हर जिले में कोरोना वायरस के सैम्पल की जांच के लिए जिला अस्पताल में ट्रू नेट मशीन लगाई जाएगी. इस मशीन से अब तक टीबी की जांच की जाती थी, लेकिन अब इससे कोरोना वायरस संक्रमण की भी जांच की जाएगी.

सैम्पल की जांच बढ़ाने के लिए प्रदेश के हर जिले में लगेंगी मशीन
इस बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने बताया कि आईसीएमआर की गाइड लाइन के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण की जांच दो तरह की मशीनों से की जा सकती है. जिसमें सीबी नेट मशीन और ट्रू नेट मशीन शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश में अब तक सीबी नेट मशीन से जांच की जा रही थी, लेकिन अब हमने जांच की प्रकिया में तेजी लाने के लिए हर जिला अस्पताल में ट्रू नेट मशीन लगाने का निर्णय लिया है. यदि इसमें रिजल्ट निगेटिव आता है तो उसे निगेटिव माना जाएगा और यदि पॉजिटिव आता है तो क्रॉस चेक के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट से कन्फर्म किया जाएगा.बता दें कि प्रदेश के 12 मेडिकल कॉलेजों में सीबी नेट मशीन के जरिए कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की जा रही है. यदि हर जिला अस्पताल में ट्रू नेट मशीन लग जाती है तो इन जिलों से कोरोना वायरस के सैंपल दूसरे जिलों में भेजने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और टेस्ट का रिजल्ट भी जल्द से जल्द मिल पाएगा.

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग आईआईटीटी की रणनीति पर काम कर रहा है, जिसका मतलब है आईडेंटिफिकेशन, आइसोलेशन, टेस्ट और ट्रीटमेंट. इसी के तहत अब प्रदेश के हर जिले में कोरोना वायरस के सैम्पल की जांच के लिए जिला अस्पताल में ट्रू नेट मशीन लगाई जाएगी. इस मशीन से अब तक टीबी की जांच की जाती थी, लेकिन अब इससे कोरोना वायरस संक्रमण की भी जांच की जाएगी.

सैम्पल की जांच बढ़ाने के लिए प्रदेश के हर जिले में लगेंगी मशीन
इस बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने बताया कि आईसीएमआर की गाइड लाइन के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण की जांच दो तरह की मशीनों से की जा सकती है. जिसमें सीबी नेट मशीन और ट्रू नेट मशीन शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश में अब तक सीबी नेट मशीन से जांच की जा रही थी, लेकिन अब हमने जांच की प्रकिया में तेजी लाने के लिए हर जिला अस्पताल में ट्रू नेट मशीन लगाने का निर्णय लिया है. यदि इसमें रिजल्ट निगेटिव आता है तो उसे निगेटिव माना जाएगा और यदि पॉजिटिव आता है तो क्रॉस चेक के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट से कन्फर्म किया जाएगा.बता दें कि प्रदेश के 12 मेडिकल कॉलेजों में सीबी नेट मशीन के जरिए कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की जा रही है. यदि हर जिला अस्पताल में ट्रू नेट मशीन लग जाती है तो इन जिलों से कोरोना वायरस के सैंपल दूसरे जिलों में भेजने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और टेस्ट का रिजल्ट भी जल्द से जल्द मिल पाएगा.
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