भोपाल। परिवहन विभाग की समस्याएं और किए जा रहे कामों को लेकर परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने विभागीय समीक्षा की. इस दौरान निर्णय लिया गया कि, प्रदेश में अब ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने को लेकर प्रोत्साहन दिया जाएगा, कुछ शर्तें भी लागू रहेंगी, जिसका पालन संबंधित व्यक्ति को करना होगा.
इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं से होने वाली हानि को रोकने के लिए प्रवर्तन अमले के रूप में पदों की स्वीकृति और भर्ती पर सहमति बन गई है, जिसकी प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी. इसके अलावा प्रदेश में संचालित होने वाली बसों में अब लोकेशन पता करने के लिए ट्रैकिंग सिस्टम के तहत कमांड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा, जिसे लागू करने से बसों की सही लोकेशन का पता चल सकेगा.
समीक्षा बैठक के दौरान परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि, प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर को प्रोत्साहित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए कोई भी व्यक्ति जिसके पास दो एकड़ की जमीन ऐसे स्थान पर उपलब्ध है, जहां से वाहनों का आवागमन सुगमता से हो सकता है.वह व्यक्ति अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर परिवहन अधिकारी के माध्यम से जिला कलेक्टर से अनुमोदन करवाकर परिवहन आयुक्त कार्यालय पर प्रेषित कर सकता है, परिवहन विभाग भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करेगा. प्रोजेक्ट की अनुमानित राशि का 50 प्रतिशत और अधिकतम एक करोड़ रुपये तक की राशि भारत सरकार के अनुदान के रूप में स्वीकृत की जाएगी. उन्होंने कहा कि, इस प्रोजेक्ट को प्रदेश में प्राथमिकता से प्रोत्साहित किया जाएगा.
परिवहन मंत्री ने बताया कि, कंडम हो चुके वाहन जिनका रजिस्ट्रेशन निरस्त नहीं कराया गया है, ऐसे वाहनों के कर भुगतान की अंतिम तिथि 31 मार्च 2020 थी. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण वाहन मालिकों को राहत प्रदान करते हुए कर भुगतान की अंतिम तिथि 31 मार्च 2021 कर दी गई है. वहीं उन्होंने कहा कि, राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं, ओवरलोडिंग से होने वाली हानि को रोकने के लिए प्रवर्तन अमले के रूप में पदों की स्वीकृति और भर्ती पर सहमति प्रदान की गई है.
वहीं समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव परिवहन एसएन मिश्रा ने बताया कि, प्रदेश में संचालित होने वाली बसें निर्धारित समयानुसार संचालित हों, इसके लिये बसों में ट्रेकिंग सिस्टम के लिये कमांड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जा रही है. जिससे हर एक बस की लोकेशन स्पष्ट हो सकेगी. इस योजना से आम जनता को समय पर बसों की सेवाएं उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी.
समीक्षा बैठक में परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने बताया कि, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल में ड्राइविंग टेस्ट सेंटर का निर्माण पूरा हो चुका है, जो सितंबर 2020 से कार्य करना शुरु कर देगा. इसी के साथ नए वाहनों में हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का काम किया जा रहा है, साथ ही पुराने वाहनों में नंबर लगाने की कार्रवाई जल्द शुरु की जाएगी.