अल्प प्रवास पर शाजापुर पहुंचे उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस के कई विधायक उनके और मुख्यमंत्री के संपर्क में है. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस पार्टी के अंदर लोगों का दम घुट रहा है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर पूर्व सीएम कमलनाथ पर हमला बोला है, सीएम ने कहा है कि, दुनिया का कोई भी वाशिंग पाउडर कमलनाथ के दागों को नहीं धुल सकता है.
मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के परिणाम बीजेपी के पुराने नेताओं का राजनीतिक भविष्य साफ करेंगे. नेताओं की राजनीतिक विरासत पिछले करीब 40 सालों से इन विधानसभा क्षेत्रों में चली आ रही है.
केरल में MSP (Minimum support price) पर सब्जियां खरीदने के प्रावधान के बाद मध्य प्रदेश में भी किसानों से एमएसपी पर सब्जियां खरीदने की मांग उठने लगी है. ईटीवी भारत ने जानी किसानों से एमएसपी पर सब्जी खरीदने को लेकर उनकी राय.
ग्वालियर में गुरुवार की रात को उद्योग और व्यापार जगत के लोगों के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्मिक अपील की. सिंधिया ने कहा कि, यह चुनाव प्रदेश की दशा को तय करने वाला चुनाव है. इस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर जमकर हमला बोला.
28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग सख्त हो गया है. आदर्श आचार संहिता का भी पूर्ण रुप से पालन हो, इसे लेकर निर्वाचन पदाधिकारी समस्त जिलों में निगरानी कर रहे हैं. अब तक कुल 19 करोड़ से ज्यादा की जब्ती चेकिंग के दौरान की गई है.
28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के परिणाम तय करेंगे कि आखिर सूबे में मौजूदा सरकार रहेगी या जाएगी. मौजूदा माहौल को देखते हुए लग रहा है कि बीजपी जीत के लिए साम-दाम-दंड-भेद कोई भी कसर नहीं छोड़ रही है. ऐसे में क्या होगा मध्यप्रदेश का सियासी भविष्य.
भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार जनसभा और प्रचार कर रहे हैं. इस बीच बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने बीजेपी के पुरानी हार को एक जरूरी सीख बता बैठी.
आगर मालवा जिले के कानड़ में आयोजित चुनावी सभा में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने खुद को सियासी पहलवानों का उस्ताद बताया और कांग्रेसियों को अपना शागिर्द कहा. इस दौरान उन्होंने सीएम शिवराज पर जमकर निशाना साधा.
मध्यप्रदेश में 3 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होना है. जैसे- जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है. प्रत्याशियों की चिंता भी बढ़ती जा रही है. कोरोना काल में मतदाताओं के लिए जोखिम बढ़ गया है. ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा उन बुजुर्ग मतदाताओं के सामने है, जिनकी उम्र 60 से 79 साल की है. इस स्थिति को देखते हुए वोटिंग में गिरावट की आशंका भी बनी हुआ है.