आज देशभर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है. इस बार अष्टमी तिथि 11 अगस्त को 9 बजे लगी, जो आज 12 अगस्त को सुबह 11 बजे तक रहेगी. अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के समय के आधार पर कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत दो दिनों तक मनाया जाता है.
राजस्थान कांग्रेस में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की कांग्रेस में वापसी होने के साथ सियासी उठापटक भी थम गई है. बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने राजस्थान के सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस से कहा कि वो बीजेपी से माफी मांगे.
दिल्ली की एक संस्था माधव प्रसाद चौरिया एजुकेशन ने महाकाल मंदिर में 6 सौ लीटर सैनिटाइजर, 6 हजार मास्क दान दिए हैं.
एमपी कांग्रेस ने नई शिक्षा नीति पर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं. मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि प्रदेश के 45 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है, पर भगवान भरोसे चल रहे हैं और सरकार इस प्रदेश को देश में शिक्षा के क्षेत्र में आदर्श राज्य बनाना चाहती है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को यूरिया के संकट और कालाबाजारी को लेकर पत्र लिखा था. जिसपर कृषि मंत्री कमल पटेल ने कमलनाथ पर तंज कहा है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में जांच एजेंसियों में पंजीबद्ध प्रकरणों की भिन्नता होने पर ऐसे प्रकरणों में विचार करने के लिए मंत्रि-परिषद समिति का गठन किया गया है. जिसमें मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन इस समिति के सचिव एवं अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग समन्वयक होंगे.
भोपाल में पिछले 24 घंटे में 3 कोरोना मरीजों की मौत हो गई है. अब तक कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 7 हजार 961 पर पहुंच गई है. वहीं शहर में कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक 232 मरीजों की मौत हो चुकी है.
बासमती चावल के जीआई टैग (ज्योग्राफिकल इंडिकेशन) नहीं मिले से किसान परेशान हैं. किसानों का कहना है कि बासमती को भी अभी तक जीआई टैग नहीं मिल पाया है. जिसके कारण से मध्य प्रदेश के किसान हरियाणा और पंजाब के व्यापारियों को मजबूरी में अपनी बेशकीमती बासमती चावल सस्ते दामों पर बेच रहे हैं.
भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली महर्षि सांदिपनी आश्रम में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई, लेकिन इस बार आम भक्त कोरोना के कारण इसमें हिस्सा नहीं ले सके.
कोरोना की वजह से बहुत कुछ बदल गया है. सबसे ज्यादा असर ऑफिस के कामकाज पर पड़ा. लेकिन इस मुश्किल दौर में डिजिटल सेवाएं लोगों के लिए कारगर साबित हो रही हैं. ई गवर्नेंस इसी का एक हिस्सा है, जिसका प्रसार इन दिनों मध्य प्रदेश और खासकर सरकारी दफ्तरों में तेजी से हो रहा है.