भोपाल (Agency, PTI। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में माधव राष्ट्रीय उद्यान (एमएनपी) में वन विभाग एक बाघ और दो बाघिनों को स्थानांतरित करना शुरू करेगा. वन विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि 10 मार्च को ये प्रक्रिया शुरू होगी. बता दें कि शिवपुरी की सीमाएं श्योपुर जिले से लगती हैं. यहां चीता प्रोजेक्ट के तहत कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 चीते रह रहे हैं.
10 मार्च से शुरू होगी शिफ्टिंग : अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुभरंजन सेन ने बताया, "मप्र के विभिन्न बाघ अभयारण्यों से एक बाघ और दो बाघिनों को एमएनपी में स्थानांतरित किया जाएगा, जो 350 वर्ग किमी से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है. स्थानांतरण 10 मार्च से शुरू होगा." सेन ने कहा कि यह तीसरी बार है, जब मध्य प्रदेश वन विभाग एक वन्यजीव अभयारण्य में एक बाघ को फिर से पेश करने जा रहा है. इससे पहले बाघों को पन्ना टाइगर रिजर्व और सागर में नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य में सफलतापूर्वक पुनर्वासित किया गया था. वन अधिकारियों के अनुसार, MNP के पास बाघों के लिए पर्याप्त शिकार हैं. इस पुनरुद्धार कार्यक्रम को केंद्र द्वारा मंजूरी दी गई थी.
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कुछ समय के लिए अलग बाड़े में रहेंगे बाघ : वन विभाग का कहना है कि बाघों को संभवत: पन्ना, सतपुड़ा और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से एमएनपी में स्थानांतरित करने के लिए उठाया जाएगा. वन अधिकारियों ने कहा कि बाघों को जंगल में छोड़ने से पहले एमएनपी में कुछ समय के लिए अलग बाड़े में रखा जाएगा. इन बाघों पर नजर रखने के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है. बता दें कि 1970 में एमएनपी में बाघों की संख्या काफी अच्छी थी. स्थानीय लोगों ने 2010 के बाद से MNP में और उसके आसपास कोई बाघ नहीं देखा है. रिपोर्टों के अनुसार, राजस्थान के बाघ 2010-12 में कुछ समय के लिए MNP के आसपास घूमते रहे हैं. वन्यजीव विशेषज्ञों ने कहा कि MNP ने मुख्य रूप से रॉयल्स द्वारा शिकार के कारण बाघों की आबादी खो दी थी.