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ढाई महीने में भी नहीं बनी अयोग्य कर्मचारियों की सूची, विभागों को फिर भेजा गया रिमाइंडर - विभागाध्यक्षों को रिमाइंडर

केंद्र की मोदी सरकार के निर्देश के बावजूद भी मध्य प्रदेश के अयोग्य कर्मचारियों की सूची पिछले ढाई महीने में भी बनकर तैयार नहीं हुई है. जिसके बाद एक बार फिर सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को रिमाइंडर भेजा गया है.

अयोग्य कर्मचारियों की सूची
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Published : Sep 29, 2019, 4:39 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 5:12 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के अयोग्य कर्मचारियों की सूची पिछले ढाई महीने में भी तैयार नहीं हो पाई है. दरअसल केंद्र की मोदी सरकार के निर्देश पर ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों की सूची तैयार करने के आदेश दिए गए हैं जो 50 साल की आयु और 20 साल की सेवा पूर्ण करने के बाद भी काम में अयोग्य पाए गए हैं. शासन ने इसको लेकर एक बार फिर सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को रिमाइंडर भेजा है. पिछले ढाई महीने बाद भी सूची तैयार नहीं किए जाने को लेकर सरकार ने नाराजगी जताई है.

अयोग्य कर्मचारियों की सूची के लिए विभागों को रिमांडर

केंद्र सरकार ने अधिकारी कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए 20:50 फार्मूला लागू किया है. इसके तहत सभी कमिश्नर, कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को लेटर भेजे गए हैं. इसके तहत ऐसे कर्मचारी जो 50 साल की आयु और 20 साल की सेवा पूर्ण कर चुके हैं और इनमें से जो कर्मचारी अयोग्य हैं, उनकी सूची तैयार कर उनकी सेवाएं समाप्त की जानी हैं. इसको लेकर शासन द्वारा करीब ढाई महीने पहले सभी विभागाध्यक्षों को नोटिस जारी किए गए थे. लेकिन सिर्फ एक विभाग को छोड़कर किसी भी विभाग ने इस पर गंभीरता से काम नहीं किया.

इसको लेकर सरकार ने नाराजगी जताई है और सभी विभागाध्यक्ष को एक बार फिर रिमाइंडर भेजा गया है. मामले में जब सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसको लेकर मुख्य सचिव द्वारा कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इसके लिए सभी मुख्य सचिवों को आदेश दिए थे और यह मुख्य सचिव की ड्यूटी है कि वे ऐसी सूची तैयार कर केंद्र को भेजें.

भोपाल। मध्य प्रदेश के अयोग्य कर्मचारियों की सूची पिछले ढाई महीने में भी तैयार नहीं हो पाई है. दरअसल केंद्र की मोदी सरकार के निर्देश पर ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों की सूची तैयार करने के आदेश दिए गए हैं जो 50 साल की आयु और 20 साल की सेवा पूर्ण करने के बाद भी काम में अयोग्य पाए गए हैं. शासन ने इसको लेकर एक बार फिर सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को रिमाइंडर भेजा है. पिछले ढाई महीने बाद भी सूची तैयार नहीं किए जाने को लेकर सरकार ने नाराजगी जताई है.

अयोग्य कर्मचारियों की सूची के लिए विभागों को रिमांडर

केंद्र सरकार ने अधिकारी कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए 20:50 फार्मूला लागू किया है. इसके तहत सभी कमिश्नर, कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को लेटर भेजे गए हैं. इसके तहत ऐसे कर्मचारी जो 50 साल की आयु और 20 साल की सेवा पूर्ण कर चुके हैं और इनमें से जो कर्मचारी अयोग्य हैं, उनकी सूची तैयार कर उनकी सेवाएं समाप्त की जानी हैं. इसको लेकर शासन द्वारा करीब ढाई महीने पहले सभी विभागाध्यक्षों को नोटिस जारी किए गए थे. लेकिन सिर्फ एक विभाग को छोड़कर किसी भी विभाग ने इस पर गंभीरता से काम नहीं किया.

इसको लेकर सरकार ने नाराजगी जताई है और सभी विभागाध्यक्ष को एक बार फिर रिमाइंडर भेजा गया है. मामले में जब सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसको लेकर मुख्य सचिव द्वारा कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इसके लिए सभी मुख्य सचिवों को आदेश दिए थे और यह मुख्य सचिव की ड्यूटी है कि वे ऐसी सूची तैयार कर केंद्र को भेजें.

Intro:भोपाल। मध्य प्रदेश के कामचोर और अयोग्य कर्मचारियों की सूची पिछले ढाई माह बाद भी तैयार नहीं हो पाई है। दरअसल केंद्र कि मोदी सरकार के निर्देश पर ऐसे कर्मचारी अधिकारियों की सूची तैयार करने के आदेश दिए गए हैं जो 50 वर्ष की आयु और 20 साल की सेवा पूर्ण करने के बाद भी काम में अयोग्य पाए गए हैं। शासन ने इसको लेकर एक बार फिर सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को रिमाइंडर भेजा है। पिछले ढाई महीने बाद भी सूची तैयार ना किए जाने को लेकर सरकार ने नाराजगी जताई है।


Body:केंद्र सरकार ने अधिकारी कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए 20:50 फार्मूला लागू किया है। इसके तहत सभी कमिश्नर कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को लेटर भेजे गए हैं इसके तहत ऐसे कर्मचारी जो 50 साल की आयु और 20 साल की सेवा पूर्ण कर चुके हैं और इनमें से जो कर्मचारी आयोग मक्कार बीमार है उनकी सूची तैयार कर उनकी सेवाएं समाप्त की जानी है। इसको लेकर शासन द्वारा करीब ढाई महीने पहले सभी विभागाध्यक्षों को नोटिस जारी किए गए थे लेकिन सिर्फ एक विभाग को छोड़कर किसी भी विभाग ने इस पर गंभीरता से काम नहीं किया इसको लेकर सरकार ने नाराजगी जताई है और सभी विभागाध्यक्ष को एक बार फिर रिमाइंडर भेजा गया है। इसको लेकर जब सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा की इसको लेकर मुख्य सचिव द्वारा कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इसके लिए सभी मुख्य सचिवों को आदेश दिए थे और यह मुख्य सचिव की ड्यूटी है कि वे ऐसी सूची तैयार कर केंद्र को भेजें।


Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 5:12 PM IST
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