राजधानी भोपाल में शमशान घाटों पर शव जलाने के लिए भारी भीड़ इकट्ठा होने लगी है. इस दौरान लोग कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद अंतिम संस्कार बिना प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है.
- कोरोना से मौत के बाद बिना PPE किट के अंतिम संस्कार
सुभाष नगर विश्राम घाट के प्रबंधक शोभराज सुखवानी का कहना है कि रोज 8 से 10 तक शव आते हैं. और मंगलवार को 2 कोरोना मरीजों के शव अंतिम संस्कार के लिए आये थे. जिन्होंने बिना PEE किट पहने हुए अंतिम संस्कार किया था. जबकि कोरोना से मौत के बाद मृतक का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया जाना चाहिए.
- अस्पताल प्रबंधन PPE किट नहीं कराता उपलब्ध
प्रबंधक का कहना है कि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन को ही PPE किट उपलब्ध कराना चाहिए. ताकि अंतिम संस्कार भी PPE किट पहनकर किया जा सकें. क्योंकि ऐसे में हम लोग मृतक के परिवार को ज्यादा फ़ोर्स नहीं कर सकते हैं. कई बार आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते पर परिजन PPE KIT नहीं खरीद पाते हैं. इसलिए जिस अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत होती है. उन्हें ही परिवार के लोगों को PPE किट उपलब्ध करानी चाहिए.
- कोरोना के कहर ने बढ़ाई परेशानी
दरअसल एक बार फिर राजधानी भोपाल में कोरोना का कहर बढ़ने लगा है और मौत के आंकड़े भी बढ़ने लगे हैं. ऐसे में श्मशानों में लंबी कतार नजर आ रही है. भोपाल की बात करें तो भदभदा विश्राम घाट, झदा कबिस्तान, सुभाष नगर विश्राम घाट है. जहां रोज बड़ी संख्या में सामान्य और कोरोना मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है.
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- इलेक्ट्रिक शव दहन की जगह लोग लकड़ी से कर रहे अंतिम संस्कार
सरकार ने श्मशान घाटों पर पर्याप्त मात्रा में लड़की का इंजताम किया है. कुछ स्थानों पर इलेक्ट्रिक शव दहन की भी व्यवस्था है. लेकिन ज्यादातर लोग सामान्य रूप से अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी का ही उपयोग करते हैं.