भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लव जिहाद की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए लाए जा रहे कानून में सख्त प्रावधान किए जा रहे हैं. प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने साफ कर दिया है कि इस तरह के मामलों में 5 साल तक की कठोरतम सजा का प्रावधान किया जा रहा है. सरकार आगामी विधानसभा सत्र में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम विधेयक लाने जा रही है. इस मामले में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अभय गोहिल ने कहा है कि इस तरह के कानून आ जाने से लव जिहाद जैसी घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी.
लव जिहाद को लेकर बनने वाले कानून पर रिटायर्ड जस्टिस की राय
हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अभय गोयल का कहना है कि मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1998 पहले से कानून बना हुआ है. इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन इसमें धर्मांतरण को लेकर सख्त प्रावधान नहीं है. दो धर्मों के बीच विवाह होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन समस्या तब पैदा होती है जब लालच देकर, जबरदस्ती, बहला-फुसलाकर या झूठ बोलकर शादी की जाए. इसको लेकर सख्त कानून बनाकर इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सकेगी.
नए कानून के बाद कलेक्टर को करना होगा आवेदन
हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस ने कहा कि धर्म परिवर्तन के लिए कलेक्टर से पहले इजाजत लेना जरूरी किया जा रहा है. पहले ऐसा नहीं था. कलेक्टर को आवेदन करने के बाद कानूनी रूप से पूरी प्रक्रिया अपनाई जाती है. नया कानून धर्म परिवर्तन के लिए शादी करने वालों पर नियंत्रण करने के लिए लाया जा रहा है. ऐसी घटना के शिकार होने पर पीड़ित इसकी शिकायत कर सकेंगे.
'लव जिहाद जैसी घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी'
पुराने कानून में इस तरह के अपराध में जमानती धाराएं हैं. और सजा के भी सख्त प्रावधान नहीं है. लेकिन जैसा कहा जा रहा है कि नए कानून में सख्त प्रावधान किए जाएंगे, गैर जमानती अपराध होने के कारण सजा 5 साल तक हो सकती है. अगर ऐसा कानून लागू होता है तो लव जिहाद जैसी घटनाओं में कमी आएगी.