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भोपाल : राज्य शासन ने जारी की औद्योगिक गतिविधियों के लिए नई गाइडलाइन - मैन्यूफैक्चरिंग आइटम्स

मध्यप्रदेश में लॉकडाउन के तीसरे चरण में औद्योगिक गतिविधियों के लिए सरकार ने नई गाइड लाइन जारी की है.

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Published : May 4, 2020, 6:12 PM IST

भोपाल। लॉकडाउन के तीसरे दौर में रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले क्षेत्रों में कुछ बंदिशों के साथ, औद्योगिक गतिविधियों को नई गाइड लाइन के तहत स्वीकृति प्रदान की गई है. प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजोरा ने राज्य में वृहद, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों और औद्योगिक एवं मैन्यूफैक्चरिंग आइटम्स के वेयरहाउस के लिए नए गाइड लाइन जारी की है.

नए दिशा-निर्देशों में ये स्पष्ट किया गया है कि रेड एवं ऑरेंज जोन के जिलों के कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह कि औद्योगिक गतिविधि की अनुमति नहीं रहेगी. इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्र में (कन्टेनमेंट क्षेत्र के बाहर) सभी औद्योगिक गतिविधियां संचालित होंगी. इनको शुरू करने के लिए जिला कलेक्टर से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.

रेड एवं ऑरेंज जोन के जिलों के नगरीय क्षेत्रों (कन्टेनमेंट जोने के बाहर) में उद्योग संचालित करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन ग्रुप से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा. इसके अन्तर्गत स्पेशल एकॉनामी जोन की सभी इकाईयां, निर्यात करने वाली औद्योगिक इकाईयां, राज्य सरकार द्वारा घोषित औद्योगिक क्षेत्र/ संस्थान में स्थापित इकाइयां, अत्यावश्यक वस्तुएं जिनमें फार्मास्यूटिकल, चिकित्सा उपकरण, हेल्थ केयर उत्पाद की निर्माण इकाईयों और इनके निर्माण के लिए मध्यवर्ती और कच्चे माल के निर्माण की इकाइयों और आईटी, हार्डवेयर की इकाइयों एवं पैकेजिंग सामग्री की इकाईयों को शामिल किया गया है.

ग्रीन जोन के जिलों में सभी प्रकार के उद्योग शुरू किए जा सकेंगे. इसके लिए जिला कलेक्टर और डीसीएमजी की पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं होगी. इन क्षेत्रों में श्रमिकों, कर्मचारियों, कच्चे माल तथा तैयार उत्पाद के आवागमन के लिए भी किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.

कन्टेनमेंट जोन के श्रमिकों-कर्मचारी को नहीं मिलेगी अनुमति

रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के जिलों में क्रियाशील समस्त उद्योगों में कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले श्रमकों, कर्मचारियों, अधिकारियों को कार्य करने की अनुमति नहीं होगी. रेड एवं ऑरेंज जोन के जिलों में ग्रामीण अथवा नगरीय क्षेत्रों में संचालित उद्योगों के श्रमिकों, कर्मचारियों, अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों के नॉन-कन्टेनमेंट क्षेत्रों के इकाईयों तक आवागमन के लिए परिवहन पास की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन ऐसे जिलों में नगरीय क्षेत्रों के नॉन-कन्टेनमेंट क्षेत्रों से इकाईयों तक के आवागमन के लिए जिला प्रशासन से परिवहन पास प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा. जिला आपदा प्रबंधन जिले की परिस्थिति विशेष को देखते हुए किस उद्योग को जिले-शहर के किस क्षेत्र में उनकी मेनपॉवर के आवागमन की अनुमति दी जाए, इसका निर्णय लेगा.

इन्ट्रास्टेट/इन्टर स्टेट बसों का संचालन नहीं होगा

ऐसे उद्योग, जो सभी कार्यरत श्रमिकों को अपने परिसर में रहने की व्यवस्था करते हैं, उनको जिला आपदा प्रबंधन से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी. रेड जोन के कन्टेनमेंट क्षेत्र के बाहर के क्षेत्रों में भी इन्ट्रास्टेट तथा इन्टरसिटी बसों का संचालन नहीं किया जा सकेगा.

अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों और पीथमपुर, मण्डीदीप, मालनपुर/ बामौर औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों, कर्मचारियों, अधिकारियों के समीपस्थ संबंधित जिलों के जिला आपदा प्रबंधन से समन्वय कर प्रदान की जाएगी. गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों को सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक मानक ऑपरेटिंग प्रक्रिया का पालन करते हुए आवागमन की अनुमति दी जा सकेगी.

नए दिशा-निर्देश में ये स्पष्ट किया गया है कि कोविड-19 मरीज से सम्पर्क में आया व्यक्ति, इन्फलूएन्सा अथवा गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम की श्रेणी का कोई श्रमिक किसी उद्योग में कार्य करने नहीं जाएगा.

रेड, ऑरेंज तथा ग्रीन जोन में संचालित सभी उद्योगों में कोरोना की रोकथाम के सभी मानकों का कड़ाई से पालन करना होगा. औद्योगिक इकाईयों के कच्चा माल अथवा तैयार उत्पाद के ट्रक के आवागमन पर कन्टेनमेंट क्षेत्रों के अतिरिक्त कोई प्रतिबंध नहीं होगा, जो उद्योग व्यापक जनहित में चलाए जाने आवश्यक हैं और उन्हें किसी शर्त से छूट की आवश्यकता है, तो ऐसी छूट राज्य शासन द्वारा दी जा सकेगी.

भोपाल। लॉकडाउन के तीसरे दौर में रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले क्षेत्रों में कुछ बंदिशों के साथ, औद्योगिक गतिविधियों को नई गाइड लाइन के तहत स्वीकृति प्रदान की गई है. प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजोरा ने राज्य में वृहद, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों और औद्योगिक एवं मैन्यूफैक्चरिंग आइटम्स के वेयरहाउस के लिए नए गाइड लाइन जारी की है.

नए दिशा-निर्देशों में ये स्पष्ट किया गया है कि रेड एवं ऑरेंज जोन के जिलों के कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह कि औद्योगिक गतिविधि की अनुमति नहीं रहेगी. इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्र में (कन्टेनमेंट क्षेत्र के बाहर) सभी औद्योगिक गतिविधियां संचालित होंगी. इनको शुरू करने के लिए जिला कलेक्टर से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.

रेड एवं ऑरेंज जोन के जिलों के नगरीय क्षेत्रों (कन्टेनमेंट जोने के बाहर) में उद्योग संचालित करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन ग्रुप से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा. इसके अन्तर्गत स्पेशल एकॉनामी जोन की सभी इकाईयां, निर्यात करने वाली औद्योगिक इकाईयां, राज्य सरकार द्वारा घोषित औद्योगिक क्षेत्र/ संस्थान में स्थापित इकाइयां, अत्यावश्यक वस्तुएं जिनमें फार्मास्यूटिकल, चिकित्सा उपकरण, हेल्थ केयर उत्पाद की निर्माण इकाईयों और इनके निर्माण के लिए मध्यवर्ती और कच्चे माल के निर्माण की इकाइयों और आईटी, हार्डवेयर की इकाइयों एवं पैकेजिंग सामग्री की इकाईयों को शामिल किया गया है.

ग्रीन जोन के जिलों में सभी प्रकार के उद्योग शुरू किए जा सकेंगे. इसके लिए जिला कलेक्टर और डीसीएमजी की पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं होगी. इन क्षेत्रों में श्रमिकों, कर्मचारियों, कच्चे माल तथा तैयार उत्पाद के आवागमन के लिए भी किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.

कन्टेनमेंट जोन के श्रमिकों-कर्मचारी को नहीं मिलेगी अनुमति

रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के जिलों में क्रियाशील समस्त उद्योगों में कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले श्रमकों, कर्मचारियों, अधिकारियों को कार्य करने की अनुमति नहीं होगी. रेड एवं ऑरेंज जोन के जिलों में ग्रामीण अथवा नगरीय क्षेत्रों में संचालित उद्योगों के श्रमिकों, कर्मचारियों, अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों के नॉन-कन्टेनमेंट क्षेत्रों के इकाईयों तक आवागमन के लिए परिवहन पास की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन ऐसे जिलों में नगरीय क्षेत्रों के नॉन-कन्टेनमेंट क्षेत्रों से इकाईयों तक के आवागमन के लिए जिला प्रशासन से परिवहन पास प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा. जिला आपदा प्रबंधन जिले की परिस्थिति विशेष को देखते हुए किस उद्योग को जिले-शहर के किस क्षेत्र में उनकी मेनपॉवर के आवागमन की अनुमति दी जाए, इसका निर्णय लेगा.

इन्ट्रास्टेट/इन्टर स्टेट बसों का संचालन नहीं होगा

ऐसे उद्योग, जो सभी कार्यरत श्रमिकों को अपने परिसर में रहने की व्यवस्था करते हैं, उनको जिला आपदा प्रबंधन से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी. रेड जोन के कन्टेनमेंट क्षेत्र के बाहर के क्षेत्रों में भी इन्ट्रास्टेट तथा इन्टरसिटी बसों का संचालन नहीं किया जा सकेगा.

अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों और पीथमपुर, मण्डीदीप, मालनपुर/ बामौर औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों, कर्मचारियों, अधिकारियों के समीपस्थ संबंधित जिलों के जिला आपदा प्रबंधन से समन्वय कर प्रदान की जाएगी. गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों को सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक मानक ऑपरेटिंग प्रक्रिया का पालन करते हुए आवागमन की अनुमति दी जा सकेगी.

नए दिशा-निर्देश में ये स्पष्ट किया गया है कि कोविड-19 मरीज से सम्पर्क में आया व्यक्ति, इन्फलूएन्सा अथवा गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम की श्रेणी का कोई श्रमिक किसी उद्योग में कार्य करने नहीं जाएगा.

रेड, ऑरेंज तथा ग्रीन जोन में संचालित सभी उद्योगों में कोरोना की रोकथाम के सभी मानकों का कड़ाई से पालन करना होगा. औद्योगिक इकाईयों के कच्चा माल अथवा तैयार उत्पाद के ट्रक के आवागमन पर कन्टेनमेंट क्षेत्रों के अतिरिक्त कोई प्रतिबंध नहीं होगा, जो उद्योग व्यापक जनहित में चलाए जाने आवश्यक हैं और उन्हें किसी शर्त से छूट की आवश्यकता है, तो ऐसी छूट राज्य शासन द्वारा दी जा सकेगी.

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