भोपाल। मध्यप्रदेश में पहले नगरीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे. इसके बाद ही पंचायत के चुनाव होंगे. नगरी निकाय के चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे, जबकि पंचायत के चुनाव तीन चरणों में होंगे. यह निर्णय राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया. मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन तीन मार्च 2021 को पहले ही हो चुका है. नगरीय निकायों में मतदान ईवीएम के माध्यम से कराया जाएगा.
दो चरणों में होगा नगरीय निकाय चुनाव
बैठक में तय किया गया कि नगरीय निकाय के चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे. प्रदेश में कुल 407 नगरीय निकाय हैं. इनमें से 347 में आम निर्वाचन कराया जाना है. इसमें से पहले चरण में 155 और दूसरे चरण में 192 नगरीय निकायों में मतदान कराया जाएगा.
निकाय चुनाव के लिए बनाएं जाएंगे 19,955 मतदान केंद्र
महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होगा, यानी पार्षद ही महापौर का चुनाव करेंगे. 347 नगरीय निकायों में सभी 16 नगर निगम शामिल हैं. हालांकि अभी 60 नगरीय निकायों का कार्यकाल बाकी है. नगरीय निकाय चुनाव के लिए 19,955 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. चुनाव के लिए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन तीन मार्च 2021 को पहले ही हो चुका है. नगरीय निकायों में मतदान ईवीएम के माध्यम से कराया जाएगा.
तीन चरणों में होंगे पंचायत के चुनाव
बैठक में तय किया गया कि पंचायत का निर्वाचन तीन चरणों में कराया जाएगा. त्रिस्तरीय पंचायतों में पंच के तीन लाख 77 हजार 551, सरपंच के 23 हजार 912, जनपद पंचायत सदस्य के 6 हजार 833, जिला पंचायत सदस्य के 904, उपसरपंच के 23 हजार 912, जनपद पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के 313 और जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के 52 पदों का निर्वाचन कराया जाना है.
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बैठक में राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल की वजह से प्रदेश में पहले ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव का कार्यक्रम बहुत लेट हो चुका है, लेकिन प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण और वैक्सीनेशन की स्थिति को देखते हुए वर्तमान में चुनाव कराया जाना संभव है. उन्होंने कहा कि पहले नगरीय निकाय के चुनाव कराए जाएंगे.
अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा महापौर का चुनाव
मध्य प्रदेश सरकार ने महापौर चयन पर अपना फैसला बदल दिया है. तीसरी लहर की चेतावनी को देखते हुए शिवराज सरकार अब महापौर का चयन अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराएगी. यानी महापौर को अब सीधे पार्षद चुन सकेंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि प्रदेश तीसरी लहर का आना तय है. इसी वजह से सबसे बड़ी प्राथमिकता तीसरी लहर से निपटना है. इसी वजह से यह फैसला सरकार ने लिया है.