हैदराबाद। अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण के कारण आए दिन वेग-आवेग से क्रियाएं होती नजर आती हैं. इनमें कभी तूफान उठते होते हैं, तो कभी एस्टेरॉयड गति भरते नजर आते हैं. एक निजी मौसम वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक सूरज की सतह से पैदा हुआ शक्तिशाली सौर तूफान 16,09,344 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है.
यह सौर तूफाआज पृथ्वी से टकरा सकता है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस तूफान के कारण सैटेलाइट सिग्नलों में बाधा आ सकती है. विमानों की उड़ान, रेडियो सिग्नल, कम्यूनिकेशन और मौसम पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है.
वायुमंडल से पैदा हुआ तूफान
एक निजी वेबसाइट के मुताबिक, सूरज के वायुमंडल से पैदा हुए इस सौर तूफान के कारण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभुत्व वाले अंतरिक्ष का एक क्षेत्र में काफी प्रभाव देखने को मिल सकता है. उत्तरी या दक्षिणी अक्षांशों पर रहने वाले लोग रात में सुंदर आरोरा देखने की उम्मीद कर सकते हैं. ध्रुवों के नजदीक आसमान में रात के समय दिखने वाली चमकीली रोशनी को आरोरा कहते हैं.
धरती के हर शहर की हो सकती है बिजली गुल
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अनुमान है कि ये हवाएं 16,09,344 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं. उन्होंने यह भी बताया कि हो सकता है कि इसकी स्पीड और भी ज्यादा हो. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरिक्ष से महातूफान फिर आता है तो धरती के लगभग हर शहर से बिजली गुल हो सकती है.
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पृथ्वी की ओर आ रहे इस सौर तूफान से धरती का बाहरी वायुमंडल गरम हो सकता है. इसका असर सैटलाइट्स पर हो सकता है. इससे जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है. यही नहीं पावर लाइन्स में करंट तेज होने से ट्रांसफॉर्मर भी उड़ सकते हैं. आमतौर पर ऐसा कम ही होता है, क्योंकि धरती का चुंबकीय क्षेत्र इसके खिलाफ सुरक्षा कवच का काम करता है.