भोपाल। मध्य प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रयासों के बाद अर्बन अर्बन एनवायरनमेंट थीम में भोपाल को चेन्नई के साथ क्लीन एनर्जी में पहला स्थान मिला है. राजधानी भोपाल को यह पुरस्कार सोलर परियोजना विकसित करने के लिए मिला है. इस परियोजना के तहत भोपाल के राजाभोज ताल (बड़ा तालाब) पर 500 किलोवाट का सोलर प्लांट स्थापित किया गया है. इसके अलावा भोपाल नगर निगम मुख्यालय में 35 किलोवाट का प्लांट लगाया गया है.
- आइएसबीटी पर 120 किलोवाट का प्लांट
भोपाल में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए इनके अलावा भी कई जगहों पर सोलर प्लांट लगाए गए हैं. भोपाल के आइएसबीटी (ISBT) पर 120 किलोवाट का प्लांट लगा है. भोपाल का नाम देश की स्मार्ट सिटी में भी शामिल है. यहां कार्यालयीय उपयोग के लिए ई-व्हीकल का इस्तेमाल किया जाता है. भोपाल शहर में ई-चार्जिंग कॉरिडोर भी बनाए हैं जिसमें 120 स्थानों पर चार्जिंग की सुविधा है.
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भोपाल में अलग-अलग जगहों पर लगे सोलर प्लांट की लागत
- ISBT पर लगे 120 किलोवाट का सोलर प्लांट की लागत- 44 लाख रुपए
- नगर निगम कार्यालय में लगे 35 किलोवाट के सोलर प्लांट की लागत- 19.11 लाख रुपए
- बड़ा तालाब में लगे सोलर प्लांट की लागत- 4.50 करोड़ रुपए
बड़ा तालाब में लगे सोलर प्लांट की स्थिति
भोपाल के बड़ा तालाब में 2400 सोलर पैनल लगाए गए हैं जिनकी कीमत 4.50 करोड़ रुपए है. इस प्लांट से एक साल में 75 लाख की बिजली एकत्रित हो सकती है. इस प्लांट से उम्मीद है कि यह 4 साल में प्रोजेक्ट की पूरी लागत वसूल कर लेगा. इस प्रोजेक्ट से ईदगाह हिल्स और श्यामला हिल्स के वाटर फिल्टर प्लांट को रोशनी मिल रही है. इसके अलावा ISBT में लगाए गए प्लांट से आईएसबीटी कार्यालय को रोशनी मिल रही है. नगर निगम में लगे प्लांट से नगर निगम का बिजली बिल कम हुआ है.