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281 करोड़ के लेनदेन में नपेगी 'खाकी' : पोल कैश में SIT दर्ज करेगी FIR - पोल कैश मामले में पुलिस अफसरों के खिलाफ होगी FIR

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान करोड़ों रुपए के काले धन के लेन-देन के मामले में चार पुलिस अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज हो सकती है. केन्द्रीय चुनाव आयोग ने गृह विभाग को फैसला लेने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया था. जो 19 जनवरी को खत्म हो रहा है. मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी लोग भी घेरे में हैं.

पोल कैश में नपेंगे 4 पुलिस अफसर !
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Published : Jan 18, 2021, 5:25 PM IST

भोपाल । पोल कैश मामले में 19 जनवरी से पहले SIT चार पुलिस अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज कर सकती है. केन्द्रीय चुनाव आयोग ने गृह विभाग को फैसला लेने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया था. ये समय 19 जनवरी को खत्म हो रहा है. मामला 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कालेधन की डिलीवरी से जुड़ा है. आयकर विभाग का दावा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भोपाल से करोड़ों रुपए दिल्ली भेजे गए थे.

पोल कैश में 4 पुलिस अफसरों पर शिकंजा !

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान हुए काले धन के लेनदेन मामले में EOW जल्दी ही चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर सकती है. इस सिलसिले में मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव से दिल्ली में चुनाव आयोग की बैठक हुई थी. तब चुनाव आयोग ने गृह विभाग को 2 सप्ताह का वक्त दिया गया था. ये वक्त 19 जनवरी को खत्म हो रहा है. माना जा रहा है कि इससे पहले ही SIT चारों पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज कर सकती है. EOW ने इन चारों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर रखी है. अब इन चारों अधिकारियों को चार्जशीट थमाने की तैयारी हो चुकी है.

sit to file fir in poll cash
पोल कैश में नपेंगे पुलिस अफसर

लोकसभा चुनाव में करोड़ों किए इधर से उधर !

आरोप है कि 3 IPS अधिकारियों सुशोभन बनर्जी, संजय माने और वी मधु कुमार और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा ने अपने निजी वाहनों से करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन किया है. ये कालाधन भोपाल से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था. IT डिपार्टमेंट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है, कि छापों के दौरान मिले दस्तावेजों में IPS अधिकारी सुशोभन बनर्जी के नाम के आगे 25 लाख रुपये की राशि लिखी हुई है. इसी तरह IPS अधिकारी संजय माने के नाम के आगे 30 लाख रुपए की राशि लिखी हुई है. IPS अफसर वी मधुकुमार के नाम के सामने 12.50 करोड़ लिखे हुए हैं. इसी तरह राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा के नाम के आगे 7.5 करोड़ रुपये की राशि लिखी हुई है.

घेरे में पूर्व CM कमलनाथ के करीबी

मामला लोकसभा चुनाव 2019 का है. तब मध्यप्रदेश में कमलनाथ का राज था. उसी दौरान दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने कमलनाथ के करीबी RK मिगलानी, प्रवीण कक्कड़ और भांजे रतुल पुरी और कारोबारी अश्विन शर्मा के 52 ठिकानों पर छापे मारे थे. आयकर विभाग टीम ने इन ठिकानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज, कंप्यूटर और फाइलें जप्त की थी. छापों में करोड़ों का कैश भी मिला था . आयकर विभाग ने दावा किया था कि काले धन के लेन देन के पुख्ता सबूत उसके हाथ लगे हैं.

52 ठिकानों पर छापे, 281 करोड़ का हिसाब

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की दिल्ली विंग ने अप्रैल 2019 में मध्य प्रदेश में कुल 52 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे. ये कार्रवाई पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के OSD प्रवीण कक्कड़, सलाहकार राजेंद्र मालानी, कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी और कारोबारी अश्विन शर्मा के ठिकानों पर हुई थी. छापों में आयकर विभाग ने 14 करोड़ रुपए की नकदी, डायरियां, कंप्यूटर और फाइलें जब्त की थीं. इन्हीं दस्तावेजों में करोड़ों रुपए के लेनदेन का हिसाब दर्ज था. आयकर विभाग ने दावा किया था कि 20 करोड़ रुपये की राशि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के दिल्ली स्थित मुख्यालय भेजी गई. इन छापों में कुल 281 करोड़ रुपए के लेनदेन का दावा किया जा रहा है. ये रकम अलग-अलग कारोबारियों, नौकरशाहों और राजनेताओं से इकट्ठा किया गया था. आयकर विभाग का दावा है कि इसे हवाला के जरिए दिल्ली में राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय भेजा गया.

भोपाल । पोल कैश मामले में 19 जनवरी से पहले SIT चार पुलिस अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज कर सकती है. केन्द्रीय चुनाव आयोग ने गृह विभाग को फैसला लेने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया था. ये समय 19 जनवरी को खत्म हो रहा है. मामला 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कालेधन की डिलीवरी से जुड़ा है. आयकर विभाग का दावा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भोपाल से करोड़ों रुपए दिल्ली भेजे गए थे.

पोल कैश में 4 पुलिस अफसरों पर शिकंजा !

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान हुए काले धन के लेनदेन मामले में EOW जल्दी ही चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर सकती है. इस सिलसिले में मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव से दिल्ली में चुनाव आयोग की बैठक हुई थी. तब चुनाव आयोग ने गृह विभाग को 2 सप्ताह का वक्त दिया गया था. ये वक्त 19 जनवरी को खत्म हो रहा है. माना जा रहा है कि इससे पहले ही SIT चारों पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज कर सकती है. EOW ने इन चारों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर रखी है. अब इन चारों अधिकारियों को चार्जशीट थमाने की तैयारी हो चुकी है.

sit to file fir in poll cash
पोल कैश में नपेंगे पुलिस अफसर

लोकसभा चुनाव में करोड़ों किए इधर से उधर !

आरोप है कि 3 IPS अधिकारियों सुशोभन बनर्जी, संजय माने और वी मधु कुमार और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा ने अपने निजी वाहनों से करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन किया है. ये कालाधन भोपाल से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था. IT डिपार्टमेंट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है, कि छापों के दौरान मिले दस्तावेजों में IPS अधिकारी सुशोभन बनर्जी के नाम के आगे 25 लाख रुपये की राशि लिखी हुई है. इसी तरह IPS अधिकारी संजय माने के नाम के आगे 30 लाख रुपए की राशि लिखी हुई है. IPS अफसर वी मधुकुमार के नाम के सामने 12.50 करोड़ लिखे हुए हैं. इसी तरह राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा के नाम के आगे 7.5 करोड़ रुपये की राशि लिखी हुई है.

घेरे में पूर्व CM कमलनाथ के करीबी

मामला लोकसभा चुनाव 2019 का है. तब मध्यप्रदेश में कमलनाथ का राज था. उसी दौरान दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने कमलनाथ के करीबी RK मिगलानी, प्रवीण कक्कड़ और भांजे रतुल पुरी और कारोबारी अश्विन शर्मा के 52 ठिकानों पर छापे मारे थे. आयकर विभाग टीम ने इन ठिकानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज, कंप्यूटर और फाइलें जप्त की थी. छापों में करोड़ों का कैश भी मिला था . आयकर विभाग ने दावा किया था कि काले धन के लेन देन के पुख्ता सबूत उसके हाथ लगे हैं.

52 ठिकानों पर छापे, 281 करोड़ का हिसाब

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की दिल्ली विंग ने अप्रैल 2019 में मध्य प्रदेश में कुल 52 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे. ये कार्रवाई पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के OSD प्रवीण कक्कड़, सलाहकार राजेंद्र मालानी, कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी और कारोबारी अश्विन शर्मा के ठिकानों पर हुई थी. छापों में आयकर विभाग ने 14 करोड़ रुपए की नकदी, डायरियां, कंप्यूटर और फाइलें जब्त की थीं. इन्हीं दस्तावेजों में करोड़ों रुपए के लेनदेन का हिसाब दर्ज था. आयकर विभाग ने दावा किया था कि 20 करोड़ रुपये की राशि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के दिल्ली स्थित मुख्यालय भेजी गई. इन छापों में कुल 281 करोड़ रुपए के लेनदेन का दावा किया जा रहा है. ये रकम अलग-अलग कारोबारियों, नौकरशाहों और राजनेताओं से इकट्ठा किया गया था. आयकर विभाग का दावा है कि इसे हवाला के जरिए दिल्ली में राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय भेजा गया.

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