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गुजरात से भोपाल पहुंची श्रमिक ट्रेन, मजदूरों ने ली राहत की सांस

गुजरात से श्रमिक एक्प्रेस भोपाल के हबीबगंज स्टेशन पर पहुंची. जिससे करीब 1400 मजदूर वापस आए. इनमें प्रदेश के 28 जिलों के मजदूर शामिल हैं.

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भोपाल पहुंची श्रमिक ट्रेन
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Published : May 11, 2020, 1:31 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण का का दंश झेल रहे मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने श्रमिक एक्सप्रेस चलाने का फैसला लिया है. जिससे अप्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों से अपने घर वापस जा सकें. इसी कड़ी में आज गुजरात के मोरवी से श्रमिक ट्रेन भोपाल के हबीबगंज पहुंची. जिससे करीब 1400 मजदूर को वापस लाया है. इनमें प्रदेश के 28 जिलों के मजदूर शामिल हैं.

भोपाल पहुंची श्रमिक ट्रेन

सभी मजदूरों की पहले स्क्रीनिंग की गई. इसके बाद जिले के हिसाब से सभी यात्रियों को बसों में बिठाया गया और अपने-अपने जिले के लिए रवाना कर दिया गया है.स्थानीय प्रशासन की तरफ से मजदूरों के लिए खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई थी. लेकिन इस दौरान ये भी देखने में आया कि एक बोगी में कई मजदूर बैठे हुए थे. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती भी नजर आईं.

रेलवे और स्थानीय प्रशासन की तरफ से जो व्यवस्था की गई, उससे मजदूर काफी खुश नजर आए. मजदूरों का कहना था कि, उन्हें गुजरात से आने में कोई दिक्कत नहीं आई. रास्ते में खाने और पीने के पानी की व्यवस्था की गई थी. बता दें, इससे पहले जो श्रमिक ट्रेन भोपाल आई थी उसमें खाने-पीने की व्यवस्था को लेकर शिकायतें सामने आईं थीं, की गई थी. जिस पर सवाल भी उठे थे. इस व्यवस्था में रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने सुधार किया है. ट्रेन के अंदर ही मजदूरों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं.

भोपाल। कोरोना संक्रमण का का दंश झेल रहे मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने श्रमिक एक्सप्रेस चलाने का फैसला लिया है. जिससे अप्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों से अपने घर वापस जा सकें. इसी कड़ी में आज गुजरात के मोरवी से श्रमिक ट्रेन भोपाल के हबीबगंज पहुंची. जिससे करीब 1400 मजदूर को वापस लाया है. इनमें प्रदेश के 28 जिलों के मजदूर शामिल हैं.

भोपाल पहुंची श्रमिक ट्रेन

सभी मजदूरों की पहले स्क्रीनिंग की गई. इसके बाद जिले के हिसाब से सभी यात्रियों को बसों में बिठाया गया और अपने-अपने जिले के लिए रवाना कर दिया गया है.स्थानीय प्रशासन की तरफ से मजदूरों के लिए खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई थी. लेकिन इस दौरान ये भी देखने में आया कि एक बोगी में कई मजदूर बैठे हुए थे. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती भी नजर आईं.

रेलवे और स्थानीय प्रशासन की तरफ से जो व्यवस्था की गई, उससे मजदूर काफी खुश नजर आए. मजदूरों का कहना था कि, उन्हें गुजरात से आने में कोई दिक्कत नहीं आई. रास्ते में खाने और पीने के पानी की व्यवस्था की गई थी. बता दें, इससे पहले जो श्रमिक ट्रेन भोपाल आई थी उसमें खाने-पीने की व्यवस्था को लेकर शिकायतें सामने आईं थीं, की गई थी. जिस पर सवाल भी उठे थे. इस व्यवस्था में रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने सुधार किया है. ट्रेन के अंदर ही मजदूरों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं.

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