भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की लाइफ लाइन बड़ी झील के दम घोटे जाने वाले मास्टर प्लान के प्रावधान में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है. लंबे इंतजार के बाद राज्य सरकार ने मास्टर प्लान का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. इसमें बड़ी झील के दक्षिण में 15 किलोमीटर लंबा मार्ग बनाए जाने के प्रावधान को हटा दिया है. मास्टर प्लान में प्रावधान किया गया है कि बैरागढ़ से इंदौर मार्ग वाले बड़ी झील के कैचमेंट एरिया में अब सिर्फ कृषि कार्य ही किए जा सकेंगे. इस भूमि का आवासीय और अन्य उपयोग नहीं किया जा सकेगा. मास्टर प्लान में सेवनिया गौंड, बरखेड़ी खुर्द आदि क्षेत्रों में एफएआर नहीं बढ़ाया गया है.
मास्टर प्लान 2031 में यह किए गए संशोधन:
- तीन साल पहले जुलाई 2020 को इसका ड्राफ्ट जारी कर इसके लिए दावे-आपत्ति बुलाई गई थी. इस पर सुनवाई के बाद इसको लेकर विभाग ने मंथन के बाद अब इसे जारी किया है.
- मास्टर प्लान की हद बढ़ाई गई. मास्टर प्लान के ड्राफ्ट में जीआईएस मानचित्र के अनुसार बड़ी झील का क्षेत्रफल 3541.09 हेक्टेयर बताया गया था. इसमें अब संशोधन करते हुए बड़ी झल के फुल टैंक लेवर के अनुसार इसका क्षेत्रफल 3872.43 हेक्टेयर किया गया है.
- बड़ी झील के ग्राम बरखेड़ी कला, गौरा, बरखेड़ा नाथु होकर इंदौर रोड़ पर खजूरी सड़क तक 45 मीटर चौडी और 15.7 किलोमीटर लंबी सड़क बनाए जाने का प्रावधान किया गया था, लेकिन मास्टर प्लान में इसे खत्म कर दिया गया है, ताकि बड़ी झील और इसके कैचमेंट एरिया में इकोलॉजी को नुकसान से बचाया जा सके.
- बड़ी झील के कैचमेंट एरिया में ग्रामीण आबादी से 250 मीटर तक विस्तार का प्रावधान किया गया था. मास्टर प्लान में इसको कम करके 100 मीटर तक ग्राम विस्तार का प्रावधान किया गया है.
- बैरागढ़ से इंदौर रोड़ की ओर बड़ी झील के कैचमेंट एरिया की 1659 हेक्टेयर भूमि पर पहले आवासीय और अन्य भूमि उपयोग का प्रावधान किया गया था, लेकिन अब इसमें सिर्फ कृषि कार्य ही हो सकेंगे.
- लाल घाटी के पास बड़ी झील से लगकर हलालपुरा पर बीडीए द्वारा प्रस्तावित लेकफ्रंट उपयोग की 30.48 हेक्टेयर भूमि को पहले आवासीय कर दिया गया था, लेकिन अब इसे फिर से लेकफ्रंट दर्शाया गया है. यानी यहां आवासीय निर्माण की अनुमति अब नहीं मिलेगी.
शहर के पास बाघ सुरक्षित रहेंगे:
- शहर के कलियासोत बांध केरवा बांध के पास स्थित रातापानी से लेकर मेंडोरा, चंदनपुरा तक वन क्षेत्र फैला हुआ है. इस क्षेत्र बाघ भ्रमण क्षेत्र भी हैं, जहां अभी करीबन दो दर्जन बाघ घूम रहे हैं, लेकिन प्रस्तावित मास्टर प्लान में पहले केरवा डेम से आसपास के 51.66 हेक्टेयर भूमि को निम्न घनत्व आवासीय कर दिया गया था, लेकिन अब मास्टर प्लान में इस क्षेत्र को फिर से ग्रीन बेल्ट किया गया है.
- पूर्व में चंदनपुरा/मेंडोरा, मेंडोरी की 357.78 हेक्टेयर सरकारी भूमि को सार्वजनिक और अर्द्धसार्वजनिक प्रस्तावित किया गया था, लेकिन विरोध के बाद इसे अब फिर वन भूमि कर दिया गया है.
- कलियासोत बांध से लगकर केरवा मार्ग के पूर्वी क्षेत्र में 85.74 हेक्टेयर को ग्रीन बेल्ट से हटाकर आवासीय कर दिया गया था, लेकिन मास्टर प्लान में इसे फिर से ग्रीन बेल्ट कर दिया गया है.
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अरेरा कॉलोनी में कमर्शियल एक्टीबिटी नहीं होगी: पूर्व में मास्टर प्लान के प्रारूप में शहर की 12 मीटर और इससे चौड़ी सड़क पर कमर्शियल एक्टीविटी प्रस्तावित की गई थी, लेकिन अब इसमें संशोधन किया गया है. अब 18 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर कमर्शियल एक्टीबिटी नहीं होगी. मास्टर प्लान के प्रारूप में पहले शहर के ई-1 से लेकर ई-5 तक के क्षेत्र को मिश्रित गतिविधियों (आवासीय के साथ कमर्शियल क्षेत्र ) प्रस्तावित किया था. अब इस क्षेत्र में मिश्रित गतिविधियों और एफएआर के मापदंडों में संशोधन किया गया है.
ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क 18 मीटर होंगी:
- शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्र में अब सड़कों की चौड़ाई 18 मीटर होगी. मास्टर प्लान में इसका प्रावधान किया गया है.
- शहर में नहरों के दोनों तरफ 15-15 मीटर चौधरी सड़क बनेगी. मास्टर प्लान में इसका प्रावधान किया गया है. इससे नए क्षेत्र में यातायात बेहतर होगा.
- शहर के प्रेमपुरा, सेवनिया गौड़, बरखेड़ी खुर्द, खुदागंज, मेंडोरी, मेंडोरा आदि लो डेंसिटी वाले क्षेत्रों में फ्लोर एरिया रेशों को पहले की तरह 1.0.06 ही रखा गया है. इसमें बढ़ोत्तरी नहीं की गई है.