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कोरोना काल में बदली दुर्गा उत्सव की गाइडलाइन, विरोध पर झुकी शिवराज सरकार

कांग्रेस और हिंदू संगठनों के विरोध के बाद दबाव में आकर सरकार ने दुर्गा उत्सव के लिए गाइडलाइन बदल दी है, जिसके बाद अब सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

Durga Utsav Guidelines
दुर्गा उत्सव की गाइडलाइन
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Published : Oct 10, 2020, 9:12 AM IST

Updated : Oct 10, 2020, 12:15 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. रोज हजारों की संख्या में मामले सामने आ रहे हैं. मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितओं की संख्या एक लाख 40 हजार के पार पहुंच चुकी है. करीब ढाई हजार लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इन सबके बावजूद सरकार लगातार कोरोना गाइडलाइन में बदलाव करती जा रही है. 18 सितंबर को नवरात्रि को लेकर जो गाइडलाइन सरकार ने जारी की थी, उसे हिंदू संगठन के दबाव में सरकार ने बदल दिया. जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं, क्या सरकार कोरोना के बढ़ते मरीजों को लेकर बेफिक्र हो चुकी है, क्योंकि नवरात्रि की गाइडलाइन के साथ-साथ उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दल बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहे हैं. जहां सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

दुर्गा उत्सव की गाइडलाइन

18 सितंबर को सरकार की तरफ से नवरात्रि को लेकर एक गाइडलाइन जारी की गई. जिस पर खूब हंगामा हुआ. कांग्रेस से लेकर हिंदू संगठनों ने सरकार को घेरा. विरोध को देखते हुए सरकार को झुकना पड़ा और 3 अक्टूबर को दुर्गा उत्सव के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई. 18 सितंबर को जो गाइडलाइन जारी की गई थी. जिसको लेकर गुस्सा था, उसमें दुर्गा प्रतिमा अधिकतम 6 फीट से ऊंची नहीं होना चाहिए, पंडालों की लंबाई और चौड़ाई 10 बाय 10 फीट की होना चाहिए. किसी भी तरह के जुलूस निकालने, गरबा खेलने की अनुमति नहीं थी. इन सबके लिए आयोजकों को अलग से जिला प्रशासन से लिखित में अनुमति लेने की गाइडलाइन भी थी.

विरोध के बाद झुकी सरकार

गाइडलाइन जारी होने के बाद काफी हंगामा हुआ, विपक्ष में बैठी कांग्रेस और हिंदू संगठनों ने इस मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा और इसे हिंदू विरोधी और मूर्तिकारों को आर्थिक रूप से काफी नुकसान पहुंचाने वाली गाइडलाइन बताया, क्योंकि नवदुर्गा की 6 फीट से ज्यादा ऊंचाई की मूर्ति पहले ही बना ली गईं थीं और पंडालों की साइज भी काफी छोटी थी. हिंदू संगठनों का आरोप था कि बड़े-बड़े राजनीतिक कार्यक्रम हो रहे हैं, वहां कोई नियम और कायदे नहीं हैं. इन्हीं सबको लेकर हिंदू संगठन ने 27 सितंबर को भोपाल में जोरदार प्रदर्शन किया था. जिसमें उग्र प्रदर्शन होता देख पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया. जिसके बाद खूब हंगामा हुआ और आखिरकार 3 अक्टूबर को सरकार ने अपना फैसला बदल दिया, क्योंकि कांग्रेस और हिंदू संगठन के अलावा बीजेपी संगठन की तरफ से भी सरकार पर काफी प्रेशर था.

ये थी पहले गाइडलाइन-

  • दुर्गा प्रतिमाएं 6 फीट से ऊंची नहीं हो सकती
  • पंडालों की साइज 10 बाय 10 फीट अधिकतम
  • सामाजिक सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के आयोजन में सबसे कम व्यक्ति
  • गरबा भी नहीं होगा, लाउडस्पीकर के लिए गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य
  • मूर्ति विसर्जन के लिए 10 से अधिक व्यक्तियों के समूह को अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी
  • आयोजकों को अलग से जिला प्रशासन से लिखित अनुमति पहले से लेनी आवश्यक
  • झांकियों, पंडालों और विसर्जन के आयोजनों में श्रद्धालु फेस कवर, सोशल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाइजर का प्रयोग करेंगे
  • जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए विसर्जन स्थलों पर ही विसर्जन करना होगा

3 अक्टूबर को सरकार की तरफ से एक नई गाइडलाइन जारी की गई. जिसमें 6 फीट ऊंची नवदुर्गा की मूर्ति की साइज से प्रतिबंध हटा दिया गया. इसके अलावा पंडाल की लंबाई और चौड़ाई 10 बाय 10 से 30 बाय 40 कर दी गई. वहीं जाकर बैठाने की इजाजत तो दी गई, लेकिन चल समारोह या झांकी निकालने की अनुमति नहीं दी गई. दशहरा उत्सव पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रामलीला एवं रावण दहन किया जा सकेगा, लेकिन गरबा करने की इजाजत नहीं दी गई.

ये है नई गाइडलाइन

  • 6 फीट ऊंचाई का प्रतिबंध नहीं रहेगा
  • पंडालों का अधिकतम आकार 30 बाई 45 फीट हो सकता है
  • चल समारोह या झांकी निकालने की अनुमति नहीं होगी
  • आयोजन समिति के अधिकतम 10 व्यक्ति दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन कर सकेंगे
  • गरबा करने की अनुमति नहीं होगी
  • दशहरा उत्सव पर रामलीला एवं रावण दहन किया जा सकेगा
  • सभी को आयोजनों में मास्क लगाना अनिवार्य होगा
  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और सावधानियां पूरी तरह अनिवार्य रहेंगी
  • झांकियां ऐसी नहीं बनाई जाएं, जिनमें किसी भी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. रोज हजारों की संख्या में मामले सामने आ रहे हैं. मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितओं की संख्या एक लाख 40 हजार के पार पहुंच चुकी है. करीब ढाई हजार लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इन सबके बावजूद सरकार लगातार कोरोना गाइडलाइन में बदलाव करती जा रही है. 18 सितंबर को नवरात्रि को लेकर जो गाइडलाइन सरकार ने जारी की थी, उसे हिंदू संगठन के दबाव में सरकार ने बदल दिया. जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं, क्या सरकार कोरोना के बढ़ते मरीजों को लेकर बेफिक्र हो चुकी है, क्योंकि नवरात्रि की गाइडलाइन के साथ-साथ उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दल बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहे हैं. जहां सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

दुर्गा उत्सव की गाइडलाइन

18 सितंबर को सरकार की तरफ से नवरात्रि को लेकर एक गाइडलाइन जारी की गई. जिस पर खूब हंगामा हुआ. कांग्रेस से लेकर हिंदू संगठनों ने सरकार को घेरा. विरोध को देखते हुए सरकार को झुकना पड़ा और 3 अक्टूबर को दुर्गा उत्सव के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई. 18 सितंबर को जो गाइडलाइन जारी की गई थी. जिसको लेकर गुस्सा था, उसमें दुर्गा प्रतिमा अधिकतम 6 फीट से ऊंची नहीं होना चाहिए, पंडालों की लंबाई और चौड़ाई 10 बाय 10 फीट की होना चाहिए. किसी भी तरह के जुलूस निकालने, गरबा खेलने की अनुमति नहीं थी. इन सबके लिए आयोजकों को अलग से जिला प्रशासन से लिखित में अनुमति लेने की गाइडलाइन भी थी.

विरोध के बाद झुकी सरकार

गाइडलाइन जारी होने के बाद काफी हंगामा हुआ, विपक्ष में बैठी कांग्रेस और हिंदू संगठनों ने इस मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा और इसे हिंदू विरोधी और मूर्तिकारों को आर्थिक रूप से काफी नुकसान पहुंचाने वाली गाइडलाइन बताया, क्योंकि नवदुर्गा की 6 फीट से ज्यादा ऊंचाई की मूर्ति पहले ही बना ली गईं थीं और पंडालों की साइज भी काफी छोटी थी. हिंदू संगठनों का आरोप था कि बड़े-बड़े राजनीतिक कार्यक्रम हो रहे हैं, वहां कोई नियम और कायदे नहीं हैं. इन्हीं सबको लेकर हिंदू संगठन ने 27 सितंबर को भोपाल में जोरदार प्रदर्शन किया था. जिसमें उग्र प्रदर्शन होता देख पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया. जिसके बाद खूब हंगामा हुआ और आखिरकार 3 अक्टूबर को सरकार ने अपना फैसला बदल दिया, क्योंकि कांग्रेस और हिंदू संगठन के अलावा बीजेपी संगठन की तरफ से भी सरकार पर काफी प्रेशर था.

ये थी पहले गाइडलाइन-

  • दुर्गा प्रतिमाएं 6 फीट से ऊंची नहीं हो सकती
  • पंडालों की साइज 10 बाय 10 फीट अधिकतम
  • सामाजिक सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के आयोजन में सबसे कम व्यक्ति
  • गरबा भी नहीं होगा, लाउडस्पीकर के लिए गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य
  • मूर्ति विसर्जन के लिए 10 से अधिक व्यक्तियों के समूह को अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी
  • आयोजकों को अलग से जिला प्रशासन से लिखित अनुमति पहले से लेनी आवश्यक
  • झांकियों, पंडालों और विसर्जन के आयोजनों में श्रद्धालु फेस कवर, सोशल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाइजर का प्रयोग करेंगे
  • जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए विसर्जन स्थलों पर ही विसर्जन करना होगा

3 अक्टूबर को सरकार की तरफ से एक नई गाइडलाइन जारी की गई. जिसमें 6 फीट ऊंची नवदुर्गा की मूर्ति की साइज से प्रतिबंध हटा दिया गया. इसके अलावा पंडाल की लंबाई और चौड़ाई 10 बाय 10 से 30 बाय 40 कर दी गई. वहीं जाकर बैठाने की इजाजत तो दी गई, लेकिन चल समारोह या झांकी निकालने की अनुमति नहीं दी गई. दशहरा उत्सव पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रामलीला एवं रावण दहन किया जा सकेगा, लेकिन गरबा करने की इजाजत नहीं दी गई.

ये है नई गाइडलाइन

  • 6 फीट ऊंचाई का प्रतिबंध नहीं रहेगा
  • पंडालों का अधिकतम आकार 30 बाई 45 फीट हो सकता है
  • चल समारोह या झांकी निकालने की अनुमति नहीं होगी
  • आयोजन समिति के अधिकतम 10 व्यक्ति दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन कर सकेंगे
  • गरबा करने की अनुमति नहीं होगी
  • दशहरा उत्सव पर रामलीला एवं रावण दहन किया जा सकेगा
  • सभी को आयोजनों में मास्क लगाना अनिवार्य होगा
  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और सावधानियां पूरी तरह अनिवार्य रहेंगी
  • झांकियां ऐसी नहीं बनाई जाएं, जिनमें किसी भी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो
Last Updated : Oct 10, 2020, 12:15 PM IST
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