भोपाल। आगामी विधानसभा उपचुनाव के पहले मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. अब विधायक और सांसद सहकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित किसी भी सहकारी समिति में अध्यक्ष बन सकेंगे. शिवराज मंत्रिमंडल की कैबिनेट ने मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटी संशोधन अधिनियम 2020 को अपनी मंजूरी दे दी है.
कोरोना संक्रमण की वजह से शिवराज मंत्रिमंडल की कैबिनेट की बैठक एक बार फिर वर्चुअल माध्यम से हुई है. कैबिनेट की बैठक में सहकारी सोसायटी संशोधन अधिनियम को मंजूरी दे दी गई है. इसके अलावा संस्थाओं में जो प्रशासक नियुक्त होंगे, उन्हें सलाह देने के लिए समिति भी बनेगी. जिसमें पांच सदस्य रहेंगे, जिनमें दो अशासकीय होंगे. सरकार इस प्रस्ताव को मानसून सत्र में अधिनियम के जरिए लाने जा रही थी, लेकिन कोरोना की वजह से सत्र को स्थगित कर दिया गया था.
मंत्रियों को 25 अगस्त तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश
कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि सभी मंत्री अपने-अपने विभाग की कार्य योजना तैयार कर लें. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए जो भी सुझाव आए हैं और वेबीनार के माध्यम से विशेषज्ञों ने जो सुझाव रखे हैं. उन सभी के आधार पर अधिकारियों के सहयोग से ड्राफ्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपे. इस ड्राफ्ट को अंतिम रूप देकर जल्द से जल्द प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा और बताया जाएगा कि अगले तीन साल का मध्य प्रदेश का रोड मैप क्या है.
कैबिनेट की बैठक में कोरोना की स्थिति का प्रेजेंटेशन
कैबिनेट की बैठक में एसीएस हेल्थ मोहम्मद सुलेमान ने प्रेजेंटेशन दिया. बैठक में बताया गया कि मध्य प्रदेश कोरोना के मामले में 15वें स्थान पर है. साथ ही प्रदेश का रिकवरी रेट 75 फीसदी है.
बता दें कि भोपाल में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जहां अब तक कोरोना मरीजों की संख्या 8071 हो गई है, जिनमें से 6178 कोरोना पॉजिटिव मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके है. वहीं अब तक कोरोना संक्रमण के चलते 236 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसके बाद भोपाल में एक्टिव मरीजों की संख्या 1657 है.