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सदन में घमासान: शिवराज V/S कमलनाथ - shivrja and kamalnath facet to face

विधानसभा में आज सीएम शिवराज सिंह और नेता प्रतिपक्ष कमलाथ के बीच कई बात नोकझोंक हुई. एक दूसरे पर वार-पलटवार हुए. बीच बीच में हंसी मजाक भी हुआ.

face to face
शिवराज V/S कमलनाथ
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Published : Feb 26, 2021, 3:34 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 5:33 PM IST

भोपाल। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ आमने-सामने हो गए. कमलनाथ और शिवराज के बीच नोकझोंक भी हुई और हास परिहास भी हुा. मुख्यमंत्री शिवराज ने आरोप लगाया तो कमलनाथ ने मौके पर ही उसके जवाब दिए. शिवराज सिंह ने कहा, कि आप की सरकार में आला अधिकारियों की बोली लगती थी, दलाल घूमते थे. कमलनाथ ने तुरंत खड़े हो कर कहा, कोई एक अधिकारी का भी नाम बता दें. आपको इस तरह की बातें शोभा नहीं देती.

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सीएम शिवराज सिंह और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के बीच काफी नोकझोंक हुई.

शिवराज सिंह : 2017 में हमारी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम किया था. 2019 में कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ा दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि तब आपको साइकिल याद नहीं आई.


कमलनाथ : आप अपनी वह साइकिल मुझे तो भिजवा दो, जो 2017 में आपने चलाई थी.


शिवराज: आपको वह साइकिल मैं किसी भी कीमत पर नहीं दे पाऊंगा. आपकी उम्र का ख्याल भी रखना है.


शिवराज : कांग्रेस ने कई वचन नहीं निभाए. सरकार चलाने का अपना तरीका और ढंग होता है. कांग्रेस सरकार की प्राथमिकताएं अलग थी. प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मैं हमेशा खेतों में दौड़ कर जाता था. ऐसी ही परिस्थितियों में आप बल्लभ भवन में बैठे रहते थे.


कमलनाथ : ऐसे प्रकरणों में मैं स्वयं जाता था. इसके गवाह आपके विधायक हैं. सिर्फ घूमने फिरने से काम नहीं चलता. निगरानी रखने के लिए मंत्रालय में भी बैठना होता है. मैं बैठकर टीवी पर सीरियल नहीं देखता.


शिवराज : प्राकृतिक आपदाओं के समय कमलनाथ सरकार ने सही मुआवजा नहीं दिया. मैं पूरी जिम्मेवारी से कह रहा हूं. पिछले साल प्राकृतिक आपदा में 4500 करोड़ बांटा जाना था. इसमें से सिर्फ एक किश्त ही दी गई. कांग्रेस ने फसल बीमा का पैसा भी नहीं दिया था. प्रीमियम की राशि बाद में हमारी सरकार ने भरी.


कमलनाथ: 2017-18 का प्रीमियम आपने जमा नहीं किया था. यह मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं.


शिवराज: आप की किसान कर्ज माफी सिर्फ 8000 करोड़ की थी. इससे ज्यादा राशि सरकार ने फसल बीमा के रूप में दे दी . सहकारी बैंकों में ही 800 करोड़ रुपए दिए. कांग्रेस ने किसानों की पूरी सूची नहीं भेजी. जिसकी वजह से 6000 करोड़ की राशि किसानों के खाते में नहीं आ सकी. प्रदेश सरकार ने 4000 करोड़ अपनी तरफ से डाले. कमलनाथ सरकार में मंत्री खड़े होते थे, तो कहते थे कि पैसा ही नहीं है. यह क्या औरंगजेब का खजाना था, जो मैं ले गया.


कमलनाथ : यह आंकड़ेबाजी है. इसे आप भी समझते हैं और मैं भी अच्छे से जानता हूं. वैसे भी आपसे आंकड़ों के खेल में जीतना बहुत मुश्किल है.


शिवराज : आपने साथ ही ऐसा चुना था . 2013 में बंटाधार और बाद में भी बंटाधार. आपने प्रचारित करना शुरू किया कि हमारे विधायक ले गए. मैं मैनेजमेंट गुरु हूं.


शिवराज : आगे के लिए भी सबक लें. आपने कई जगह बीजेपी कार्यकर्ताओं को कुचलना शुरू कर दिया. कई बीजेपी नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया गया. तब हमने तय किया था कि बदले की राजनीति को हम बदलेंगे. इसके पहले तक राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की व्यवस्था नहीं थी. अधिकारी स्तर पर बोलियां लगनी शुरू हुई और दलाल घूमने लगे.


कमलनाथ: यह बेहद गंभीर बात है. मैं पूछना चाहता हूं कि किसी भी एक अधिकारी का नाम बता दें. कौन सा ऐसा उच्च अधिकारी था जिसकी बोली लगी हो. शिवराज जी, इस तरह के आरोप आपको शोभा नहीं देते।.राजनीतिक रंजिश के तहत कोई कार्रवाई नहीं हुई.


शिवराज : आपने कहा कि 2018 के कचरे को साफ किया. फिर भी प्रदुम्न सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट बीजेपी के टिकट पर रिकॉर्ड मतों से जीते.


कमलनाथ : मुझे नहीं पता कौन सी मजबूरी में आपको बोलना पड़ रहा है. आप भी सावधान रहिए. आपके साथ जो बैठे हैं, इन्होंने तो पहले दिन से ही खेल शुरू कर दिया था. मैं आपका हितैषी हूं.


शिवराज : मैं दिल से कह रहा हूं आपको हीरो की पहचान नहीं। गोविंद सिंह, सिलावट, प्रभुराम बीजेपी में आए. यह दिन रात हमारी टीम में काम कर रहे हैं.


बृजेंद्र सिंह राठौर : नरोत्तम मिश्रा की तरफ इशारा करते हुए बोले, नीलम आपके पास बैठा है. नुकसान भी बहुत ज्यादा करता है.


शिवराज : यह हीरा 1990 से हमारे साथ है. गलतफहमी मत पालो. यह गलतफहमी में डालने में भी माहिर हैं. गोपाल भार्गव भी हमारा एक हीरा है.

कमलनाथ पर वार , महंगाई पर चुप्पी

शिवराज : कांग्रेस की सरकार आने के बाद संबल और बच्चों को लैपटॉप देने जैसी कई योजनाएं बंद कर दी गई.


कमलनाथ : लैपटॉप देने योजना तो थी. जब वेरिफिकेशन किया तो पता चला कि कई बच्चों को लैपटॉप मिला ही नहीं.


शिवराज: हम लैपटॉप खरीदते ही नहीं थे. सीधी राशि बच्चों के खाते में डाल देते थे.

भोपाल। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ आमने-सामने हो गए. कमलनाथ और शिवराज के बीच नोकझोंक भी हुई और हास परिहास भी हुा. मुख्यमंत्री शिवराज ने आरोप लगाया तो कमलनाथ ने मौके पर ही उसके जवाब दिए. शिवराज सिंह ने कहा, कि आप की सरकार में आला अधिकारियों की बोली लगती थी, दलाल घूमते थे. कमलनाथ ने तुरंत खड़े हो कर कहा, कोई एक अधिकारी का भी नाम बता दें. आपको इस तरह की बातें शोभा नहीं देती.

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सीएम शिवराज सिंह और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के बीच काफी नोकझोंक हुई.

शिवराज सिंह : 2017 में हमारी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम किया था. 2019 में कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ा दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि तब आपको साइकिल याद नहीं आई.


कमलनाथ : आप अपनी वह साइकिल मुझे तो भिजवा दो, जो 2017 में आपने चलाई थी.


शिवराज: आपको वह साइकिल मैं किसी भी कीमत पर नहीं दे पाऊंगा. आपकी उम्र का ख्याल भी रखना है.


शिवराज : कांग्रेस ने कई वचन नहीं निभाए. सरकार चलाने का अपना तरीका और ढंग होता है. कांग्रेस सरकार की प्राथमिकताएं अलग थी. प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मैं हमेशा खेतों में दौड़ कर जाता था. ऐसी ही परिस्थितियों में आप बल्लभ भवन में बैठे रहते थे.


कमलनाथ : ऐसे प्रकरणों में मैं स्वयं जाता था. इसके गवाह आपके विधायक हैं. सिर्फ घूमने फिरने से काम नहीं चलता. निगरानी रखने के लिए मंत्रालय में भी बैठना होता है. मैं बैठकर टीवी पर सीरियल नहीं देखता.


शिवराज : प्राकृतिक आपदाओं के समय कमलनाथ सरकार ने सही मुआवजा नहीं दिया. मैं पूरी जिम्मेवारी से कह रहा हूं. पिछले साल प्राकृतिक आपदा में 4500 करोड़ बांटा जाना था. इसमें से सिर्फ एक किश्त ही दी गई. कांग्रेस ने फसल बीमा का पैसा भी नहीं दिया था. प्रीमियम की राशि बाद में हमारी सरकार ने भरी.


कमलनाथ: 2017-18 का प्रीमियम आपने जमा नहीं किया था. यह मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं.


शिवराज: आप की किसान कर्ज माफी सिर्फ 8000 करोड़ की थी. इससे ज्यादा राशि सरकार ने फसल बीमा के रूप में दे दी . सहकारी बैंकों में ही 800 करोड़ रुपए दिए. कांग्रेस ने किसानों की पूरी सूची नहीं भेजी. जिसकी वजह से 6000 करोड़ की राशि किसानों के खाते में नहीं आ सकी. प्रदेश सरकार ने 4000 करोड़ अपनी तरफ से डाले. कमलनाथ सरकार में मंत्री खड़े होते थे, तो कहते थे कि पैसा ही नहीं है. यह क्या औरंगजेब का खजाना था, जो मैं ले गया.


कमलनाथ : यह आंकड़ेबाजी है. इसे आप भी समझते हैं और मैं भी अच्छे से जानता हूं. वैसे भी आपसे आंकड़ों के खेल में जीतना बहुत मुश्किल है.


शिवराज : आपने साथ ही ऐसा चुना था . 2013 में बंटाधार और बाद में भी बंटाधार. आपने प्रचारित करना शुरू किया कि हमारे विधायक ले गए. मैं मैनेजमेंट गुरु हूं.


शिवराज : आगे के लिए भी सबक लें. आपने कई जगह बीजेपी कार्यकर्ताओं को कुचलना शुरू कर दिया. कई बीजेपी नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया गया. तब हमने तय किया था कि बदले की राजनीति को हम बदलेंगे. इसके पहले तक राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की व्यवस्था नहीं थी. अधिकारी स्तर पर बोलियां लगनी शुरू हुई और दलाल घूमने लगे.


कमलनाथ: यह बेहद गंभीर बात है. मैं पूछना चाहता हूं कि किसी भी एक अधिकारी का नाम बता दें. कौन सा ऐसा उच्च अधिकारी था जिसकी बोली लगी हो. शिवराज जी, इस तरह के आरोप आपको शोभा नहीं देते।.राजनीतिक रंजिश के तहत कोई कार्रवाई नहीं हुई.


शिवराज : आपने कहा कि 2018 के कचरे को साफ किया. फिर भी प्रदुम्न सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट बीजेपी के टिकट पर रिकॉर्ड मतों से जीते.


कमलनाथ : मुझे नहीं पता कौन सी मजबूरी में आपको बोलना पड़ रहा है. आप भी सावधान रहिए. आपके साथ जो बैठे हैं, इन्होंने तो पहले दिन से ही खेल शुरू कर दिया था. मैं आपका हितैषी हूं.


शिवराज : मैं दिल से कह रहा हूं आपको हीरो की पहचान नहीं। गोविंद सिंह, सिलावट, प्रभुराम बीजेपी में आए. यह दिन रात हमारी टीम में काम कर रहे हैं.


बृजेंद्र सिंह राठौर : नरोत्तम मिश्रा की तरफ इशारा करते हुए बोले, नीलम आपके पास बैठा है. नुकसान भी बहुत ज्यादा करता है.


शिवराज : यह हीरा 1990 से हमारे साथ है. गलतफहमी मत पालो. यह गलतफहमी में डालने में भी माहिर हैं. गोपाल भार्गव भी हमारा एक हीरा है.

कमलनाथ पर वार , महंगाई पर चुप्पी

शिवराज : कांग्रेस की सरकार आने के बाद संबल और बच्चों को लैपटॉप देने जैसी कई योजनाएं बंद कर दी गई.


कमलनाथ : लैपटॉप देने योजना तो थी. जब वेरिफिकेशन किया तो पता चला कि कई बच्चों को लैपटॉप मिला ही नहीं.


शिवराज: हम लैपटॉप खरीदते ही नहीं थे. सीधी राशि बच्चों के खाते में डाल देते थे.

Last Updated : Feb 26, 2021, 5:33 PM IST
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