भोपाल| शब-ए-बारात 9 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस मौके पर कब्रिस्तान पहुंचकर लोग दुनिया से रुखसत हो चुके अपने रिश्तेदार और संबंधियों की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ेंगे. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते सभी अपने घरों में रहकर ही दुआ और इबादत करेंगे.
संक्रमण फैलने के खतरे को दृष्टिगत रखते हुए शहर काजी ने भी राजधानी के लोगों से अपील की है कि वह किसी भी हाल में घर से बाहर ना निकले लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करें क्योंकि इस समय भोपाल की स्थिति काफी खराब है और यदि लोग कब्रिस्तान या अन्य किसी जगह पर भारी संख्या में एकत्रित होते हैं तो संक्रमण फैलने का खतरा बना रहेगा.
शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने बताया कि लॉकडाउन में कोई भी अपने घरों से नहीं निकले , घरों से रहकर ही नमाज अदा करें. वहीं जमीयत उलेमा ए हिंद मध्यप्रदेश में भी अपील की है कि मुस्लिम समाज के लोग शब-ए-बारात पर अपने घरों में रहकर इबादत करें, रात में दुआएं करें और अपने गुजर चुके रिश्तेदारों को शबाब पहुंचाने का एहतमाम करें .
शब-ए-बारात के मौके पर लोग घरों में मीठा हलवा, खीर, मिठाई इत्यादि पकवान बनाकर फातेहाख्वानी कर गरीबों को तकसीम करेंगे. कोरोना से निजात पाने घर-घर में खुसूसी विशेष दुआएं की जाएंगी. शब-ए-बारात पर रात में मुस्लिम भाई अपने घरों में शब-बेदारी करेंगे
क्या है शब-ए-बारात
इस्लामी मत अनुसार शब-ए-बारात फैसलों की रात मानी जाती है. इस रात में अल्लाह पाक हर व्यक्ति की दुआ को कुबूल करता है और उसके गुनाहों को माफ करता है. यह भी माना जाता है कि इस रात में फरिश्ते दुनिया के सभी बंदों का साल भर का लेखा-जोखा भी अल्लाह पाक के समक्ष पेश करते हैं