भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया के आदेश पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा रोक लगाए जाने के मामले में विभाग के मंत्री इंदर सिंह परमार ने सफाई पेश की है. स्कूल शिक्षा मंत्री ने इंदर सिंह परमार ने ऑनलाइन एजुकेशन की व्यवस्था लागू किए जाने के आदेश के बाद ग्रामीण अंचलों के स्कूलों द्वारा पर्याप्त व्यवस्थाएं ना होने का हवाला दिया है. जिसके चलते इस आदेश को निरस्त कर दिया गया है. मंत्री ने अधिकारियों के बीच विवाद की स्थिति से इनकार किया है.
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के मुताबिक प्रदेश के ग्रामीण अंचल खास तौर से आदिवासी क्षेत्रों में स्टूडेंट के पास ऑनलाइन एजुकेशन को लेकर किसी तरह की बेसिक सुविधाएं मौजूद नहीं है. स्कूलों में भी इस तरह की व्यवस्थाएं नहीं हैं, जहां स्टूडेंट को ऑनलाइन एजुकेशन कराई जा सके. इसको लेकर कई क्षेत्रों से उनके सामने समस्या रखी गई थी. जिसके बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी किए गए आदेश को निरस्त किया गया है. स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री के मुताबिक इसे अधिकारियों के आपसी विवाद से जोड़ना गलत है. इस संबंध में पहले हुई दोनों बैठकें मेरी उपस्थिति में ही हुई थी. स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री के मुताबिक फिलहाल दूरदर्शन के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जाएगा.
स्कूलों में ऑनलाइन एजुकेशन की व्यवस्था की समीक्षा होगी
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के तहत प्रदेश के स्कूलों में पिछले सालों के दौरान राशि जारी की गई है, ताकि स्कूलों को अपग्रेड किया जा सके. इस मामले की समीक्षा करेंगे की स्कूलों को कितनी राशि जारी हुई हैं और उसका किस तरह से उपयोग किया गया है.
बता दें कि आज सोमवार सुबह 7 बजे से सुबह 10 बजे तक माध्यमिक शिक्षा मंडल की नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं का संचालन होना था. जहां ऑनलाइन क्लास का आयोजन किया जाना था इसका प्रसारण दूरदर्शन पर भी होना था. अब स्कूल शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा मंडल के विवादों के बीच आदेश को निरस्त कर दिया गया है.