भोपाल। कोरोना संकट काल के दौरान बच्चों की पढ़ाई को और भी बेहतर ढंग से बढ़ाने के उद्देश्य से माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा 3 दिन पहले ही कक्षा 9वीं से कक्षा बारहवीं तक के बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से पढ़ाई करवाने का निर्णय लिया गया था.
इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव के द्वारा आदेश भी जारी किए गए थे. जिसमें बताया गया था कि माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा "माशिमं" ऐप एवं पोर्टल बनाया गया है. इस ऐप के माध्यम से कक्षा 9वीं से कक्षा बारहवीं तक के छात्रों को पढ़ाई करवाई जाएगी. लेकिन देर रात स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा इस आदेश को तत्काल निरस्त कर दिया गया है.
धारा 9 (5) के तहत जारी हुआ आदेश
स्कूल शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा मंडल के आदेश को निरस्त करते हुए धारा 9 (5 )का इस्तेमाल करते हुए ये कार्रवाई की है. देर रात स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव प्रमोद सिंह के द्वारा ये आदेश जारी किया गया है.
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के मुख्य आतिथ्य में कार्यशाला करने के बाद 3 सितंबर को शिक्षा मंडल ने इस पर नवाचार का निर्णय लिया था. इस संबंध में बाकायदा आदेश भी जारी किए गए.
जिसमें बताया गया कि कक्षा 9वीं से कक्षा बारहवीं तक के सभी छात्रों को इस नई तकनीक के माध्यम से पढ़ाया जाएगा और इसी दौरान ऑनलाइन टेस्ट भी लिए जाएंगे. इसके अलावा बच्चों को होमवर्क भी दिया जाएगा.
जिसके हिसाब से ही उनकी मार्किंग होगी. प्राप्तांक को उनकी परीक्षाओं में भी जोड़ा जाएगा. इस नवाचार को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा जमकर प्रचार-प्रसार भी किया गया था.
'अधिकारियों के बीच तकरार'
बताया जा रहा है कि 2 बड़े अधिकारियों के बीच चल रही तकरार की वजह से ही ये आदेश निरस्त किया गया है, क्योंकि स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण स्वामी और माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष और अतिरिक्त सचिव राधेश्याम जुलानिया में अधिकारों को लेकर काफी दिनों से तनातनी चल रही है.
शिक्षा मंडल में राधेश्याम जुलानिया के अध्यक्ष पद पर पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने मंडल एक्ट के नियमों में सुधार करना शुरू कर दिया था. इसमें स्कूल शिक्षा विभाग से मान्यता वापस मांग ली गई थी.
इसके बाद मंडल के छात्रों की पढ़ाई को लेकर निर्देश जारी कर दिए गए, जबकि इस काम की जिम्मेदारी लोक शिक्षण संचालनालय की मानी जाती है. इसके बाद से ही दोनों बड़े अधिकारियों के बीच अधिकारों को लेकर तकरार बढ़ती चली जा रही है.