रायपुर/भोपाल। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में जेल में बंद कालीचरण महाराज की रिहाई (Sant Kalicharan released) हो गई है. बापू के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के आरोप में कालीचरण 94 दिन से जेल में थे. उनके खिलाफ राजद्रोह समेत अनेक मामले टिकरापारा थाने में दर्ज किए गए थे. उसके बाद पुलिस ने उन्हें मध्यप्रदेश के खजुराहो के एक लॉज से गिरफ्तार किया था. 31 दिसम्बर 2021 से कालीचरण रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद थे. उनकी रिहाई के बाद बड़ी संख्या में समर्थक जेल के बाहर पहुंचे और उनका स्वागत किया. इस मौके पर संत कालीचरण ने मीडिया से सिर्फ ओम काली कहा. आगे की रणनीति काली जाने कहकर संत कालीचरण जेल परिसर से निकल गए.
काली मंदिर के लिए रवाना हुए संत कालीचरण: कालीचरण ने रिहाई के बाद जेल परिसर स्थित चामुंडा मंदिर में मत्था टेका. इसके बाद उनके समर्थकों ने जोशीले अंदाज में उनका स्वागत किया. कालीचरण अपने समर्थकों के साथ रायपुर के आकाशवाणी स्थित काली मंदिर पहुंचे और काली मां की पूजा की. जेल से रिहा होने के बाद कालीचरण ने काली मां का आशीर्वाद लिया. उसके बाद कालीचरण स्टेशन रोड स्थित नीलकंठश्वर धाम मंदिर पहुंचे.
महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी का मामला, संत कालीचरण के खिलाफ पेश हुआ चालान
शुक्रवार एक अप्रैल को हाईकोर्ट से मिल गई थी जमानत: आपको बता दें कि कालीचरण महाराज को हाईकोर्ट से शुक्रवार को ही जमानत मिल गई थी. इसके बाद रायपुर ट्रायल कोर्ट में शनिवार को जमानत से सम्बंधित कुछ अहम दस्तावेज प्रस्तुत करने थे, लेकिन दसतावेज अधूरे होने की वजह से ट्रायल कोर्ट से रिहाई का आदेश जारी नहीं हो पाया. जानकारी के मुताबिक अधूरे दस्तावेजों को रविवार को पूरा किया गया. इसके बाद ट्रायल कोर्ट से रिहाई का आदेश जारी हुआ. लेकिन महाराष्ट्र के ठाणे कोर्ट में भी कालीचरण का मामला दर्ज था. वहां की कोर्ट ने भी कालीचरण को जमानत दे दी थी. लेकिन उसकी कॉपी रायपुर सेंट्रल जेल नहीं पहुंची थी. जिस वजह रविवार को कालीचरण की रिहाई नहीं हो पाई. सोमवार को बाय पोस्ट ठाणे कोर्ट का ऑर्डर रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचा. जिसके बाद शाम को कालीचरण की रिहाई हुई.