भोपाल। आस्था के देश में ये तस्वीर बनना लाजिमी है. चंद्रयान -3 चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित पहुंचे, इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रयास तो हैं ही. आस्थावान देश में प्रार्थनाएं पूजन भी हैं. चंद्रमा की गिनती शिव के गणों में होती है. यही वजह है कि श्रावण मास में चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए राजधानी भोपाल में विशेष पूजन अनुष्ठान किया गया. महादेव का रुद्राभिषेक इस कामना के साथ किया जा रहा कि चंद्रयान की चंद्रमा पर लैंडिंग सफल रहे. संस्कृति बचाओ मंच ने मंत्रोच्चार के साथ भगवान महादेव का विशेष अभिषेक पूजन किया है.
चंद्रयान की सफल लैडिंग के लिए रुद्राभिषेकः चंद्रयान जब चांद का सफर बस तय करने वाला है. तब एक तरफ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान अपने प्रयासों में जुटा हुआ है. दूसरी तरफ पूरे भारत में इसे लेकर ना सिर्फ उत्सुकता है. बल्कि धड़कने भी बढ़ी हुई हैं कि भारत का ये प्रयास सफल रहे. यही वजह है कि धार्मिक संगठन भी इस मौके पर नई भूमिका में दिखाई दिए हैं. यूं तो श्रावण मास में रुद्राभिषेक का विधान होता ही है, लेकिन भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की कामना के साथ रुद्राभिषेक और विशेष पूजन किया है. विशेष पूजन में एक साथ पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ ये रुद्राभिषेक किया और प्रार्थना की भगवान शंकर के गण चंद्र को लेकर किया जा रहा, भारत वर्ष का ये प्रयास सफल रहे.
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चंद्रयान की सफल लैंडिंग निश्चितः संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए संस्कृति बचाओ मंच ने भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया है. भगवान शिव के एक गण में चंद्रमा भी है. भगवान शिव के शिखर पर चंद्रमा विराजमान है. चंद्र हो जिसके शिखर पर उन्हें भगवान चंद्रशेखर भी कहा जाता है. तिवारी का कहना है कि "ये जो तीन महीने हैं इन तीन महीनों में भगवान शिव के पास सारी संपदा रहती है उनके गण की संफलतम लैंडिंग ये अब निश्चित है."