इंदौर। MDMA ड्रग्स के मामले में इंदौर क्राइम ब्रांच और पुलिस की टीम लगातार हैदराबाद में डेरा डाले हुए हैं. जहां आरोपी वेद प्रकाश व्यास की फैक्ट्रियों के साथ ही उसके कई ठिकानों पर टीम जांच पड़ताल में जुटी हुई है. वेद प्रकाश के फैक्ट्रियों में बनने वाली दवाइयों के इंदौर क्राइम ब्रांच ने सैंपल लिए हैं. वहीं फैक्ट्री में मौजूद विभिन्न तरह का डाटा भी पुलिस के द्वारा लिया जा रहा है. जिस पर आगे चलकर पुलिस काफी बारीकी से जांच करने की बात कर रही है और जल्द ही इस पूरे मामले में कई बड़े खुलासे होने की बात भी कही जा रही है.
दबिश के दौरान अलग-अलग राज्यों के मिले कनेक्शन
इंदौर क्राइम ब्रांच पिछले 3 दिनों से हैदराबाद में डेरा डाले हुए है. इस दौरान उसकी कंपनी के साथ ही उनके विभिन्न ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की जा रही है. वही उसके ऑफिस के कंप्यूटर और फाइल कि जब पुलिस ने तफ्तीश की तो कई राज्यों से उसके सीधे कनेक्शन जुड़े होने की बात सामने आई है. अब उन तस्करों को पकड़ने के लिए अलग-अलग राज्यों की पुलिस से भी संपर्क कर सकती है.
वेद प्रकाश की पत्नी से होगी पूछताछ
पुलिस को यह जानकारी लगी कि वेद प्रकाश की पत्नी ने इंदौर में पकड़ाई टेंट कारोबारी अक्षय अग्रवाल के साथ मिलकर 2 नवंबर 2020 को 63 वैष्णव विहार स्कीम नंबर 51 के पते पर एक कंपनी रजिस्टर्ड है. वही कंपनी का नाम सुबी मेडिकेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड से रजिस्टर्ड है. वही कंपनी में केमिकल केमिकल प्रोजेक्ट निर्माण से संबंधित कामकाज होता है. वेद प्रकाश की पत्नी इस कंपनी में अक्षय के साथ अर्थराइज सिग्नेचर है. वहीं इसके पहले वह वेद प्रकाश के साथ भी दो कंपनियों में डायरेक्टर रह चुकी है. जिस के संबंध में पुलिस को यह जानकारी लगी है कि वह बंद हो चुकी है. वहीं पुलिस अब इस पूरे मामले में वेद प्रकाश की पत्नी से भी पूछताछ कर सकती है. क्योंकि जिस तरह से उसके बारे में दस्तावेज मिले हैं. वहीं केमिकल के माध्यम से वेद प्रकाश एमडी ड्रग्स बनाता था उसी तरह का केमिकल इन कंपनियों में भी बनाया जाता था तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में वेद प्रकाश की पत्नी पर भी पुलिस कार्रवाई करेगी.
अग्रवाल बन्दुओं के जांच के लिए टीम पहुंची मंदसौर
वेद प्रकाश के साथ दिनेश अग्रवाल, चिमन अग्रवाल और अक्षय अग्रवाल भी आरोपी है. पुलिस इनके मंदसौर और गरोठ के ठिकानों पर भी छापेमार कार्रवाई कर रही है. अग्रवाल बंधु मूलत गरोठ के रहने वाले हैं. वहीं इस पूरे मामले में एक हॉस्पिटल संचालक का भी नाम आया है. यह भी बात सामने आई है कि हॉस्पिटल संचालक के द्वारा ही एक विशेष तरह का फार्मूला इन आरोपियों को बताया गया था और उसी फार्मूले के माध्यम से एमडी ड्रग्स को तैयार किया जाता था. फिलहाल पुलिस अब जल्द ही उस हॉस्पिटल संचालक पर भी कार्रवाई कर सकती है. इसी क्रम में पुलिस अग्रवाल बन्दुओं के मंदसौर और गरोठ के विभिन्न ठिकानों पर कार्रवाई करने में जुटी हुई है.
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वेद प्रकाश व्यास की फैक्टी में करते है 70 कर्मचारी काम
इंदौर क्राइम ब्रांच हैदराबाद में वेद प्रकाश व्यास की जिस फैक्ट्री पर दबिश डालने गई थी. वहां पर 70 कर्मचारी काम करते हैं. बताया जा रहा है कि कंपनी का 70 लाख का सालाना का टर्नओवर है. वही इंदौर क्राइम ब्रांच ने वेद प्रकाश की फैक्ट्री के साथ ही उसके ऑफिस और अन्य जगहों पर छापेमार कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि दवा कारखाने की आड़ में वेद प्रकाश व्यास एमडी ड्रग्स बनाता था. पुलिस ऑफिस और उसके अन्य ठिकानों पर भी लगातार जांच पड़ताल में जुटी हुई है. इस दौरान उसके ऑफिस के सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस ने जब्त किए हैं. जिसकी काफी बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है. वहीं उसके बैंक अकाउंट की डिटेल भी निकाली जा रही है.
आज आरोपियों की रिमांड हो जाएगी खत्म
पूरे मामले में पुलिस लगातार पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है. आरोपियों की रिमांड 13 जनवरी को खत्म हो जाएगा. जिसके बाद पुलिस आरोपियों को एक बार फिर कोर्ट के समक्ष पेश कर रिमांड मांग सकती है. पिछले दिनों इंदौर क्राइम ब्रांच ने एमडी ड्रग्स के मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था वहीं पकड़े गए पांचों आरोपियों से पुलिस काफी बारीकी से जांच पड़ताल में जुटी हुई है इसी कड़ी में पिछले दिनों इंदौर क्राइम ब्रांच का एक दल हैदराबाद वेद प्रकाश व्यास को लेकर पहुंचा है वहां पर इंदौर क्राइम ब्रांच का दल काफी बारीकी से जांच पड़ताल में जुटा हुआ है इसी दौरान वेद प्रकाश की जो फैक्ट्रियां है वहां की भी काफी बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है जांच पड़ताल के दौरान फैक्ट्री में वेद प्रकाश के द्वारा जिन दवाइयों का निर्माण किया जाता है उनका भी सैंपल लिया जा रहा है वही फैक्ट्री में मौजूद कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है।
क्या है MDMA ?
हाई प्रोफाइल पार्टीज में MDMA ड्रग्स बड़े पैमाने पर लिया जाता है. इसे पार्टी ड्रग्स भी कहते हैं. शॉर्ट फॉर्म में इसे MD कहा जाता है. पार्टी के हिसाब से इसका दाम तय होता है. इस ड्रग की इंटनेशनल मार्केट में बड़े स्तर पर तस्करी होती है. MDMA यानि मिथाइलीनडाइऑक्सी मेथाम्फेटामाइन को आमतौर पर एक्सटेसी भी कहा जाता है. ये उत्साहित करने, भ्रामक स्थितियां पैदा करने, शक्ति और सुकून महसूस कराने का काम करती है.