भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शहरी पथ विक्रेता योजना में ग्रामीण पथ विक्रेताओं को भी जोड़ा जायेगा. उनको भी 10 हजार रूपये बैंक से दिलवाए जायेंगे, गारंटी राज्य सरकार लेगी, ताकि काम-धंधा फिर से पटरी पर आ सके. शहरी पथ विक्रेताओं की पीड़ा को समझते हुए उन्हें रोजगार शुरू करने के लिये कार्यशील पूंजी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वनिधि की घोषणा की गयी है. केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा ब्याज अनुदान दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण पथ विक्रेताओं को भी योजना में शामिल किया जायेगा.
गरीबों की शहरी पथ विक्रेता योजना को मध्यप्रदेश में सबसे पहले लागू कर पंजीयन की प्रक्रिया शहरी असंगठित कामगार पोर्टल के माध्यम से शुरू की गई. अभी तक पोर्टल पर 8 लाख से अधिक पथ विक्रेताओं का पंजीयन हो चुका है. पंजीकृत वेंडर्स के दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है. मध्यप्रदेश में एक हजार करोड़ से अधिक ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है. यह योजना सभी 378 नगरीय निकायों में लागू की जा रही है. योजना में ऐसे पथ विक्रेताओं को शामिल किया जायेगा, जो 24 मार्च, 2020 से पूर्व से शहरी क्षेत्रों में पथ विक्रेता का कार्य करते हैं. निकाय का टाउन वेंडिंग सर्टिफिकेट और पहचान-पत्र होने पर यह लाभ मिलेगा. ऐसे पथ विक्रेता, जो कोरोना महामारी के कारण अपने स्थान को छोड़कर चले गये हैं और वे फिर से लौटते हैं, तो उन्हें भी इस योजना के लाभ की पात्रता होगी.
पंजीयन करवाने वाले पथ विक्रेताओं में से लगभग 28.36 प्रतिशत सब्जी, 10.27 प्रतिशत कपड़े, 7.23 प्रतिशत फल और 6.84 प्रतिशत खाने-पीने की वस्तुओं का व्यवसाय करते हैं. पंजीकृत पथ व्यवसाइयों में 62 प्रतिशत पुरुष और 38 प्रतिशत महिलाएं हैं. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि योजना में पात्र पथ व्यवसायी को लाभ लेने के लिए भटकना नहीं पड़े. चौहान ने कहा कि पथ व्यवसाइयों की पीड़ा को महसूस करते हुए उनके रोजगार को पुन: शुरू करवाने के लिए जरूरी व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाये.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शहरों की महिलाओं को स्व-सहायता समूह के माध्यम से स्व-रोजगार स्थापित करने के अवसर प्रदान के उद्देश्य से सभी 378 नगरीय निकायों में दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन शुरू करने का भी निर्णय लिया है. अभी यह योजना मात्र 120 नगरीय निकायों में संचालित है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह मिशन क्षमता संवर्धन, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण, सामाजिक सुरक्षा तथा संस्थागत विकास के द्वारा शहरी गरीबों को आजीविका के साधन उपलब्ध कराएगा. इस मिशन में शहरी बेघरों को आश्रय और पथ व्यवसाइयों के लिए हाकर्स कार्नर भी विकसित किये जायेंगे. योजना में स्व-सहायता समूह को अनुदान और ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा. इनके द्वारा बनायी जाने वाली सामग्री के विपणन की भी व्यवस्था सरकार द्वारा की जायेगी.