ETV Bharat / state

RTI एक्टिविस्ट ने पीएम से की इंदौर प्रशासन की शिकायत, कोरोना के आंकड़ों में हेराफेरी का है आरोप

मध्यप्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है. जिसे लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने प्रधानमंत्री से शिकायत की है. साथ ही आरोप लगाया है कि इंदौर में जिला प्रशासन ने कोरोना के आंकड़ों में हेराफेरी की है, जिसकी जांच होनी चाहिए.

RTI activist complains to Prime Minister
आरटीआई एक्टिविस्ट ने प्रधानमंत्री से की शिकायत
author img

By

Published : Jul 10, 2020, 3:48 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है. प्रदेश के हॉटस्पॉट इंदौर में कोरोना के मामले अधिक हैं, जो असंवेदनशील हैं. कोरोना के मामले में इंदौर जिला प्रशासन की असंवेदनशीलता और मानवीय गतिविधियों को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने प्रधानमंत्री से शिकायत की है. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रदेश के हॉटस्पॉट शहर इंदौर में जिला प्रशासन ने कोरोना के आंकड़ों में हेराफेरी की है.

आरटीआई एक्टिविस्ट ने प्रधानमंत्री से की शिकायत

इंदौर कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग के कार्यों पर जांच की मांग

आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने प्रधानमंत्री से शिकायत करके मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अलावा इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह की विशेष भूमिका पर जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि कोरोना पीड़ित व्यक्ति को भारत सरकार और राज्य सरकार से बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और पारदर्शी कार्यप्रणाली की अपेक्षा है, लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते इंदौर हॉटस्पॉट के रूप में बदनाम हुआ है.

सभी मामलों पर हो जांच

अजय दुबे ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति की मौत कोरोना के चलते हुई है, तो उसके परिवार वालों को जानने का हक होता है, उनका मानव अधिकार होता है कि उनकी मौत कब हुई और उनकी पूरी रिपोर्ट उन्हें सौंपी जाए. इंदौर में कोरोना से हुई जो भी मौत को सार्वजनिक किया गया है, वो उनके द्वारा आवाज उठाने से किया गया है. उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों की जांच हो कि प्रशासन इस पर लापरवाह क्यों था.

लोगों की निजता के अधिकार का हनन

उन्होंने कहा कि इंदौर में कोरोना के सर्वे के नाम पर एक अंवैधानिक ऐप का निर्माण प्रशासन ने करवाया है, जिससे 14 लाख लोगों का सर्वे किया गया. जिसके लिए उनका कहना है कि कोरोना काल में लोगों की मदद करनी थी ना कि उन्हें तनाव देना था. इस सर्वे में लोगों की निजता के अधिकार का हनन हुआ है. जिसकी जांच होनी चाहिए, इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री के अलावा प्रदेश के डीजीपी को भी आवेदन दिया है. जिसमें उन्होंने साइबर अपराध के मामलों में जांच की मांग की है.

सरकार की अस्थिरता से बढ़ा कोरोना

अजय दुबे ने मध्यप्रदेश में कोरोना संकट का एक कारण सरकार की अस्थिरता को बताय है. जिसके चलते राजनीतिक और प्रशासनिक कार्य संवेदनशील नहीं था, तो इंदौर में जो लापरवाही हुई है वो अन्य जिलों में भी हुई होगी. जिसके लिए उन्होंने मांग की है कि पूरे प्रदेश में कोरोना के डेथ ऑडिट और अन्य जो शिकायत उन्होंने दी है उनकी जांच होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्होंने न्यायालय जाने की बात कही है.

बीजेपी सरकार को ठहराया जिम्मेदार

कोरोना के आंकड़ों में बढ़ोतरी और हेराफेरी के लिए आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही कहा है कि सरकारी पद पर बैठने की आकांक्षा के साथ उन्होंने जनता की तकलीफों पर ध्यान नहीं दिया. इंदौर कलेक्टर पर लग रहे गंभीर आरोपों को लेकर कहा कि उन्होंने मसालों के परिवहन के लिए अनुमति दी, एक अवैधानिक एप बनाया और मौत के आंकड़े देर से घोषित किए. अगर प्रदेश के सबसे बड़े जिले में इतनी बड़ी लापरवाही हो सकती है, तो अन्य जिलों में लापरवाही को लेकर इंकार नहीं किया जा सकता.

भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है. प्रदेश के हॉटस्पॉट इंदौर में कोरोना के मामले अधिक हैं, जो असंवेदनशील हैं. कोरोना के मामले में इंदौर जिला प्रशासन की असंवेदनशीलता और मानवीय गतिविधियों को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने प्रधानमंत्री से शिकायत की है. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रदेश के हॉटस्पॉट शहर इंदौर में जिला प्रशासन ने कोरोना के आंकड़ों में हेराफेरी की है.

आरटीआई एक्टिविस्ट ने प्रधानमंत्री से की शिकायत

इंदौर कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग के कार्यों पर जांच की मांग

आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने प्रधानमंत्री से शिकायत करके मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अलावा इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह की विशेष भूमिका पर जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि कोरोना पीड़ित व्यक्ति को भारत सरकार और राज्य सरकार से बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और पारदर्शी कार्यप्रणाली की अपेक्षा है, लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते इंदौर हॉटस्पॉट के रूप में बदनाम हुआ है.

सभी मामलों पर हो जांच

अजय दुबे ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति की मौत कोरोना के चलते हुई है, तो उसके परिवार वालों को जानने का हक होता है, उनका मानव अधिकार होता है कि उनकी मौत कब हुई और उनकी पूरी रिपोर्ट उन्हें सौंपी जाए. इंदौर में कोरोना से हुई जो भी मौत को सार्वजनिक किया गया है, वो उनके द्वारा आवाज उठाने से किया गया है. उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों की जांच हो कि प्रशासन इस पर लापरवाह क्यों था.

लोगों की निजता के अधिकार का हनन

उन्होंने कहा कि इंदौर में कोरोना के सर्वे के नाम पर एक अंवैधानिक ऐप का निर्माण प्रशासन ने करवाया है, जिससे 14 लाख लोगों का सर्वे किया गया. जिसके लिए उनका कहना है कि कोरोना काल में लोगों की मदद करनी थी ना कि उन्हें तनाव देना था. इस सर्वे में लोगों की निजता के अधिकार का हनन हुआ है. जिसकी जांच होनी चाहिए, इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री के अलावा प्रदेश के डीजीपी को भी आवेदन दिया है. जिसमें उन्होंने साइबर अपराध के मामलों में जांच की मांग की है.

सरकार की अस्थिरता से बढ़ा कोरोना

अजय दुबे ने मध्यप्रदेश में कोरोना संकट का एक कारण सरकार की अस्थिरता को बताय है. जिसके चलते राजनीतिक और प्रशासनिक कार्य संवेदनशील नहीं था, तो इंदौर में जो लापरवाही हुई है वो अन्य जिलों में भी हुई होगी. जिसके लिए उन्होंने मांग की है कि पूरे प्रदेश में कोरोना के डेथ ऑडिट और अन्य जो शिकायत उन्होंने दी है उनकी जांच होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्होंने न्यायालय जाने की बात कही है.

बीजेपी सरकार को ठहराया जिम्मेदार

कोरोना के आंकड़ों में बढ़ोतरी और हेराफेरी के लिए आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही कहा है कि सरकारी पद पर बैठने की आकांक्षा के साथ उन्होंने जनता की तकलीफों पर ध्यान नहीं दिया. इंदौर कलेक्टर पर लग रहे गंभीर आरोपों को लेकर कहा कि उन्होंने मसालों के परिवहन के लिए अनुमति दी, एक अवैधानिक एप बनाया और मौत के आंकड़े देर से घोषित किए. अगर प्रदेश के सबसे बड़े जिले में इतनी बड़ी लापरवाही हो सकती है, तो अन्य जिलों में लापरवाही को लेकर इंकार नहीं किया जा सकता.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.