भोपाल। बीजेपी नेता रामेश्वर शर्मा के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड जुड़ गया है. देश के किसी भी विधानसभा में सबसे लंबे समय तक प्रोटेम स्पीकर बने रहने का रिकॉर्ड रामेश्वर शर्मा के नाम हो गया है. रामेश्वर शर्मा 3 जुलाई 2020 को प्रोटेम स्पीकर बने थे. हालांकि 22 जनवरी से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र की अधिसूचना के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव की भी संभावना तेज हो गई है. इस बीच ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि अध्यक्ष पद 17 साल बाद विंध्य की झोली में जा सकता है.
रामेश्वर शर्मा के नाम जुड़ा रिकॉर्ड
मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड जुड़ गया है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद गिरी कमलनाथ सरकार के बाद ही प्रदेश में शिवराज सरकार सत्ता में लौटी थी. उस समय विधानसभा अध्यक्ष रहे नर्मदा प्रजापति ने इस्तीफा दे दिया था और प्रोटेम स्पीकर बीजेपी के सीनियर सदस्य जगदीश देवड़ा को बनाया गया था. आशीष देवड़ा को शिवराज कैबिनेट में स्थान मिलने के बाद रामेश्वर शर्मा का रास्ता साफ हो गया था. 3 जुलाई को बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया. रामेश्वर शर्मा को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने की एक वजह भोपाल से सिर्फ एक मंत्री बनाया जाना रहा है.
3 जुलाई के बाद से ही रामेश्वर शर्मा प्रोटेम स्पीकर हैं. इस तरह देश की किसी भी विधानसभा में सबसे लंबे समय तक प्रोटेम स्पीकर बने रहने का रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज हो गया है. आमतौर पर प्रोटेम स्पीकर का कार्यकाल 6 महीने का ही होता है. वहीं 22 फरवरी को प्रस्तावित विधानसभा सत्र की वजह से अध्यक्ष पद का चुनाव टल गया था.
अब 'कौन' बनेगा नया अध्यक्ष
मध्यप्रदेश विधानसभा के आगामी सत्र की अधिसूचना जारी कर दी गई है. सत्र 22 फरवरी से 26 मार्च तक चलेगा. इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के नाम को लेकर मंथन शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि बीजेपी जल्द ही विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नाम तय कर करेगी. पिछले दिनों प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन मंत्री सुहास भगत के बीच बैठक भी हुई थी. माना जा रहा है बीजेपी विधानसभा अध्यक्ष के साथ उपाध्यक्ष के पद की भी दावेदारी कर सकती है अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे बीजेपी के वरिष्ठ विधायक गिरीश गौतम और केदारनाथ शुक्ला का नाम सबसे आगे हैं.
अजय विश्नोई पद के लिए ठोक चुके हैं ताल
वहीं जबलपुर के वरिष्ठ नेता और विधायक अजय विश्नोई पहले ही खुल कर बोल चुके हैं कि शिवराज कैबिनेट में विंध्य और महाकौशल को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. इन्ही समीकरण के चलते माना जा रहा है कि अगला विधानसभा अध्यक्ष विंध्य क्षेत्र से हो सकता है. अगर ऐसा होता है तो विंध्य क्षेत्र से 17 साल बाद कोई विधानसभा अध्यक्ष बनेगा. गौरतलब है कि विंध्य क्षेत्र के श्रीनिवास तिवारी 1993 से 2003 तक विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं. उधर बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण नापित के मुताबिक विधानसभा का अगला अध्यक्ष कहां से होगा, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है है. लेकिन यह पार्टी स्तर पर ही तय होगा कि पार्टी जिसको तय करेगी, उसी के सिर पर विधानसभा अध्यक्ष सजेगा.