भोपाल। रमजान माह की शुरूआत हो चुकी है. इस्लामिक कैलेंडर का यह महीना त्याग, सेवा, समर्पण और भक्ति का मानक है. इस्लाम में रमज़ान या रमदान को बेहद पवित्र माना जाता है, इस दौरान सभी इस्लामिक लोग रोजा रखते हैं. हालांकि इस बार कोरोना वायरस के खौफ के बीच रोजा पड़ा है. 30 दिन चलने वाले इस पवित्र माह की शुरूआत शहर काजी भोपाल मुश्ताक अली नदवी के चांद दिखने के ऐलान से हुई.
रमजान का पहला रोजा सब्र और सुकून से मुकम्मल तो हुआ, लेकिन जो रमजान की रौनक थी वह सब फीकी फीकी रही. रमजान जोश के साथ मनाया जाता था, जोकि दिखने में नहीं आया. अजान तो हो रही थी, लेकिन मस्जिद में ताले लगे हैं. मुस्लिम धर्मावलंबी मस्जिदों में नहीं जाकर जिला प्रशासन के दिशा निर्देशों के अनुरूप अपने अपने घरों पर ही इबादत कर रहे हैं
रमजान आते ही पहले बाजार सजाए जाते थे, अब चोरी छुपे दुकानें लग रही हैं और लोग अपने हालात के हिसाब से थोड़ा थोड़ा सामान खरीद कर रमजान मना रहे हैं और प्रशासन के तमाम आदेशों का भी पालन कर रहे हैं. भोपाल के रोजदारों का कहना है कि अच्छे रहें अगली साल अच्छे से रमजान मनाएंगे.