भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर से बनकर चलने वाली 39 ट्रेनों में यात्रियों के लिए सिर की चंपी और पैरों की मालिश की सुविधा मुहैया कराने के रेल मंत्रालय के फैसले से यात्री खुश हैं, मगर उनका कहना है कि चंपी और मालिश का टाइम कम और कीमत ज्यादा रखी गई है.
रेल मंत्रालय ने दो दिन पहले ही इंदौर से चलने वाली 39 ट्रेनों में सिर की चंपी और पैरों की मालिश की योजना को मंजूरी दी थी. ये मंजूरी नई इनोवेटिव नन-फेयर रेवेन्यू आइडिया स्कीम (NINFRIS) पॉलिसी के तहत दी गई है. इस योजना में शामिल गाड़ियों में तीन से पांच मालिश करने वाले उपलब्ध रहेंगे. यात्रियों को मालिश की सुविधा आरक्षित और वातानुकूलित डिब्बों में मुहैया कराई जाएगी.
रेलवे सूत्रों का कहना है कि मालिश सुविधा लेने के एवज में यात्री को 100 रुपये से 300 रुपये तक का भुगतान करना होगा. मालिश की अवधि 15 से 20 मिनट के बीच होगी, यात्रियों को ये सुविधा ट्रेन में सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक मिलेगी. हर ट्रेन में मालिश के लिए कुछ बर्थों का निर्धारण किया जाएगा, ताकि अन्य यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो. इसी माह के अंत से शुरू होने वाली चंपी और मालिश की सुविधा से यात्रियों में खुशी है, मगर समय और तय की गई दर पर वे सवाल उठा रहे हैं.
भोपाल की अरेरा कॉलोनी निवासी आशीष शर्मा का कहना है कि ये सुविधा बुजुर्गों के लिए काफी लाभदायक होगी क्योंकि लंबी यात्रा करने पर बुजुर्गों को पैर और सिर के भारीपन की शिकायत होने लगती है, वे चलती गाड़ी में घूम नहीं सकते और गाड़ियां स्टेशन पर ज्यादा देर रुकती नहीं हैं. ऐसे में चंपी और मालिश की सुविधा उन्हें राहत देगी, मगर रेल मंत्रालय ने जो दर तय की है, वह ज्यादा है.
इंदौर निवासी शांति देवी कहती हैं कि सरकार की ये पहल यात्रियों के लिए अच्छी मानी जाएगी, इससे यात्रियों को लाभ होगा, मन भी बहलेगा, एक से ज्यादा दिन की यात्रा थकाऊ व उबाऊ हो जाती है, ऐसे में ये सुविधा राहत देगी. सुविधा तो अच्छी है मगर जो रेट तय किए गए हैं, वह काफी ज्यादा है. रेल मंत्रालय को दर कम करना चाहिए और गाड़ियों में अन्य सुविधाओं पर भी ध्यान देना चाहिए, जैसे सुरक्षा, टॉयलेट आदि की साफ-सफाई. वातानुकूलित डिब्बों के प्रवेश द्वारों पर सीसीटीवी लगाए जाएं तो यात्रियों में सुरक्षा के प्रति भरोसा बढ़ेगा.
इंदौर निवासी राकेश चंद्र का कहना है कि रेल मंत्रालय ने गाड़ियों के निर्धारण में जल्दबाजी कर दी क्योंकि कई गाड़ियां ऐसी हैं, जो रात 10 बजे के लगभग इंदौर से रवाना होंगी. उदाहरण के तौर पर इंदौर से नागपुर जाने वाली गाड़ी का समय रात 9 बजकर 25 मिनट है और मालिश का समय रात 10 बजे तक है. दूसरी ओर दर ज्यादा है और मालिश का समय कम है.
रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, मालिश के काम में सेवाएं देने वाले ठेकेदार और कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच किए जाने के बाद परिचय पत्र जारी किए जाएंगे.