भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों कई शहरों में उपभोक्ता बढ़े हुए बिजली बिल से परेशान हैं. राजधानी भोपाल के हालात भी कुछ इसी तरह की है. सूबे की सरकार ने जनता को सस्ती बिजली बिजली देने का वादा तो किया था, लेकिन इन वादों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. उपभोक्ता बढ़े हुए बिजली बिल से परेशान हैं और ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन उनसे आश्वासन के तौर पर आवेदन ले लिया जाता है, लेकिन जिम्मेदार सफाई कुछ और ही दे रहे हैं.
मनमाने बिजली बिल से परेशान उपभोक्ता
दरअसल शिवराज सरकार के ऐलान के बावजूद बिजली उपभोक्ताओं की परेशानियां कम होती नजर नहीं आ रही हैं, उपभोक्ताओं को लगातार बढ़े हुए बिल भेजे जा रहे हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि, अप्रैल- मई में उनके बिल कम आए थे, लेकिन जुलाई और अगस्त में बिल हजारों में आ रहे हैं. कई बार शिकायत करने के बाद भी इस समस्या का समाधान बिजली विभाग की तरफ से नहीं किया जा रहा है.
एलान के बावजूद जनता से मजाक
बता दे कि, शिवराज सरकार ने ऐलान किया था कि, अप्रैल में जिनका बिल 100 रुपए आया था, उनका बिल भी हजारों रुपए आ रहा है. इधर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के एमडी विशेष गढ़पाले के अनुसार नियम के हिसाब से डेढ़ सौ यूनिट तक 100 रुपए बिल तय किया गया है, डेढ़ सौ यूनिट से यदि एक भी यूनिट ज्यादा बिजली खर्च होती है, उसके आगे 10 रुपए प्रति यूनिट के रेट से चार्ज बढ़ जाता है.
जिम्मेदार महज देते हैं आश्वासन
बिजली विभाग का कहना है कि, उदाहरण के लिए यदि 151 यूनिट बिजली की खपत होती है, तो उस व्यक्ति का बिल करीब एक हजार से ज्यादा का आएगा. फिर भी यदि ऐसी कोई समस्या है, तो उसको लेकर बिल सुधार शिविर लगाया गया है, जिसमें अभी तक करीब 35 सौ समस्याओं का निराकरण किया जा चुका है. इसके साथ ही आने वाले समय में सरकार के आदेश पर 1 सितंबर से 15 तक फिर से अलग-अलग स्थानों पर शिविर लगाकर जनता की परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा.
सरकार कोई भी हो जनता परेशान होती है
हालांकि यह पहला मौका नहीं है, इसके पहले भी कई बार बढ़े हुए बिजली के बिलों को लेकर राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिले हैं. इससे पहले कमलनाथ सरकार के दौरान भी बढ़े हुए बिजली के बिलों को लेकर बीजेपी के पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह ने सरकार के खिलाफ आंदोलन करते हुए विधानसभा का घेराव भी किया था, लेकिन तब भी हालात वही थे जो हालात आज हैं.
लॉकडाउन का हवाला
ज्यादा बिजली बिल को लेकर वरिष्ठ अफसरों का कहना है कि, खपत के आधार पर ही बिल आ रहे हैं. इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के चलते लोग ज्यादा से ज्यादा घरों में रह रहे हैं, ऐसे में बिजली की खपत भी ज्यादा हो रही है. बिजली का बिल ज्यादा आना स्वाभाविक है.
उपचुनाव में दिख सकता है असर !
आने वाले समय में प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. कांग्रेस की सस्ती बिजली का मुद्दा लोगों को कितना लुभाता है ये तो वक्त ही बताएगा.