भोपाल। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री का बयान उनके लिए मुसीबत बनता जा रहा है. बयान के विरोध में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में उनके खिलाफ वाहन रैली निकाली गई. कलचुरी समाज ने कथावाचक पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर हैहय समाज के आराध्य देव भगवान राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु का अपमान करने का आरोप लगाया है. कलचुरी समाज ने चेतावनी दी है कि यदि कथावाचक ने अपने बयान को लेकर माफी नहीं मांगी, तो उनके खिलाफ आपराधिक मामला पंजीबद्ध कराया जाएगा.
यह है पूरा मामला: दरअसल पिछले दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वे हैहयवंश और भगवान राजराजेश्वर को लेकर टिप्पणी करते दिखाई दे रहे हैं. उनके इस बयान को लेकर कलचुरी समाज ने कड़ी नाराजगी जताई. उनके बयान के विरोध में कलचुरी समाज द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. समाज का कहना है कि बागेश्वर धाम की टिप्पणी से उनकी भावनाए आहत हुई हैं. हालांकि इसके बाद कथावाचक द्वारा अपने बयान को लेकर खेद जताया जा चुका है.
वीडियो जारी कर जताया था खेद: पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने पिछले दिनों अपने अधिकृत सोशल मीडिया पर एक वीडिया पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि पिछले कुछ दिनों से एक विषय मेरे संज्ञान में आया है. एक चर्चा के दौरान मैंने भगवान परशुरामजी और महाराज सहस्त्रबाहू अर्जुनजी के मध्य हुए युद्ध के बारे में टिप्पणी की थी. हमारा उद्देश्य किसी भी समाज अथवा वर्ग की भावनाओं को आहत करने का नहीं है. हमारे किसी शब्द से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो इसका हमें खेद है.
समाज माफी मांगने पर अड़ा: हालांकि पंडित धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा खेद व्यक्त किए जाने के बाद भी कलचुरी समाज उससे संतुष्ट नहीं है. महंत द्वारा माफी मांगने को लेकर कलचुरी समाज अड़ा है. इसको लेकर भोपाल में कलचुरी समाज द्वारा वाहन रैली निकाली गई और महंत से मांफी मांगने की मांग की गई. समाज के उपाध्यक्ष एलएन मालवीय का कहना है कि यदि महंत ने मांफी नहीं मांगी तो जल्द ही भोपाल में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा और मामले को कोर्ट में भी लेकर जाएंगे.
हैहयवंश और कलचुरी समाज के अराध्य: हैहयवंश के आराध्य देव राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु माने जाते हैं. उन्हें कलार यानी कलचुरी समाज, भावसार और खत्री समाज भी अपना आराध्य मानती है. मध्यप्रदेश में महेश्वर में हैहय वंशियों का धाम है. यहां भगवान राज राजेश्वर का प्राचीन मंदिर भी स्थापित है.