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भोपाल: पीरियड की भ्रांतियां को दूर करने के उद्देश्य से हुआ कार्यक्रम - वर्ल्ड मेंसटूरल हाइजीन डे

देश में पीरियड्स को लेकर कई तरह ही भ्रांतियां समाज में अपनी जड़ें जमाए हुए हैं.

भोपाल
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Published : May 29, 2019, 10:27 AM IST

भोपाल। भारत जैसे विकासशील देश में पीरियड्स को लेकर आज भी कई तरह ही भ्रांतियां समाज में अपनी जड़ें जमाएं बैठी है. पीरियड्स को लेकर लोगों में जागरूकता की भारी कमी है. पीरियड्स को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए भोपाल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया.

भोपाल में मासिक धर्म में जागरुकता कार्यक्रम

आयोजनकर्ता जान्हवी तिवारी ने बताया कि आज भी हमारी समाज में पीरियड्स को एक टैबू बनाकर रखा है. विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है. इसके लिए जागरूकता की जरूरत है और इसे एक सामान्य प्रक्रिया की तरह ही लेना चाहिए क्योंकि यह एक प्राकृतिक प्रकिया है. इसके लिए लोगों से बात करने चाहिए. ताकि उनकी समस्याओं को समझा जा सके.

जान्हवी तिवारी ने बताया कि भोपाल में उसके संगठन ने ओपन डिस्कशन, गेम्स और डांस प्रतियोगिता आयोजित की है. आयोजनकर्ता ने बताया कि मासिक धर्म को लेकर लोगों में जागरूकता लाने और टैबू को हटाने के लिए वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने 28 मई को वर्ल्ड मेंसटूरल हाइजीन डे घोषित किया है.

देश में आज भी उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने के कारण कई महिलाओं और किशोर लड़कियों को कई दूसरी तरह की स्वास्थ्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरत बात करने और जागरूकता लाने की है.

भोपाल। भारत जैसे विकासशील देश में पीरियड्स को लेकर आज भी कई तरह ही भ्रांतियां समाज में अपनी जड़ें जमाएं बैठी है. पीरियड्स को लेकर लोगों में जागरूकता की भारी कमी है. पीरियड्स को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए भोपाल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया.

भोपाल में मासिक धर्म में जागरुकता कार्यक्रम

आयोजनकर्ता जान्हवी तिवारी ने बताया कि आज भी हमारी समाज में पीरियड्स को एक टैबू बनाकर रखा है. विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है. इसके लिए जागरूकता की जरूरत है और इसे एक सामान्य प्रक्रिया की तरह ही लेना चाहिए क्योंकि यह एक प्राकृतिक प्रकिया है. इसके लिए लोगों से बात करने चाहिए. ताकि उनकी समस्याओं को समझा जा सके.

जान्हवी तिवारी ने बताया कि भोपाल में उसके संगठन ने ओपन डिस्कशन, गेम्स और डांस प्रतियोगिता आयोजित की है. आयोजनकर्ता ने बताया कि मासिक धर्म को लेकर लोगों में जागरूकता लाने और टैबू को हटाने के लिए वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने 28 मई को वर्ल्ड मेंसटूरल हाइजीन डे घोषित किया है.

देश में आज भी उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने के कारण कई महिलाओं और किशोर लड़कियों को कई दूसरी तरह की स्वास्थ्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरत बात करने और जागरूकता लाने की है.

Intro:भोपाल- भारत जैसे विकासशील देश में मासिक धर्म को लेकर आज भी कई तरह ही भ्रांतियां है और उसे आज भी एक टैबूबनाकर रखा गया है। लोगों में इसके लिए जागरूकता की कमी है और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पर महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान न केवल स्वास्थ्य की बल्कि समाज की भी कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है।
इस सबके लिए जागरूकता लाने और इस टैबू को हटाने के लिए वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने 28 मई को वर्ल्ड मेंसटूरल हाइजीन डे घोषित किया गया है, जिसके तहत आज भोपाल में भी आयोजन किया गया।


Body:आज आयोजित हुए इस कार्यक्रम के बारे में आयोजनकर्ता जान्हवी तिवारी ने बताया कि आज भी हमारी सोसायटी में मासिक धर्म को एक टैबू बना कर रखा गया है पर इसके लिए जागरूकता की जरूरत है और इसे एक सामान्य प्रक्रिया की तरह ही लेना चाहिए,क्योंकि यह एक प्राकृतिक प्रकिया है।
इसके लिए लोगों से बात करने और उनमें जागरूकता लाने के लिए ओपन डिस्कशन,गेम्स और डांस आयोजित किया गया।


Conclusion:गौरतलब है कि देश में आज भी उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने के कारण कई महिलाओं और किशोर लड़कियों को कई अन्य तरह की स्वास्थ्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है और शर्म के कारण वह इस बारे में बात भी नहीं करती।
इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरत बात करने और जागरूकता लाने की है।
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