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लॉकडाउन में निजी स्कूलों ने फीस वसूलने का निकाला नया तरीका, बाल आयोग ने प्रमुख सचिव को लिखा पत्र

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Published : Apr 10, 2020, 3:01 PM IST

लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल कॉलेज बंद है, ऐसे में ऑनलाइन के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. घर पर ही छात्रों को क्लासेस दी जा रही है, लेकिन ऑनलाइन के माध्यम से सिलेबस कंप्लीट कराकर अब निजी स्कूल अभिभावकों से फीस वसूलने पर उतारू हो चुके हैं. कई निजी स्कूलों ने अप्रैल माह की फीस के लिए अभिभावकों को नोटिस दे दिया है, जिसको लेकर बाल आयोग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी को पत्र लिखकर सिलेबस पर रोक लगाने की मांग की है.

Private schools
लॉकडाउन के चलते

भोपाल। लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल कॉलेज बंद है, ऐसे में ऑनलाइन के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. घर पर ही छात्रों को क्लासेस दी जा रही है, ऑनलाइन सिलेबस कंप्लीट करवाकर अब निजी स्कूल अभिभावकों से फीस वसूलने में जुटे हैं. कई निजी स्कूलों ने अप्रैल माह की फीस के लिए अभिभावकों को नोटिस दे दिया है, जिसको लेकर बाल आयोग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी को पत्र लिखकर सिलेबस पर रोक लगाने की मांग की है.

बाल आयोग ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर मांग की गई है कि, अगर छात्रों को ऑनलाइन कक्षाएं देनी हैं, तो बच्चों को ज्ञानवर्धक बातें ऑनलाइन बताएं, ना कि सिलेबस पर जोर दें, क्योंकि सिलेबस की पढ़ाई लॉकडाउन के बाद भी हो सकती है. कक्षा में बैठकर छात्र ठीक तरह से सिलेबस कंप्लीट कर पाएंगे. इतना ही नहीं ऑनलाइन पढ़ाई के बहाने कॉपी किताब खरीदने पर अभिभावकों को मजबूर किया जा रहा है. ऐसे में पुस्तक विक्रेता की मिलीभगत से घर पहुंच सेवा देने के लिए भी ये लोग तैयार हैं, भले ही किताबों के माध्यम से संक्रमण घर तक क्यों न पहुंच जाए.


बाल आयोग सदस्य बृजेश चौहान ने बताया कि, इन दिनों सभी व्यवसाय बंद है, ऐसे में आर्थिक तंगी झेलने वाले अभिभावकों पर निजी स्कूल मोटी रकम ऐठने के लिए दबाव बना रहे हैं, जिससे वे मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं. बाल आयोग के सदस्य ने कहा कि, लॉकडाउन खोलने के बाद सिलेबस कंप्लीट हो सकता है लेकिन ऑनलाइन के बहाने अभिभावकों पर दबाव बनाना ठीक नहीं है.

भोपाल। लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल कॉलेज बंद है, ऐसे में ऑनलाइन के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. घर पर ही छात्रों को क्लासेस दी जा रही है, ऑनलाइन सिलेबस कंप्लीट करवाकर अब निजी स्कूल अभिभावकों से फीस वसूलने में जुटे हैं. कई निजी स्कूलों ने अप्रैल माह की फीस के लिए अभिभावकों को नोटिस दे दिया है, जिसको लेकर बाल आयोग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी को पत्र लिखकर सिलेबस पर रोक लगाने की मांग की है.

बाल आयोग ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर मांग की गई है कि, अगर छात्रों को ऑनलाइन कक्षाएं देनी हैं, तो बच्चों को ज्ञानवर्धक बातें ऑनलाइन बताएं, ना कि सिलेबस पर जोर दें, क्योंकि सिलेबस की पढ़ाई लॉकडाउन के बाद भी हो सकती है. कक्षा में बैठकर छात्र ठीक तरह से सिलेबस कंप्लीट कर पाएंगे. इतना ही नहीं ऑनलाइन पढ़ाई के बहाने कॉपी किताब खरीदने पर अभिभावकों को मजबूर किया जा रहा है. ऐसे में पुस्तक विक्रेता की मिलीभगत से घर पहुंच सेवा देने के लिए भी ये लोग तैयार हैं, भले ही किताबों के माध्यम से संक्रमण घर तक क्यों न पहुंच जाए.


बाल आयोग सदस्य बृजेश चौहान ने बताया कि, इन दिनों सभी व्यवसाय बंद है, ऐसे में आर्थिक तंगी झेलने वाले अभिभावकों पर निजी स्कूल मोटी रकम ऐठने के लिए दबाव बना रहे हैं, जिससे वे मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं. बाल आयोग के सदस्य ने कहा कि, लॉकडाउन खोलने के बाद सिलेबस कंप्लीट हो सकता है लेकिन ऑनलाइन के बहाने अभिभावकों पर दबाव बनाना ठीक नहीं है.

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