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जौरा उपचुनाव: राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू, विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन से खाली हुई है सीट

पिछले दिनों कांग्रेस के मुरैना जिले की जौरा विधानसभा के विधायक बनवारी लाल शर्मा का लंबी बीमारी के बाद निधन होने के बाद अब 6 महीने के अंदर जौरा विधानसभा के उपचुनाव होंगे. ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

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Published : Jan 14, 2020, 11:12 PM IST

Jaura by-election
जौरा उपचुनाव

भोपाल। पिछले दिनों कांग्रेस के मुरैना जिले की जौरा विधानसभा के विधायक बनवारी लाल शर्मा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. उनके निधन को करीब एक महीना बीत चुका है और 6 महीने के अंदर जौरा विधानसभा के उपचुनाव संपन्न होंगे. ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

जौरा उपचुनाव के लिए बीजेपी-कांग्रेस की तैयारी शुरू

एक तरफ सत्ताधारी दल कांग्रेस को जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भरोसा है, तो कमलनाथ सरकार के एक साल के कामकाज से जीत की उम्मीद है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी पूरी ताकत के साथ उप चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और कांग्रेस की गुटबाजी में अपनी जीत का फार्मूला तलाश रही है. फिलहाल चुनाव आयोग ने जौरा विधानसभा का उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं किया है. लेकिन दोनों राजनीतिक दलों ने जीत के लिए अपने मोहरे तलाश करना शुरू कर दिया है.

उपचुनाव की स्थिति को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि बहुत दुखद है कि बनवारी लाल शर्मा के निधन के बाद जौरा में उपचुनाव की स्थितियां बनी हैं. एक संवैधानिक प्रक्रिया है कि वहां पर उपचुनाव संपन्न होंगे. जहां तक ज्योतिरादित्य सिंधिया का विषय है, तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2008 से लेकर जब-जब ग्वालियर चंबल संभाग में उपचुनाव हुआ है. तो सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीता है. इस बार भी कांग्रेस मुख्यमंत्री कमलनाथ और सिंधिया के नेतृत्व में उप चुनाव जीतेगी.

वहीं बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि दिवंगत विधायक के कारण जौरा विधानसभा के उपचुनाव 6 महीने के भीतर होंगे. बीजेपी उपचुनाव प्रतिबद्धता के साथ लड़ेगी. पूरी क्षमता और पूरी ताकत के साथ लड़ेगी. जनता में कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश है. कांग्रेस के हाल तो ये हैं कि जौरा में सिंधिया की कांग्रेस अलग है, दिग्विजय सिंह की कांग्रेस अलग और कमलनाथ की कांग्रेस कहीं काम ही नहीं कर रही है.

भोपाल। पिछले दिनों कांग्रेस के मुरैना जिले की जौरा विधानसभा के विधायक बनवारी लाल शर्मा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. उनके निधन को करीब एक महीना बीत चुका है और 6 महीने के अंदर जौरा विधानसभा के उपचुनाव संपन्न होंगे. ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

जौरा उपचुनाव के लिए बीजेपी-कांग्रेस की तैयारी शुरू

एक तरफ सत्ताधारी दल कांग्रेस को जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भरोसा है, तो कमलनाथ सरकार के एक साल के कामकाज से जीत की उम्मीद है. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी पूरी ताकत के साथ उप चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और कांग्रेस की गुटबाजी में अपनी जीत का फार्मूला तलाश रही है. फिलहाल चुनाव आयोग ने जौरा विधानसभा का उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं किया है. लेकिन दोनों राजनीतिक दलों ने जीत के लिए अपने मोहरे तलाश करना शुरू कर दिया है.

उपचुनाव की स्थिति को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि बहुत दुखद है कि बनवारी लाल शर्मा के निधन के बाद जौरा में उपचुनाव की स्थितियां बनी हैं. एक संवैधानिक प्रक्रिया है कि वहां पर उपचुनाव संपन्न होंगे. जहां तक ज्योतिरादित्य सिंधिया का विषय है, तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2008 से लेकर जब-जब ग्वालियर चंबल संभाग में उपचुनाव हुआ है. तो सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीता है. इस बार भी कांग्रेस मुख्यमंत्री कमलनाथ और सिंधिया के नेतृत्व में उप चुनाव जीतेगी.

वहीं बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि दिवंगत विधायक के कारण जौरा विधानसभा के उपचुनाव 6 महीने के भीतर होंगे. बीजेपी उपचुनाव प्रतिबद्धता के साथ लड़ेगी. पूरी क्षमता और पूरी ताकत के साथ लड़ेगी. जनता में कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश है. कांग्रेस के हाल तो ये हैं कि जौरा में सिंधिया की कांग्रेस अलग है, दिग्विजय सिंह की कांग्रेस अलग और कमलनाथ की कांग्रेस कहीं काम ही नहीं कर रही है.

Intro:भोपाल। पिछले दिनों कांग्रेस के मुरैना जिले की जौरा विधानसभा के विधायक बनवारी लाल शर्मा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। उनके निधन को करीब 1 महीना बीत चुका है और 6 माह के अंदर जौरा विधानसभा के उपचुनाव संपन्न होंगे।ऐसी स्थिति में मप्र के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल बीजेपी और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. एक तरफ सत्ताधारी दल कांग्रेस को जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भरोसा है। तो कमलनाथ सरकार के 1 साल के कामकाज से जीत की उम्मीद है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी पूरी ताकत के साथ उप चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और कांग्रेश की गुटबाजी में अपनी जीत का फार्मूला तलाश रही है. फिलहाल चुनाव आयोग ने जौरा विधानसभा का उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं किया है। लेकिन दोनों राजनीतिक दलों ने जीत के लिए अपने मोहरे तलाश करना शुरू कर दिया है।


Body:दरअसल जौरा विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर चंबल संभाग के अंतर्गत आता है। जहां पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भारी जीत हासिल की थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण ग्वालियर चंबल इलाके में कांग्रेस का प्रदर्शन शानदार रहा था। लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन उतना ही निराशाजनक रहा और यहां तक कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी चुनाव हार गए। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में दौरे तेज कर दिए हैं और लगातार वह अपने समर्थकों नेता और कार्यकर्ताओं के संपर्क में हैं। जौरा विधानसभा को लेकर कांग्रेस को ज्योतिरादित्य सिंधिया के करिश्माई व्यक्तित्व और मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार के एक साल के कामकाज पर भरोसा है।

वहीं दूसरी तरफ बीजेपी कांग्रेस की गुटबाजी में अपनी जीत का फार्मूला तलाश रही है। बीजेपी का कहना है कि हम पूरी प्रतिबद्धता और ताकत के साथ चुनाव लड़ेंगे।बीजेपी का कहना है कि कमलनाथ सरकार के कामकाज से प्रदेश का हर वर्ग परेशान हैं । वहीं दूसरी तरफ जौरा विधानसभा क्षेत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया का गुट और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का गुट आमने-सामने हैं। इसी वजह से बीजेपी अपनी जीत की संभावना तलाश रही है।


Conclusion:उपचुनाव की स्थिति को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि बहुत दुखद है कि बनवारी लाल शर्मा के निधन के बाद जोरा में उपचुनाव की स्थितियां बनी हैं। एक संवैधानिक प्रक्रिया है कि वहां पर उपचुनाव संपन्न होंगे। जहां तक ज्योतिरादित्य सिंधिया का विषय है। तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2008 से लेकर जब-जब ग्वालियर चंबल संभाग में उपचुनाव हुआ है।तो सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीता है। अब जब कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और सिंधिया ग्वालियर चंबल के हमारे राजनेता हैं। इन दोनों के कांबिनेशन से जोरा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की जीत सुनिश्चित होगी। उप चुनाव की प्रक्रिया, तिथि और अन्य चीजों की घोषणा भारत निर्वाचन आयोग करेगा। कांग्रेस पार्टी की तैयारी हम लोग प्रारंभ कर देंगे। समय पर तैयारी के साथ मैदान में उतरेंगे और मुख्यमंत्री कमलनाथ और सिंधिया के नेतृत्व में उप चुनाव जीतेंगे।

वहीं दूसरी तरफ भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि दिवंगत विधायक के कारण जोरा विधानसभा के उपचुनाव 6 महीने के भीतर होंगे।भाजपा उपचुनाव प्रतिबद्धता के साथ लड़ेगी. पूरी क्षमता और पूरी ताकत के साथ लड़ेगी। जनता में कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश है। जनता का हर वर्ग लगातार पीड़ित और प्रताड़ित हो रहा है। इसलिए वहां भाजपा उम्मीदवार संभावनाओं से भरी है। कांग्रेस के हाल तो यह है कि उसी जोरा में सिंधिया की कांग्रेस अलग है।दिग्विजय सिंह की कांग्रेस अलग और कमलनाथ की कांग्रेस कहीं काम ही नहीं कर रही है।
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