इंदौर। देश और विदेश में कोरोना वायरस तांडव मचा रहा है. अभी इस वायरस की वैक्सीन नहीं मिल पाई है. हालांकि मास्क और खुद के बचाव के बाद हाइड्रोक्सीक्लोरक्वीन दवाई को इस वायरस से बचाने में संजीवनी माना जा रहा है. देश में मुंबई और अहमदाबाद के बाद सबसे ज्यादा संक्रमण वाला जिला इंदौर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई उत्पादन के बाद इस महामारी से जंग में एक और अहम भूमिका निभा रहा है.
इंदौर शहर अब कोरोना से सुरक्षा के लिए पहनी जाने वाली पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेण्ट किट तैयार कराने वाला प्रदेश का एकमात्र शहर है. जहां से पीपीई किट तैयार कर देश भर में भेजा जा रहा है. मार्च के शुरुआती दिनों से ही डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टॉफ की सुरक्षा के लिए पीपीई किट की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती थी. कोरोना के संभावित मरीजों की संख्या को देखते हुए कंटेन्मेंट क्षेत्र, क्वारंटीन क्षेत्र और क्वारंटीन क्षेत्र की व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मियों व दूसरे विभागों के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी पीपीई किट की दरकार थी.
राज्य सरकार ने शुरु की उत्पादन की व्यवस्था
इस बीच जब पूरे देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी तो स्पष्ट हो गया था कि लॉकडाउन के दौरान पीपीई किट की आपूर्ति अन्य राज्यों से भी होना मुश्किल है. वहीं दूसरे देशों से भी लॉकडाउन के हालातों में आयातित कर पाना संभव नहीं था क्योंकि इसकी मांग पूरे विश्व में भी थी. नतीजतन राज्य सरकार ने पीपीई किट के उत्पादन की स्थानीय व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश औद्योगिक केंद्र विकास निगम इंदौर को दिए थे.
कच्चे तेल की उपलब्धता तय करने के दिए निर्देश
इंदौर के आसपास भी पीपीई किट का निर्माण करने वाली कोई यूनिट नहीं होने के चलते प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस ने गुजरात, महाराष्ट्र और बेंगलुरू के Non woven polypropylene के उत्पादकों से चर्चा के बाद लगभग दो लाख किट के लिए आवश्यक कच्चे माल की उपलब्धता तय करने के निर्देश दिए. इसके बाद पीपीई किट बनाने का जिम्मा इंदौर की वस्त्र उद्योग कंपनी प्रतिभा सिंटेक्स को सौंपा गया. जहां अब बड़े पैमाने पर देश भर के लिए किट तैयार किया जा रहा है.
टेस्टिंग में उपयुक्त पाए गए किट
टेस्टिंग में उपयुक्त पाए गए किट औद्योगिक केंद्र विकास निगम के एमडी कुमार पुरुषोत्तम का कहना है कि प्रतिभा सिंटेक्स के साथ दूसरी कंपनियों इनोवेटिव, पेपकॉन व ट्रेंड्स अपेरल को जोड़ा गया है. इसके बाद किट के लिए प्रोटोटाइप Hazmat suit का सैंपल प्रतिभा सिंटेक्स द्वारा तैयार किया गया. इसे टेस्टिंग के लिए डीआरडीओ ग्वालियर भेजा गया. टेस्टिंग में दोनों प्रकार के किट उपयुक्त पाये गए, जिनमें एक डॉक्टरों के लिये और दूसरा पैरामेडिकल स्टॉफ व अन्य कर्मचारियों के लिए तैयार किया गया.
हर दिन बनेगी 10 हजार किट
यहां 10 हजार किट रोज बनेगी. इंदौर में 28 मार्च से अब तक पीपीई किट बनाने की क्षमता 7000 से 8000 किट प्रतिदिन तक पहुंच गई है. उत्पादन को और अधिक बढ़ाने व पूरे राज्य की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर करने के लिए ट्रायडेंट लिमिटेड, बुधनी को भी उत्पादन के लिए जोड़ा गया है. अब माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश आगामी सप्ताह से प्रतिदिन 10 हजार किट बनाने की स्थिति में होगा.