भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल भले ही देश की सबसे स्वच्छ राजधानी हो लेकिन यहां की आबोहवा तेजी से प्रदूषित हो रही है. भोपाल में हवा की गुणवत्ता में पिछले कुछ सालों में गिरावट आई है. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक शहर के टीटी नगर क्षेत्र की एयर क्वालिटी चिंताजनक है. गुरुवार को ली गई एयर क्वालिटी के नमूनों में पीएम 2.5 का स्तर सामान्य से 3 गुना से ज्यादा 316 पाया गया है, जबकि यह 100 होना चाहिये. ऐसा ही हाल भोपाल के अन्य क्षेत्रों का भी है.
यह स्थिति तब है जब इसको लेकर 3 साल पहले हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को आदेश दिया था कि भोपाल की एयर क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए जाएं और 9 स्टैंडर्ड पर एयर क्वालिटी की जांच की जाए. लेकिन आदेश के बाद भी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा सिर्फ 4 स्टैंडर्ड पर एयर क्वालिटी का टेस्ट किया जा रहा है.
पूरे शहर की नहीं जांची जा रही एयर क्वालिटी
पर्यावरणविद सुभाष पांडे ने बताया कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की वेबसाइट पर सिर्फ टीटी नगर क्षेत्र की एयर क्वालिटी रिपोर्ट प्रदर्शित की जा रही है, जबकि पहले शहर के आधा दर्जन से ज्यादा स्थानों की एयर क्वालिटी रिपोर्ट प्रदर्शित की जाती थी. उन्होंने 2016 में शहर की प्रदूषित हो रही एयर क्वालिटी को लेकर हाईकोर्ट में अपील की थी. उस दौरान शहर के अधिकांश स्थानों की एयर क्वालिटी चिंताजनक थी.
मॉर्निंग वॉक वाले हो जाएं सावधान
पर्यावरणविद सुभाष पांडे ने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों को सुझाव दिया कि जो लोग मोर्निंग वॉक पर जाते हैं, उनके लिए सुबह की हवा बहुत हानिकारक हो सकती है. भोपाल में कई स्थानों पर सामान्य से 5 से 6 गुना तक प्रदूषण लेवल बढ़ा हुआ है. ऐसे में मोर्निंग वॉक पर जाने वाले लोग बीमार भी हो सकते हैं.
जब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ही प्रदूषण को छिपाने में लगा हुआ है तो ऐसे में भोपाल में प्रदूषण को नियंत्रित कौन करे. अगर समय रहते बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए तो मध्य प्रदेश की राजधानी की स्थिति भी देश की राजधानी दिल्ली जैसी हो सकती है.