भोपाल। मध्यप्रदेश में महिला और बाल अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है. लिहाजा पुलिस मुख्यालय ने अब महिला और बच्चों के कानूनी अधिकारों को लेकर जन जागरण कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है. पुलिस मुख्यालय की महिला अपराध शाखा महिलाओं और बच्चों से जुड़े कानूनी अधिकारों को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है.
दरअसल महिला और बाल अपराधों में पीड़ितों के पास विशेष कानूनी अधिकार होते हैं, जिसके तहत पीड़ित महिला की एफआइआर केवल महिला अधिकारी को ही लिखनी होती है. इसके अलावा अगर पीड़ित महिला चाहे तो निवास के बाहर भी किसी वैकल्पिक स्थान पर एफआईआर लिखवाने का प्रावधान है. इसी तरह यौन अपराधों में लिप्त 16 से 18 साल के बालकों के खिलाफ भी वयस्क व्यक्ति की तरह सक्षम न्यायालय द्वारा विचारण करने का आदेश दिया जा सकता है. वहीं महिला अपराध शाखा ने महिलाओं और बच्चों के कानूनी अधिकारों को लेकर जन जागरण कार्यक्रम चलाने के साथ ही पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को पोक्सो एक्ट और कानूनी प्रावधानों का बारीकी से पालन कराने संबंधी दिशा निर्देश भी जारी किए हैं.