भोपाल। झाबुआ जिले के पेटलावद में 2016 में मोहर्रम के जुलूस को रोके जाने की घटना पर गठित न्यायिक जांच आयोग का जांच प्रतिवेदन सदन में पेश किया गया. पूर्व जिला व सत्र न्यायाधीश आरके पांडे की अध्यक्षता में गठित जांच आयोग ने सरकार से आधा दर्जन सिफारिशें की हैं. आयोग ने सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए जिला और तहसील स्तर पर टीम गठिन करने के लिए कहा है.
जांच प्रतिवेदन में आयोग ने सिफारिश की है की व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी किसी भी सोशल मीडिया के जरिए यदि जन भावनाओं को भड़काने वाली कोई पोस्ट की जाती है. उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाए. धार्मिक उत्सवों के दौरान चल समारोह में संबंधित क्षेत्र के थाना द्वारा वीडियो कैमरे से रिकॉर्डिंग कराई जाए. त्योहारों पर किसी स्थान पर लोगों के इकठ्ठे होने और चल समारोह निकलने पर संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं.
सोशल मीडिया की निगरानी के लिए जिले के एसपी द्वारा तहसील स्तर पर कार्यदल का गठन किया जाए. व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन पर कानूनी दायित्व निर्धारित किए जाए. एसपी द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारी को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा जाए. वहीं कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है की जांच प्रतिवेदन सदन में रखा गया है. सरकार इसकी सिफारिशों का अध्ययन कर जरूरी कदम उठाएगी.
गौरतलब है कि अक्टूबर 2016 में पेटलावद में मोहर्रम के जुलूस को निकलने से रोकने के बाद हुए विवाद में आधा दर्जन से ज्यादा गाड़ियों को जला दिया गया था. जिससे इलाके में कर्फ्यू जैसे हालात पैदा हो गए थे. मामले को लेकर सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे.